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लाल सिंह चड्ढा का बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन मैटर नही करता, विरोध की वजह सिर्फ आमिर खान हैं

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 03 अगस्त, 2022 08:46 PM
  • 03 अगस्त, 2022 08:46 PM
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आमिर खान (Aamir Khan) की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के बायकॉट कैंपेन (Laal Singh Chaddha Boycott) के बावजूद दर्शकों का एक हिस्सा फिल्म देखेगा. और, एक इसका खुलकर विरोध करेगा. संभव है कि लाल सिंह चड्ढा हिट भी हो जाए. लेकिन, इस विवाद से आमिर खान की इमेज पर लगा बट्टा इतनी आसानी से नही हटेगा.

आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के बायकॉट कैंपेन को देखकर कहा जा सकता है कि फिल्म की बॉक्स ऑफिस सफलता या असफलता का अब कोई मायने ही नहीं रह गया है. लाल सिंह चड्ढा के खिलाफ चल रहे इस बायकॉट कैंपेन ने फिल्म के दर्शकों को दो हिस्सों में बांट दिया है. एक हिस्सा फिल्म का विरोध करते हुए बायकॉट करेगा. तो, दूसरा हिस्सा तमाम तरह के विवादों और बायकॉट कैंपेन को किनारे रखते हुए फिल्म देखने जाएगा. लेकिन, ये बात भी तय हो चुकी है कि फिल्म लाल सिंह चड्ढा के विरोध की वजह सिर्फ और सिर्फ आमिर खान हैं.

आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा भले ही हिट हो जाए. लेकिन, इससे आमिर की इमेज मिट्टी में मिल जाएगी.

फिल्म के बायकॉट से आमिर खान की खिलाफत

जिस तरह से लाल सिंह चड्ढा का बायकॉट करने की मांग कर रहे लोगों की तरह ही फिल्म का समर्थन करने वालों की भी कमी नही है. लाल सिंह चड्ढा के समर्थन में दावा किया जा रहा है कि फिल्म को ट्रोलिंग और बायकॉट से कोई फर्क नही पड़ेगा. क्योंकि, अच्छी फिल्में हमेशा से ही चलती रही है. इसके साथ ही लॉजिक दिया जा रहा है कि 2015 में आमिर खान ने देश छोड़ने की बात की थी. और, इसके अगले ही साल रिलीज हुई दंगल सुपर-डुपर हिट रही थी. इतना ही नही बॉलीवुड की मोस्ट ग्रॉसिंग फिल्म का खिताब भी दंगल ने अपने नाम कर लिया था. लेकिन, फिल्म लाल सिंह चड्ढा का समर्थन कर रहे लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं कि फिल्म के विरोध के जरिये असल विरोध आमिर खान का किया जा रहा हैं.

दरअसल, लोगों का गुस्सा आमिर खान की उन सिलसिलेवार गलतियों पर भड़का है. जो उन्होंने जाने-अनजाने में की हैं. फिल्म पीके में आमिर खान के किरदार ने बहुसंख्यक हिंदू समुदाय की भावनाओं को काफी आहत किया था. जबकि, आमिर खान जैसे एक्टर से लोग तटस्थ और धर्मनिरपेक्ष होने...

आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के बायकॉट कैंपेन को देखकर कहा जा सकता है कि फिल्म की बॉक्स ऑफिस सफलता या असफलता का अब कोई मायने ही नहीं रह गया है. लाल सिंह चड्ढा के खिलाफ चल रहे इस बायकॉट कैंपेन ने फिल्म के दर्शकों को दो हिस्सों में बांट दिया है. एक हिस्सा फिल्म का विरोध करते हुए बायकॉट करेगा. तो, दूसरा हिस्सा तमाम तरह के विवादों और बायकॉट कैंपेन को किनारे रखते हुए फिल्म देखने जाएगा. लेकिन, ये बात भी तय हो चुकी है कि फिल्म लाल सिंह चड्ढा के विरोध की वजह सिर्फ और सिर्फ आमिर खान हैं.

आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा भले ही हिट हो जाए. लेकिन, इससे आमिर की इमेज मिट्टी में मिल जाएगी.

फिल्म के बायकॉट से आमिर खान की खिलाफत

जिस तरह से लाल सिंह चड्ढा का बायकॉट करने की मांग कर रहे लोगों की तरह ही फिल्म का समर्थन करने वालों की भी कमी नही है. लाल सिंह चड्ढा के समर्थन में दावा किया जा रहा है कि फिल्म को ट्रोलिंग और बायकॉट से कोई फर्क नही पड़ेगा. क्योंकि, अच्छी फिल्में हमेशा से ही चलती रही है. इसके साथ ही लॉजिक दिया जा रहा है कि 2015 में आमिर खान ने देश छोड़ने की बात की थी. और, इसके अगले ही साल रिलीज हुई दंगल सुपर-डुपर हिट रही थी. इतना ही नही बॉलीवुड की मोस्ट ग्रॉसिंग फिल्म का खिताब भी दंगल ने अपने नाम कर लिया था. लेकिन, फिल्म लाल सिंह चड्ढा का समर्थन कर रहे लोग ये नहीं समझ पा रहे हैं कि फिल्म के विरोध के जरिये असल विरोध आमिर खान का किया जा रहा हैं.

