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Amitabh Bachchan Birthday: बिग बी की जिंदगी से सीखिए 5 बड़ी बातें

    • मुकेश कुमार गजेंद्र
    • Updated: 11 अक्टूबर, 2021 05:29 PM
  • 11 अक्टूबर, 2021 05:29 PM
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बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं. फिल्म सात हिंदुस्तानी से अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाले बिग बी ने अपने जीवन में कई बार उतार-चढ़ाव देखे हैं. लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी. यही वजह है कि आज वो सदी के महानायक हैं. लोगों के दिलों की धड़कन हैं.

तू न थकेगा कभी,

तू न रुकेगा कभी,

तू न मुड़ेगा कभी,

कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

कवि और साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन की ये कविता उनके बेटे अमिताभ बच्चन के आचरण और उनके जीवन पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. अमिताभ बच्चन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. मायानगरी की आकाशगंगा में वो किसी ध्रुवतारे की तरह अटल हैं. सूरज की रौशनी की तरह उनके अभिनय की चमक हर किसी को अलौकिक करती है. चंद्रमा की तरह शीतल उनका व्यवहार लोगों में ताजगी का संचार करता है. सही मायने में अमिताभ जैसी शख्सियत सदी में एक बार ही पैदा होती है. इसलिए उनको सदी का महानायक भी कहा जाता है. बॉलीवुड के इस बिग बी का आज 79वां जन्मदिन है. वो 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में पैदा हुए थे.

एक सुपरस्टार की सफलता को तो सब देखते हैं, लेकिन इस सफलता के पीछे छिपा हुआ संघर्ष लोगों को जल्दी नजर नहीं आता. कुछ ऐसे ही फिल्मों में आने के पहले अमिताभ ने भी बहुत संघर्ष किया था. फिल्मों में आने के बाद उनकी संघर्ष की राह और कठिन हो गई. उन्होंने जो फिल्में की वे बुरी तरह फ्लॉप हो गईं. हालत यहां तक हो गई कि लोगों ने उन्हें इलाहाबाद वापस लौट जाने की सलाह तक दे डाली. लेकिन इसी बीच फिल्म 'जंजीर' के सुपरहिट हो जाने के बाद उनकी किस्मत ही पलट गई. उन्होंने जया भादुड़ी से शादी रचाई और एक के बाद एक हिट फिल्में देकर बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड बनाने लगे. उनके अभिनय का जादू सिर चढ़कर बोलने लगा.

11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में पैदा हुए अमिताभ बच्चन आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं.

लेकिन कहते हैं ना कि दिन के बाद रात और रात के बाद...

तू न थकेगा कभी,

तू न रुकेगा कभी,

तू न मुड़ेगा कभी,

कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,

अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ।

कवि और साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन की ये कविता उनके बेटे अमिताभ बच्चन के आचरण और उनके जीवन पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. अमिताभ बच्चन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. मायानगरी की आकाशगंगा में वो किसी ध्रुवतारे की तरह अटल हैं. सूरज की रौशनी की तरह उनके अभिनय की चमक हर किसी को अलौकिक करती है. चंद्रमा की तरह शीतल उनका व्यवहार लोगों में ताजगी का संचार करता है. सही मायने में अमिताभ जैसी शख्सियत सदी में एक बार ही पैदा होती है. इसलिए उनको सदी का महानायक भी कहा जाता है. बॉलीवुड के इस बिग बी का आज 79वां जन्मदिन है. वो 11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में पैदा हुए थे.

एक सुपरस्टार की सफलता को तो सब देखते हैं, लेकिन इस सफलता के पीछे छिपा हुआ संघर्ष लोगों को जल्दी नजर नहीं आता. कुछ ऐसे ही फिल्मों में आने के पहले अमिताभ ने भी बहुत संघर्ष किया था. फिल्मों में आने के बाद उनकी संघर्ष की राह और कठिन हो गई. उन्होंने जो फिल्में की वे बुरी तरह फ्लॉप हो गईं. हालत यहां तक हो गई कि लोगों ने उन्हें इलाहाबाद वापस लौट जाने की सलाह तक दे डाली. लेकिन इसी बीच फिल्म 'जंजीर' के सुपरहिट हो जाने के बाद उनकी किस्मत ही पलट गई. उन्होंने जया भादुड़ी से शादी रचाई और एक के बाद एक हिट फिल्में देकर बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड बनाने लगे. उनके अभिनय का जादू सिर चढ़कर बोलने लगा.

11 अक्टूबर 1942 को इलाहाबाद में पैदा हुए अमिताभ बच्चन आज अपना 79वां जन्मदिन मना रहे हैं.

