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मानते क्यों नहीं? वेश्या भी बता सकती है कौन सा शेयर खरीदो

    • आईचौक
    • Updated: 06 अप्रिल, 2016 11:31 PM
  • 06 अप्रिल, 2016 11:31 PM
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हमारे समाज में महिलाओं के टैलेंट को पुरुष किस तरह स्वीकार करते हैं, उसकी एक चुभती हुई झलक फिल्मकार इम्तियाज अली दिखा रहे हैं. पेश है इंडिया टुडे ग्रुप की यह पेशकश-

पितृ सत्ता वाले समाज में बुद्धि पर वर्चस्व का कथित दावा भी पुरुष ही करते हैं. किसी भी मुसीबत या चुनौती का सामना करते हुए यदि उनके सामने हालात दूभर होते हैं, तो वे मदद तो महिलाओं की लेते हैं, लेकिन बेहद अनमने भाव से. 'जब वी मेट', 'रॉकस्टार' जैसी तमाम शानदार फिल्में देने वाले इम्तियाज अली ने महिलाओं के कल को लेकर एक 5 मिनट की फिल्म बनाई है. इसमें महिलाओं के टैलेंट का लोहा मनवाने के लिए उन्होंने समाज के सबसे निकृष्ट समझे जाने वाले उनके वेश्या के किरदार को चुना.

 

पूरी फिल्म एक चौंका देने वाले कथानक के इर्द-गिर्द है, जब उस वेश्या के पास पहुंचा एक पुरुष शेयर बाजार में भारी गिरावट की खबर सुनकर परेशान हो जाता है. जब वेश्या उसे शेयर बाजार के बारे में कुछ सलाह देती है तो पहले वह उसे गंदे तरीके से जवाब देता है कि 'यह तेरे धंधे की बात नहीं है.' लेकिन बाद में उसकी हर बात मानने लगता है.

ये भी पढ़ें- अपनी बहू के लिए 'ग्राहक' तलाशते ससुराल वाले! कौन हैं ये...

दिलचस्प और सबसे विचारणीय पहलू है इस फिल्म का अंत जब वह पुरुष उस वेश्‍या से कहता है कि 'तुम इन्वेस्टमेंट बैंकर क्यों नहीं बन जाती.' लेकिन, वेश्या का जवाब वह नहीं है, जो आमतौर पर होता है. वह कहती है 'तुम अपना काम करो, मैं अपना कल संभालना जानती हूं.'

देखिए यह शॉर्ट फिल्म-

पितृ सत्ता वाले समाज में बुद्धि पर वर्चस्व का कथित दावा भी पुरुष ही करते हैं. किसी भी मुसीबत या चुनौती का सामना करते हुए यदि उनके सामने हालात दूभर होते हैं, तो वे मदद तो महिलाओं की लेते हैं, लेकिन बेहद अनमने भाव से. 'जब वी मेट', 'रॉकस्टार' जैसी तमाम शानदार फिल्में देने वाले इम्तियाज अली ने महिलाओं के कल को लेकर एक 5 मिनट की फिल्म बनाई है. इसमें महिलाओं के टैलेंट का लोहा मनवाने के लिए उन्होंने समाज के सबसे निकृष्ट समझे जाने वाले उनके वेश्या के किरदार को चुना.

 

पूरी फिल्म एक चौंका देने वाले कथानक के इर्द-गिर्द है, जब उस वेश्या के पास पहुंचा एक पुरुष शेयर बाजार में भारी गिरावट की खबर सुनकर परेशान हो जाता है. जब वेश्या उसे शेयर बाजार के बारे में कुछ सलाह देती है तो पहले वह उसे गंदे तरीके से जवाब देता है कि 'यह तेरे धंधे की बात नहीं है.' लेकिन बाद में उसकी हर बात मानने लगता है.

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दिलचस्प और सबसे विचारणीय पहलू है इस फिल्म का अंत जब वह पुरुष उस वेश्‍या से कहता है कि 'तुम इन्वेस्टमेंट बैंकर क्यों नहीं बन जाती.' लेकिन, वेश्या का जवाब वह नहीं है, जो आमतौर पर होता है. वह कहती है 'तुम अपना काम करो, मैं अपना कल संभालना जानती हूं.'

देखिए यह शॉर्ट फिल्म-

महिलाओं के इसी कल को लेकर इंडिया टुडे ग्रुप ने 5 फिल्में बनवाई हैं. इम्तियाज की यह फिल्म उन्हीं में से एक है.

ये भी पढ़ें- एक वेश्यालय पर छापा और वसंता की रिहाई

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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