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Dangerous: रामगोपाल वर्मा की फिल्म चर्चाओं में क्यों है?

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 16 मई, 2021 02:27 PM
  • 16 मई, 2021 02:27 PM
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डेंजरस (Dangerous) बहुत बोल्ड टॉपिक पर आधारित है. बिकनी, लेस्बियन किसिंग सीन्स की वजह से डेंजरस सुर्ख़ियों में है. फिल्म की कहानी दो लड़कियों के बीच प्रेम पर आधारित है, जिन्हें पुरुषों से नफ़रत है.

रामगोपाल वर्मा (रामू) ने तीन दशक के करियर में कई फ़िल्में बनाई है. इसमें सिनेमा की प्रतिनिधि फ़िल्में भी शामिल हैं जिन्होंने बॉलीवुड में नई चीजों की शुरुआत की. रामगोपाल एक जमाने में बेहतरीन और सफल फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर थे. उनके यहां कहानियों में जितनी डेप्थ, वेरायटी और प्रयोग है हिंदी में शायद ही किसी दूसरे निर्देशक के पास हो. मगर पिछले कुछ सालों से उनकी ऐसी कोई फिल्म नहीं दिखी जो पुराने बेंचमार्क के आसपास भी हो जबकि निर्देशक के रूप में वे लगातार काम कर रहे हैं. बावजूद जब भी रामू नई फिल्मों के साथ आते हैं सुर्खियां बटोर ही लेते हैं.

रामू इस साल "डेंजरस" लेकर आ रहे हैं. डेंजरस का ट्रेलर 13 मई को रिलीज हुआ था. इसके सामने आते ही रामू और उनकी फिल्म की चर्चा है. दरअसल, डेंजरस बहुत बोल्ड टॉपिक पर आधारित है. बिकनी, किसिंग सीन्स की भरमार है. फिल्म की कहानी दो लड़कियों के बीच प्रेम है. ऐसी लड़कियां जिन्हें पुरुषों से नफरत है. नफ़रत क्यों है यह फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. लेस्बियन प्रेम और उसके आसपास के अपराध पर बुनी डेंजरस को रामू देश की पहली लेस्बियन प्रेम कहानी बता रहे हैं. इसे अगले महीने 12 जून को रिलीज किया जाना है.

डेंजरस का ट्रेलर देखकर किसी तरह की कहानी तो समझ में नहीं आती. जो एक चीज समझ में आती हैं वो है लेस्बियन लव स्टोरी के नाम पर बिना मतलब के उत्तेजक सीन्स की भरमार. पूल, बीच और बेडरूम के लव मेकिंग सीन्स किसी ब्लू फिल्म का हिस्सा नजर आते हैं. बीच बीच में खून खराब भी नजर आता है. अप्सरा रानी और नैना गांगुली लेस्बियंस की भूमिका में हैं.

हीरोइनों को जितना बोल्ड और ब्यूटीफुल दिखाया जा सकता था, रामू ने डेंजरस में लेस्बियन स्टोरी बहाने बेसिर-पैर की कहानी में दिखा दिया है. चर्चा भी इन्हीं वजहों से हो रही है. इससे पहले साल 2018 में रामू ने गॉड, सेक्स एंड ट्रुथ बनाई थी. इस फिल्म में भी बोल्डनेस को दिखाने की हदें पार हो थीं. सुर्खियां मिलीं लेकिन लोगों ने खारिज कर दिया.

नीचे डेंजरस का ट्रेलर देख सकते हैं...

रामगोपाल वर्मा (रामू) ने तीन दशक के करियर में कई फ़िल्में बनाई है. इसमें सिनेमा की प्रतिनिधि फ़िल्में भी शामिल हैं जिन्होंने बॉलीवुड में नई चीजों की शुरुआत की. रामगोपाल एक जमाने में बेहतरीन और सफल फ़िल्में बनाने के लिए मशहूर थे. उनके यहां कहानियों में जितनी डेप्थ, वेरायटी और प्रयोग है हिंदी में शायद ही किसी दूसरे निर्देशक के पास हो. मगर पिछले कुछ सालों से उनकी ऐसी कोई फिल्म नहीं दिखी जो पुराने बेंचमार्क के आसपास भी हो जबकि निर्देशक के रूप में वे लगातार काम कर रहे हैं. बावजूद जब भी रामू नई फिल्मों के साथ आते हैं सुर्खियां बटोर ही लेते हैं.

