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वो 15 बॉलीवुड फिल्में जिन्होंने साबित कर दिया कि ट्रेंड बदल रहा है

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 28 अक्टूबर, 2018 04:48 PM
  • 28 अक्टूबर, 2018 04:48 PM
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बॉलीवुड में हमेशा से ऐसी प्रथा चली आ रही थी जहां फिल्मों में लॉजिक से परे कुछ दिखाया जाता था और कहानी के नाम पर वही घिसे पिटे फॉर्मुले अपनाए जाते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से बॉलीवुड में जैसी फिल्में आई हैं उससे लग रहा है कि अब कंटेंट का ट्रेंड बदल रहा है.

भारत में फिल्में किसी व्रत की तरह है जो हर शुक्रवार आता है. जहां एक ओर भारत में हर हफ्ते देश के किसी न किसी कोने में कोई त्योहार मनाया जाता है वैसे ही बॉलीवुड में हर हफ्ते कई फिल्में रिलीज होती हैं. हिंदुस्तान दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में रिलीज करने वाला देश है. हर साल यहां कम से कम 1000 कमर्शियल फिल्में और 1500 शॉर्ट फिल्म तो रिलीज होती ही हैं, लेकिन अगर संवेदनशीलता की बात करें तो बॉलीवुड फिल्मों में कहीं न कहीं कमी रह जाती है. हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की उन फिल्मों की जहां हीरो हमेशा माचोमैन रहता है, हिरोइन हमेशा स्टॉकर के प्यार में पड़ जाती है, रेप को लेकर संवेदनशीलता अभी भी नहीं है इसी की तरह बॉलीवुड को कई मामलों में टाइपकास्ट किया जा सकता है. लेकिन अगर गौर किया जाए तो पिछले डेढ़ साल में जिस तरह की फिल्में रिलीज हुई हैं उन्हें देखकर लगता है कि वाकई बॉलीवुड का ट्रेंड बदल रहा है.

पिछले डेढ़ साल में ही ऐसी 15 से ज्यादा फिल्में आई हैं जिन्हें संवेदनशील के साथ-साथ कंटेंट में नएपन के लिए जाना जा सकता है

1. हिंदी मीडियम-

2017 मई में रिलीज हुई हिंदी मीडियम ने तो कमाल ही कर दिया था. भारत के अंग्रेजी भाषा के ट्रेंड पर तंज कसती हुई ये फिल्म बॉलीवुड में कुछ अलग कंटेंट लेकर आई थी.

2. सीक्रेट सुपरस्टार-

2017 में अक्टूबर में रिलीज हुई सीक्रेट सुपरस्टार इस बात का सीधा प्रमाण है कि कोई लो बजट फिल्म अच्छे कंटेंट के साथ कितनी बड़ी हिट हो सकती है.

3. तुम्हारी सुलू-

न तो हीरो पर फिल्म बनी, न ही गुंडों की पिटाई हुई, न ही भयानक दौलत दिखाकर एकदम राजा महाराजा वाली रौनक दिखाने की कोशिश की गई. आम सी फिल्म, आम महिला की कहानी और बहुत सादगी. इस फिल्म को...

भारत में फिल्में किसी व्रत की तरह है जो हर शुक्रवार आता है. जहां एक ओर भारत में हर हफ्ते देश के किसी न किसी कोने में कोई त्योहार मनाया जाता है वैसे ही बॉलीवुड में हर हफ्ते कई फिल्में रिलीज होती हैं. हिंदुस्तान दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में रिलीज करने वाला देश है. हर साल यहां कम से कम 1000 कमर्शियल फिल्में और 1500 शॉर्ट फिल्म तो रिलीज होती ही हैं, लेकिन अगर संवेदनशीलता की बात करें तो बॉलीवुड फिल्मों में कहीं न कहीं कमी रह जाती है. हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड की उन फिल्मों की जहां हीरो हमेशा माचोमैन रहता है, हिरोइन हमेशा स्टॉकर के प्यार में पड़ जाती है, रेप को लेकर संवेदनशीलता अभी भी नहीं है इसी की तरह बॉलीवुड को कई मामलों में टाइपकास्ट किया जा सकता है. लेकिन अगर गौर किया जाए तो पिछले डेढ़ साल में जिस तरह की फिल्में रिलीज हुई हैं उन्हें देखकर लगता है कि वाकई बॉलीवुड का ट्रेंड बदल रहा है.

पिछले डेढ़ साल में ही ऐसी 15 से ज्यादा फिल्में आई हैं जिन्हें संवेदनशील के साथ-साथ कंटेंट में नएपन के लिए जाना जा सकता है

1. हिंदी मीडियम-

2017 मई में रिलीज हुई हिंदी मीडियम ने तो कमाल ही कर दिया था. भारत के अंग्रेजी भाषा के ट्रेंड पर तंज कसती हुई ये फिल्म बॉलीवुड में कुछ अलग कंटेंट लेकर आई थी.

2. सीक्रेट सुपरस्टार-

2017 में अक्टूबर में रिलीज हुई सीक्रेट सुपरस्टार इस बात का सीधा प्रमाण है कि कोई लो बजट फिल्म अच्छे कंटेंट के साथ कितनी बड़ी हिट हो सकती है.

3. तुम्हारी सुलू-

न तो हीरो पर फिल्म बनी, न ही गुंडों की पिटाई हुई, न ही भयानक दौलत दिखाकर एकदम राजा महाराजा वाली रौनक दिखाने की कोशिश की गई. आम सी फिल्म, आम महिला की कहानी और बहुत सादगी. इस फिल्म को खास बना गई.

