• होम
  • सियासत
  • समाज
  • स्पोर्ट्स
  • सिनेमा
  • सोशल मीडिया
  • इकोनॉमी
  • ह्यूमर
  • टेक्नोलॉजी
  • वीडियो
होम
सिनेमा

कपिल शर्मा शो ने फूहड़ता की सीमाएं तोड़ी, और लोग हंसते रहे!

    • बिलाल एम जाफ़री
    • Updated: 12 अक्टूबर, 2021 04:54 PM
  • 12 अक्टूबर, 2021 04:54 PM
offline
किसी ज़माने में अपनी कॉमडी और टाइमिंग के दम पर दर्शकों की आंखों का तारा बने कपिल शर्मा धीरे धीरे दर्शकों की नजरों से उतर रहे हैं. बात अगर उनके लोकप्रिय शो The Kapil Sharma Show की हो तो जिस तरफ का ट्रीटमेंट वहां कॉमेडी को दिया जाता है वो कॉमेडी कम अश्लीलता और फूहड़ता ज्यादा है.

इंडियन सिनेमा और कॉमेडी का रिश्ता किसी परिचय का मोहताज नहीं है. जॉनी वॉकर, महमूद, किशोर कुमार, केश्टो मुखर्जी, असरानी कादर खान, टुनटुन तमाम कलाकार थे जिन्होंने हमें गुदगुदाया फिर दौर बदला एयर हमने जॉनी लीवर, राजपाल यादव, संजय मिश्रा जैसे एक्टर्स को लोगों को गुदगुदाते देखा. कॉमेडी सिर्फ बड़े पर्दे तक ही सीमित नहीं रही जिक्र छोटे पर्दे का हो तो यहां भी अशोक सराफ, पंकज कपूर, जसपाल भट्टी, राकेश बेदी जैसे एक्टर्स ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. क्योंकि एंटरटेनमेंट ने समय समय पर अपने को अपग्रेड किया है इसलिए एक समय वो भी आया जब कॉमेडी सिर्फ किसी सीरियल का हिस्सा नहीं रही और जनता ने कॉमेडी का ये भरा पूरा शो देखा जिसे आज हम The Kapil Sharma Show के नाम से जानते हैं. सवाल है कि क्या शो अपने उद्देश्य यानी कॉमेडी की पूर्ति कर पा रहा है? सीधा जवाब है नहीं. कपिल का शो एक ऐसा शो है जहां चाहे वो भौंडापन और बॉडी शेमिंग हो या फिर अश्लीलता और फूहड़ता शो में मिलेगा सब कुछ और अगर कुछ नहीं मिलेगा तो वो कॉमेडी होगी.

एक्टर कपिल शर्मा को समझना होगा कि वो जो कुछ कर रहे हैं वो कॉमेडी बिल्कुल नहीं है

उपरोक्त बातें शायद आपको विचलित कर दें आप पक्ष और विपक्ष दोनों के अंतर्गत अपनी प्रतिक्रियाएं दें लेकिन मौजूदा वक़्त का एक बहुत बड़ा सच यही है कि The Kapil Sharma Show में वास्तविक कॉमेडी को दरकिनार कर सिर्फ और सिर्फ अश्लीलता, फूहड़ता और भौंडेपन को तरजीह दी जा रही है.

शो में चाहे वो शिमोना हों या फिर अर्चना पूरण सिंह, चंदन प्रभाकर, कृष्णा और कीकू शारदा आप खुद से सवाल कीजिये की क्या ये लोग आपकी थाली में कॉमेडी परोस रहे हैं? ये सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि किसी का मजाक उड़ाने को, किसी की कद काठी और लुक्स को लेकर कहे जोक्स को, गाली गलौज को कॉमेडी शायद...

इंडियन सिनेमा और कॉमेडी का रिश्ता किसी परिचय का मोहताज नहीं है. जॉनी वॉकर, महमूद, किशोर कुमार, केश्टो मुखर्जी, असरानी कादर खान, टुनटुन तमाम कलाकार थे जिन्होंने हमें गुदगुदाया फिर दौर बदला एयर हमने जॉनी लीवर, राजपाल यादव, संजय मिश्रा जैसे एक्टर्स को लोगों को गुदगुदाते देखा. कॉमेडी सिर्फ बड़े पर्दे तक ही सीमित नहीं रही जिक्र छोटे पर्दे का हो तो यहां भी अशोक सराफ, पंकज कपूर, जसपाल भट्टी, राकेश बेदी जैसे एक्टर्स ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया. क्योंकि एंटरटेनमेंट ने समय समय पर अपने को अपग्रेड किया है इसलिए एक समय वो भी आया जब कॉमेडी सिर्फ किसी सीरियल का हिस्सा नहीं रही और जनता ने कॉमेडी का ये भरा पूरा शो देखा जिसे आज हम The Kapil Sharma Show के नाम से जानते हैं. सवाल है कि क्या शो अपने उद्देश्य यानी कॉमेडी की पूर्ति कर पा रहा है? सीधा जवाब है नहीं. कपिल का शो एक ऐसा शो है जहां चाहे वो भौंडापन और बॉडी शेमिंग हो या फिर अश्लीलता और फूहड़ता शो में मिलेगा सब कुछ और अगर कुछ नहीं मिलेगा तो वो कॉमेडी होगी.