दरअसल, लोगों का गुस्सा आमिर खान की उन सिलसिलेवार गलतियों पर भड़का है. जो उन्होंने जाने-अनजाने में की हैं. फिल्म पीके में आमिर खान के किरदार ने बहुसंख्यक हिंदू समुदाय की भावनाओं को काफी आहत किया था. जबकि, आमिर खान जैसे एक्टर से लोग तटस्थ और धर्मनिरपेक्ष होने की उम्मीद लगाए रहते हैं. वैसे, तमाम विरोध के बावजूद पीके उस समय सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई थी. इसी तरह 2015 में जब देश में असहिष्णुता पर सियासी चर्चा छिड़ी हुई थी. तो, आमिर खान ने अपनी पूर्व पत्नी किरण राव के हवाले से भारत में असहिष्णुता फैलने से बढ़े डर की बात कर मुद्दे को सियासी तूल दे दिया था.

वहीं, आमिर खान अपनी फिल्म लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग के दौरान तुर्की गए थे. तो, उन्होंने राष्ट्रपति एर्दोगान की पत्नी से मुलाकात की थी. आमिर खान ने अपनी इस मुलाकात के दौरान दावा किया था कि पूर्व पत्नी किरण राव को तुर्की बहुत पसंद है. और, वह तुर्की के माहौल को देखने के बाद यही रहना चाहती हैं. आमिर खान के इस बयान पर भी खूब हो-हल्ला मचा था. और, लोगों ने उन्हें देश-विरोधी तक घोषित कर दिया था. क्योंकि, तुर्की हमेशा से ही कश्मीर को लेकर भारत-विरोधी रुख अपनाता रहा है.

वहीं, 2018 में जब इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत के दौरे पर आए थे. तो, बॉलीवुड सितारों से मुलाकात में आमिर खान समेत पूरी 'खान तिकड़ी' ही गायब रही थी. जबकि, इजरायल और भारत के कूटनीतिक, राजनीतिक और सैन्य संबंधों के बारे में देश-दुनिया का हर शख्स जानता है. इसके बावजूद आमिर खान समेत खान तिकड़ी इस इवेंट से अलग-अलग कारणों से दूर रहे थे. खान तिकड़ी के नदारद रहने को बहुत से लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया के तौर पर पेश करते हुए इन्हें अपना 'असली हीरो' तक बता दिया था.

आमिर खान की सफाई से फिल्म हिट हो जाएगी, लेकिन इमेज पर बट्टा ही लगेगा

आमिर खान ने फिल्म लाल सिंह चड्ढा की रिलीज से पहले इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि 'कुछ लोगों को लगता है कि मुझे इस मुल्क से प्यार नहीं है. लेकिन, मैं उन्हीं लोगों से कहना चाहता हूं कि वो जैसा सोच रहे हैं, वो सच नहीं है. मुझे प्यार है अपने देश से और यहां के लोगों से. मैं उनसे यही गुजारिश करूंगा कि प्लीज मेरी फिल्म को बायकॉट न करें और थिएटर पर जाकर फिल्म देखें.' वैसे, आमिर खान ये सफाई ना भी देते तो भी जिन्हें फिल्म देखनी होती, वो लोग देखते ही. लेकिन, आमिर खान यहां भी एक चूक कर गए. उनके हिसाब से 'कुछ लोगों' को लगता है कि उन्हें भारत से प्यार नही है. तो, सीधा सा सवाल यही उठेगा कि आमिर खान इन कुछ लोगों के चक्कर में इतना परेशान क्यों हो रहे हैं?

बहुत सीधी सी बात है कि आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के पिटने से उनकी इमेज पर जो बट्टा लगेगा. उसका हिसाब आमिर खान कभी नही कर पाएंगे. आसान शब्दों में कहा जाए, तो आमिर खान अब किसी भी तरह के विवादित मामलों पर बोलने से पहले सौ बार सोचेंगे. फिलहाल सोशल मीडिया पर आमिर खान का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को गुजरात दंगों का दोषी करार देते हुए नजर आ रहे हैं. जबकि, सुप्रीम कोर्ट तक ने गुजरात दंगों के पैरोकारों की आलोचना करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी. खैर, फिल्म लाल सिंह चड्ढा सफल होती है या असफल ये तो वक्त ही बताएगा.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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