लेकिन कहते हैं ना कि दिन के बाद रात और रात के बाद दिन आता है. कुछ उसी तरह हमारे जीवन नें समय चक्र चलता है. कभी सुख तो कभी दुख लगा रहता है. कभी असफलता, तो कभी सफलता का स्वाद चखना पड़ता है. बिग बी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. 90 के दशक में उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं. यहां तक कि उनकी कंपनी एबीसीएल पर करोड़ों का कर्ज हो गया. घर बिकने की नौबत आ गई. लेकिन अमिताभ ने हार नहीं मानी. उस विषम परिस्थिति में भी धैर्य से काम लिया. पहली बार टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति जैसा क्वीज शो होस्ट करने का फैसला किया. उनका ये फैसला उनके लिए लकी रहा. इसके बाद उनको कभी पीछे नहीं मुड़ना पड़ा.

बॉलीवुड के बिग बी अमिताभ बच्चन की जिंदगी से सीखिए ये 5 बड़ी बातें...

1. न कभी रुकें, न कभी थकें

देश के एक बड़े कवि और साहित्यकार के घर में पैदा होने के बावजूद अमिताभ बच्चन ने अपना करियर बनाने के लिए बहुत पापड़ बेले हैं. वो साल 1962 से 1969 तक कोलकाता में रहे हैं. यहां उन्होंने 7 साल में 4 अलग-अलग कंपनियों में जॉब की थी. उनकी पहली जॉब कोलकाता में ब्रिटिश कोल फर्म 'बर्ड एंड कंपनी' में बतौर एक्जीक्यूटिव लगी थी. वहां से रिजाइन के बाद दूसरी जॉब 'मैकिनन मैकेंजी' में, तीसरी 'शॉ वैलेस' में और आखिरी जॉब ब्रिटिश शिपिंग कंपनी 'ब्लैकर एंड कंपनी' में बतौर मार्केटिंग एक्जीक्युटिव लगी थी. इसके बाद उनको अभिनेता बनने की धुन सवार हुई और वो मुंबई चले आए. 6 फीट 3 इंच लंबाई और सांवली सूरत वाले अमिताभ को देखकर कोई भी फिल्म निर्माता उन्हें मौका देने को तैयार नहीं था. यहां तक कि उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो के लिए ऑडिशन दिया, लेकिन वहां भी उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी. आखिरकार फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' में उनको पहला ब्रेक मिला. इसके बाद तमाम उतार-चढ़ाव के बीच बिग बी पिछले चार दशक से फिल्म इंडस्ट्री में बने हुए हैं. उनका कद और उनकी आवाज आज उनकी पहचान बन चुकी है. बिग बी की तरह हमें भी जिंदगी में कभी हार नहीं माननी चाहिए.

2. मदद मांगने से न हिचकिचाएं

अमिताभ बच्चन में एक बड़ी खासियत यह भी है कि वो चाहें किसी भी परिस्थिति में रहे हों, कभी खुद को बड़ा नहीं समझते. जब उनके सितारे गर्दिश में थे तब भी या उनके सितारे बुलंदी पर थे तब भी. जरूरत पड़ने पर वो किसी से भी मदद मांगने से पीछे भी नहीं रहते थे. अपने करियर के शुरूआती दिनों में जब उनको कहीं काम नहीं मिल रहा था, तब उन्होंने अपनी माता जी के जरिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मदद ली थी. उनकी मां तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी बहुत अच्छी दोस्त थीं. तेजी बच्चन के कहने पर इंदिरा गांधी ने एक संस्तुति पत्र लिखा था. इसके आधार पर अमिताभ बच्चन को फिल्म सात हिन्दुस्तानी में काम करने का मौका मिला था. यह भी कहा जाता है कि इसी पत्र के आधार पर फिल्म रेशम और शेरा से सुनील दत्त को हटाकर अमिताभ को कास्ट किया गया था. इसी तरह अपने करियर के दूसरे पड़ाव में जब बिग बी की फिल्में फ्लॉप होने लगीं. उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया. काम मिलना लगभग बंद हो गया. तब उन्होंने अपने घर के पीछे ही रहने वाले यश चोपड़ा के घर जाकर काम मांगा था. इसके बाद ही उन्हें फिल्म मोहब्बतें में कास्ट किया गया था, जो कि सुपरहिट रही थी. इसमें बिग बी एक नए रूप में नजर आए थे.