एक्टर कपिल शर्मा को समझना होगा कि वो जो कुछ कर रहे हैं वो कॉमेडी बिल्कुल नहीं है

उपरोक्त बातें शायद आपको विचलित कर दें आप पक्ष और विपक्ष दोनों के अंतर्गत अपनी प्रतिक्रियाएं दें लेकिन मौजूदा वक़्त का एक बहुत बड़ा सच यही है कि The Kapil Sharma Show में वास्तविक कॉमेडी को दरकिनार कर सिर्फ और सिर्फ अश्लीलता, फूहड़ता और भौंडेपन को तरजीह दी जा रही है.

शो में चाहे वो शिमोना हों या फिर अर्चना पूरण सिंह, चंदन प्रभाकर, कृष्णा और कीकू शारदा आप खुद से सवाल कीजिये की क्या ये लोग आपकी थाली में कॉमेडी परोस रहे हैं? ये सवाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि किसी का मजाक उड़ाने को, किसी की कद काठी और लुक्स को लेकर कहे जोक्स को, गाली गलौज को कॉमेडी शायद ही कोई सभ्य इंसान कहे.

इस लेख की शुरुआत में ही हमने टीवी के कई चर्चित चेहरों का जिक्र किया है. आप याद कीजिये अशोक सराफ के लोकप्रिय सीरियल हम पांच को. सीरियल में अशोक 5 बेटियों के पिता थे. पांचों का स्वभाव अलग था. पांचों अपनी तरह से चीजों को हैंडल करती थीं और खुद ब खुद दर्शकों के चेहरे पर हंसी आ जाती थी. सीरियल की शुरुआत से लेकर अंत तक शायद ही कभी कोई ऐसा मूमेंट आया हो जब सीरियल के प्रोड्यूसर/ डायरेक्टर्स को शो को हिट कराने के लिए अश्लीलता या फूहड़पन का सहारा लेना पड़ा हो.

ऐसा ही कुछ मिलता जुलता हाल पंकज कपूर के लोकप्रिय सीरियल ऑफिस ऑफिस का था. सीरियल में सरकारी दफ्तरों में किन चुनौतियों का सामना एक आम आदमी को करना पड़ता है जैसा पंकज ने दर्शाया शायद ही कोई दर्शा पाए. होने को तो सीरियल सिस्टम पर एक तीखा व्यंग्य था लेकिन इसमें शायद ही कभी कुछ ऐसा हुआ हो जिसके चलते दर्शकों की भावना आहत हुई हो.

अब इन तमाम बातों के बाद जब हम कपिल शर्मा के लोकप्रिय शो द कपिल शर्मा का रूख करते हैं तो मिलता है कि नयेपन के नाम पर कुछ कैरेक्टर्स हैं. वो कैरेक्टर्स जो वही घिसे पिटे जोक्स सुनाते हैं जो हम बरसों से सुनते आए हैं. या फिर एक दूसरे का मजाक उड़ाते हुए लोग. एक दर्शक के रूप में आप खुद ईमानदारी से इस सवाल का जवाब दीजिये क्या आप कपिल शर्मा शो के कंटेंट या फिर एक्टर्स की एक्टिंग को कॉमेडी की संज्ञा देंगे?

वहीं जो सेलिब्रिटी प्रोमोशन के नाम पर कपिल के शो में पहुंचते हैं और कपिल उनसे जिस तरह के अटपटे सवाल करते हैं उनमें भी कुछ नया नहीं है. कई बार एक दर्शक के रूप में हमें ये महसूस होता है कि अब इस बातचीत को खत्म हो जाना चाहिए. यानी कपिल अपनी बातों से एंटरटेन कम बोर ज्यादा करते नजर आते हैं. खुद सोचिये जब स्थिति ऐसी हो तो क्या ही किसी को हंसी आएगी? कौन अपना तनाव कम करने के लिए हंसी का सहारा लेगा?

वाक़ई ये अपने आप में गहरी चिंता का विषय है कि एक एक्टर के रूप में कपिल शर्मा शो ने फूहड़ता की सीमाएं तोड़ी, और लोग थे कि जो हंसते रहे. एक एक्टर के रूप में कपिल शर्मा को इस बात को बखूबी समझना होगा कि कॉमेडी और अश्लीलता/ फूहड़ता में बाल बराबर बारीक अंतर है और वो एंटरटेनमेंट के नामपर जो कुछ भी कर रहे हैं वो किसी भी सूरत में कॉमेडी नहीं है.

अंत में हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि दूसरों को हंसाने से पहले कपिल और उनकी टीम को वास्तविक कॉमेडी जानने और समझने की आवश्यकता है. यदि वो इन बातों को जल्द से जल्द समझ गए तो बहुत अच्छा वरना आज के समय में ऑडियंस के पास ऑप्शन्स की कोई कमी नहीं है.

ये भी पढ़ें -

Amitabh Bachchan Birthday: बिग बी की जिंदगी से सीखिए 5 बड़ी बातें

Hum Do Hamare Do trailer: राजकुमार-कृति की मोहब्बत का अंजाम क्या होगा?

बेटा पकड़ा गया तो जैकी चेन ने सरेआम मांगी थी माफी, आर्यन मामले में SRK की 'परवरिश' पर उठे सवाल 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें

Read more!

संबंधि‍त ख़बरें

  • offline
    सत्तर के दशक की जिंदगी का दस्‍तावेज़ है बासु चटर्जी की फिल्‍में
  • offline
    Angutho Review: राजस्थानी सिनेमा को अमीरस पिलाती 'अंगुठो'
  • offline
    Akshay Kumar के अच्छे दिन आ गए, ये तीन बातें तो शुभ संकेत ही हैं!
  • offline
    आजादी का ये सप्ताह भारतीय सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गया है!
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.

Read :

  • Facebook
  • Twitter

what is Ichowk :

  • About
  • Team
  • Contact
Copyright © 2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today.
▲