रामू इस साल "डेंजरस" लेकर आ रहे हैं. डेंजरस का ट्रेलर 13 मई को रिलीज हुआ था. इसके सामने आते ही रामू और उनकी फिल्म की चर्चा है. दरअसल, डेंजरस बहुत बोल्ड टॉपिक पर आधारित है. बिकनी, किसिंग सीन्स की भरमार है. फिल्म की कहानी दो लड़कियों के बीच प्रेम है. ऐसी लड़कियां जिन्हें पुरुषों से नफरत है. नफ़रत क्यों है यह फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा. लेस्बियन प्रेम और उसके आसपास के अपराध पर बुनी डेंजरस को रामू देश की पहली लेस्बियन प्रेम कहानी बता रहे हैं. इसे अगले महीने 12 जून को रिलीज किया जाना है.

डेंजरस का ट्रेलर देखकर किसी तरह की कहानी तो समझ में नहीं आती. जो एक चीज समझ में आती हैं वो है लेस्बियन लव स्टोरी के नाम पर बिना मतलब के उत्तेजक सीन्स की भरमार. पूल, बीच और बेडरूम के लव मेकिंग सीन्स किसी ब्लू फिल्म का हिस्सा नजर आते हैं. बीच बीच में खून खराब भी नजर आता है. अप्सरा रानी और नैना गांगुली लेस्बियंस की भूमिका में हैं.

हीरोइनों को जितना बोल्ड और ब्यूटीफुल दिखाया जा सकता था, रामू ने डेंजरस में लेस्बियन स्टोरी बहाने बेसिर-पैर की कहानी में दिखा दिया है. चर्चा भी इन्हीं वजहों से हो रही है. इससे पहले साल 2018 में रामू ने गॉड, सेक्स एंड ट्रुथ बनाई थी. इस फिल्म में भी बोल्डनेस को दिखाने की हदें पार हो थीं. सुर्खियां मिलीं लेकिन लोगों ने खारिज कर दिया.

नीचे डेंजरस का ट्रेलर देख सकते हैं :-

शिवा, शूल, सत्या, रंगीला, सरकार, कंपनी जैसी उल्लेखनीय फ़िल्में बनाने वाले रामू की आख़िरी फिल्म कब सफल हुई थी, लोग लगभग भूल चुके होंगे. बावजूद रामू लगातार काम कर रहे हैं और सब्जेक्ट की वजह से उनकी हर फिल्म आने पर खूब चर्चा में रहती है. अतीत में रामू ने जिस तरह की फ़िल्में बनाई हैं उनकी तुलना में इधर की फिल्मों को देखकर कभी-कभी लगता है कि क्या राम गोपाल वर्मा खुद अपनी फ़िल्में देखते होंगे.

यह भी लगता है कि रामू अब फुस्स हो चुके कलाकारों को लेकरबस सेंसेशनल कहानियों पर मामूली बजट की फिल्म बनाकर एक निर्देशक के तौर पर जिंदा रहना चाहते हैं. ऐसी फिल्म जिस पर विवाद खड़ा हो जाए, लोग चर्चा कर लें ताकि उन्हें थोड़े बहुत मुनाफे में बेचा जा सके. हैरानी होती है कि रामू जैसा ए ग्रेड का निर्देशक लगातार सी ग्रेड के हादसे रच रहा है.

डेंजरस के एक सीन में अप्सरा रानी और नैना गांगुली. फोटो- रामगोपाल वर्मा ट्विटर हैंडल से साभार

वैसे लेस्बियन टॉपिक पर इससे पहले शबाना आजमी और नंदिता दास को लेकर दीपा मेहता ने "फायर" बनाई थी. फिल्म देवरानी-जेठानी के बीच संबंधों को दिखाया गया था. 25 साल पहले आई फिल्म का टॉपिक बहुत अनूठा था. फायर की कहानी शानदार थी और कलाकारों ने उम्दा काम भी किया था. लेकिन कैरेक्टर्स के पौराणिक नामों की वजह से तब विवाद भी खड़ा हो गया था. आरोप लगा था कि दीपा मेहता ने फिल्म के बहाने हिंदू संस्कृति और देवी-देवताओं का अपमान किया.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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