3. असफलता ही आपको मजबूत बनाती है

अमिताभ बच्चन और उस वक्त के सुपरस्टार राजेश खन्ना की फिल्म आनंद साल 1971 में रिलीज हुई थी, जो सुपरहिट रही थी. इस फिल्म के बाद अमिताभ की लगातार 12 फिल्में फ्लॉप हो गईं. इसके बाद ऐसा लगा जैसे कि उनके करियर पर विराम लग जाएगा. लेकिन साल 1973 में रिलीज हुई फिल्म जंजीर ने उनकी किस्मत बदल दी. इस फिल्म के सुपरहिट होने के साथ ही बिग बी बॉलीवुड में एंग्री एंगमैन के रूप में स्थापित हो गए. इसके बाद चुपक-चुपके, दीवार और शोले जैसी कई ब्लाकबस्टर फिल्में उनकी झोली में आईं. 90 के दशक में उनका फिल्मी करियर डगमगाने लगा. हम और अग्निपथ जैसी कुछ फिल्मों को छोड़ दें, तो अधिकतर उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं. साल 1996 में उन्होंने अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड नाम से एक फिल्म कंपनी भी शुरू की, जिसमें उनके करोड़ों रुपए लग गए. ये कंपनी भी फ्लॉप हो गई, जिसके बाद उनके ऊपर करोड़ों रुपए का कर्ज हो गया. इन सभी असफलताओं के बाद भी बिग बी घबराए नहीं. उन्होंने खुद को मजबूत किया और नए सिरे से अपना काम शुरू किया. इसी दौर में उन्होंने केबीसी होस्ट किया और कई दूसरी फिल्मों में साइड रोल भी किए. इस तरह उनको दोबारा सफलता हासिल हो सकी.

4. आपको लगातार खुद को आगे बढ़ाने की जरूरत है

महानायक अमिताभ बच्चन को उनकी मेहनत और ईमानदारी के लिए जाना जाता है. हमेशा समय से सेट पर जाना, अपने किरदार के हिसाब से अपना सौ फीसदी देना, उनकी आदत में शामिल है. उन्होंने हमेशा खुद को आगे बढ़ाया है. जब भी उनके रास्ते में बाधाएं आईं, उन्होंने हिम्मत से उसका मुकाबला किया और अपने कर्तव्यपथ पर आगे बढ़ते गए. साल 1982 में फिल्म कुली के सेट पर उनके साथ हुआ हादसा भला कौन भूल सकता है. एक फाइट सीन के दौरान अभिनेता पुनीत ईस्सर ने बिग बी के पेट में एक जोरदार पंच मार दिया, जिसकी वजह से उनकी हालत गंभीर हो गई. वो बेहोश होकर सेट पर ही गिर पड़े. उनको अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी हालत बहुत ही गंभीर बताई थी. ऐसे वक्त में जब लोग हिम्मत हार जाते हैं. खुद को समय के हवाले कर देते हैं. बिग बी ने साहस किया. लोगों की प्रार्थनाओं और उनकी हिम्मत की वजह से वो ठीक हुए और अपनी फिल्म की बची हुई शूटिंग पूरी की थी. इसी तरह उन्हें मायस्थेनिया ग्रेविस नामक बीमारी का पता चला, जिसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है. इसके बावजूद फिल्म अक्स में एक स्टंट सीन के लिए वो 30 फीट की ऊंचाई से कूद गए. साल 2005 में छोटी आंत की बीमारी होने पर आईसीयू में भर्ती रहे, लेकिन ठीक होते ही अपना काम जारी रखा. आज भी 79 साल की उम्र में वो लगातार काम करते रहते हैं.

5. निराश होने की बजाय बार-बार प्रयोग करें

बॉलीवुड में कितने ऐसे अभिनेता है, जिन्होंने अपनी रीमेक फिल्म में खलनायक का किरदार निभाया हो, जिसमें वो नायक रहा हो? एक आदमी और उसकी बेटी की उम्र की लड़की के बीच रोमांस को दर्शाने का साहस कितने लोगों ने किया है, जैसा कि बिग बी ने फिल्म निशब्द में किया? इतना ही नहीं किसने प्रोजेरिया बीमारी से पीड़ित एक ऐसे बच्चे की भूमिका निभाई, जिसका पिता वास्तविक जीवन में अपना ही बेटा हो, जैसा बिग बी ने फिल्म पा में किया? इतना प्रयोग वो भी कई बार रिस्क लेकर, यदि कोई कर सकता है, तो वो हैं अमिताभ बच्चन, तभी आज उनको बॉलीवुड का शहंशाह कहा जाता है. उनकी एक अभिनेता की भूमिका को छोड़िए, वो एक गायक, एक निर्माता, एक राजनेता, एक उद्यमी, एक टीवी होस्ट और एक सक्रिय ब्लॉगर भी रहे हैं. अमिताभ बच्चन ने समय के साथ खुद को हमेशा अपडेट किया है. उन्होंने अपने साथ प्रयोग करने पर कभी हिचकिचाहट नहीं दिखाई है. हालांकि, इस प्रयोग के दौरान कई बार विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन वो कभी पीछे नहीं हुए.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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