4. बरेली की बर्फी-

न तो बड़ा बजट, न ही बड़ी स्टारकास्ट पर सिर्फ कंटेंट और एक्टिंग के बलबूते पर ये फिल्म हिट साबित हुई. राजकुमार राव इस फिल्म के बाद से बेहद लोकप्रिय हो गए थे.

5. जॉली एलएलबी-

वैसे तो इस फिल्म की सफलता का श्रेय जॉली एलएलबी फर्स्ट को जाना चाहिए जिसे अरशद वारसी और बमन ईरानी के साथ-साथ सौरभ शुक्ला ने भी खास बनाया था, लेकिन अक्षय कुमार वाली जॉली एलएलबी 2 भी बेहद साधारण और अच्छी फिल्म थी.

6. बधाई हो-

2018 की सबसे लेटेस्ट फिल्म की बात करें तो बधाई हो अब तक 50 करोड़ कमा चुकी है और महज 6 दिन में अपनी लागत से दुगना कमाने वाली ये फिल्म भी एक आम मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी दिखाती है.

7. अंधाधुन-

हीरो जो थोड़ा खास है. स्टारकास्ट जिसे हाई प्रोफाइल नहीं कहा जाएगा. कहानी जिसके कारण इसे बॉलीवुड की सबसे बेस्ट थ्रिलर फिल्म कहा जा रहा है. बेहद आकर्षक फिल्म है जिसमें जबरन की कहानी घसीटी नहीं जा रही है.

8. स्त्री-

राजकुमार राव, श्रद्धा कपूर की इस फिल्म की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. एक लोककथा को इतनी खूबसूरती से पर्दे पर उतारना और एक ऐसे आम लड़के का किरदार गढ़ना जो ये सिखा जाए कि प्यार सिर्फ हवस में नहीं होता और लोगों की भलाई के लिए कुछ रिस्क लेने पड़ते हैं.

9. न्यूटन-

इस फिल्म के बारे में शायद कुछ कहने की जरूरत ही नहीं है. ऑस्कर एंट्री बनी इस फिल्म में सादगी बहुत अहम है.

10. करीब करीब सिंगल-

प्यार कभी भी, किसी भी उम्र में हो सकता है और ये प्यार किसी शर्त का मोहताज नहीं. करीब-करीब सिंगल में ये सिखाया है कि उम्र और समाज के बारे में सोचेंगे तो अपने बारे में कब सोचेंगे.

11. 102 नॉट आउट-

इस फिल्म के साथ भी यही हुआ कि कहानी थोड़ा हटकर थी और बुढ़ापे में भी कैसे आम जीवन को खास तरह से जिया जा सकता है ये बताया गया है.

12. कारवां-

दोस्ती कहीं भी हो सकती है, प्यार कहीं भी हो सकता है और रास्ते कई बार मंजिलों से ज्यादा बेहतर लगते हैं ये पूरी फिल्म का सार है. फिल्म में बहुत हेल्दी कॉमेडी दिखाई गई है.

13. हैप्पी भाग जाएगी-

अब इस फिल्म के साथ भी वही बात है जो जॉली एलएलबी के साथ थी. फिल्म का पहला पार्ट बहुत अच्छा था, लेकिन दूसरे वाले ने भी निराश नहीं किया.

14. सोनू के टीटू की स्वीटी-

प्यार, शादी और इन सबसे बड़ी दोस्ती. चाहें वो दोस्ती दादा और उनके दोस्त का रिश्ता दिखा रही हो या फिर पोते और उसके दोस्त की यारी.

15. रेड-

एक ही जगह पर लगभग फिल्म की पूरी शूटिंग हुई है और लोग सिर्फ यही देखने में खुश थे कि एक अफसर आखिर कैसे किसी बाहुबली की ऐसी-तैसी करता है. कंटेंट के मामले में ये फिल्म बेहद अलग और खास थी.

हां, इसके अलावा कुछ फिल्में और थीं जैसे अक्षय कुमार की पैडमैन, वरुण धवन की सुई धागा, आलिया भट्ट की राजी जिन्हें इस लिस्ट में शामिल किया जा सकता है. इन सभी फिल्मों में अगर प्यार भी दिखाया गया है तो कुछ अलग है. न तो इनके हीरो माचो मैन थे और न ही कुछ ऐसा कर रहे थे जिसे यकीन करना मुश्किल हो. बॉलीवुड की इन फिल्मों को देखकर क्या लगता है? हर फिल्म किसी आम इंसान की साधारण तरीके से दिखाई गई असाधारण लेकिन आम कहानी को ही दिखा रही है. न तो इन फिल्मों में कोई मां अपने बेटे के लिए आरती लेकर खड़ी है, न ही ऐसी भाषा और आदर्श दिखाए गए हैं जो आज के समय में नहीं चलते, न ही कोई स्कॉर्पियो उड़ रही है, न ही बड़े और भव्य सेट लगाकर सिर्फ भव्यता को दिखाया गया है.

इनमें से कोई भी फिल्म शाहरुख और सलमान की मल्टीस्टारर फिल्म नहीं है. हां, आमिर की फिल्म इस शामिल जरूर हुई है, लेकिन उसमें भी हीरो के तौर पर आमिर नहीं थे बल्कि किसी और की खास कहानी दिखा रहे थे. इस लिस्ट में दंगल को भी साबित किया जा सकता था क्योंकि वो भी किसी असली कहानी पर आधारित है. बॉलीवुड में जिस तरह से ये फिल्में आई हैं उस तरह से लगता है कि अब वाकई ट्रेंड बदल रहा है और कॉमेडी, हॉरर, सस्पेंस, थ्रिल, रोमांस, दोस्ती सब कुछ एक नए नजरिए से देखा जाने लगा है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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