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सिनेमा

सिर्फ 100 शब्दों में ब्रह्मास्त्र की समीक्षा

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 15 सितम्बर, 2022 10:30 PM
  • 15 सितम्बर, 2022 10:30 PM
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ब्रह्मास्त्र की जितनी समीक्षाएं लिखी गई हैं शायद ही किसी हिंदी फिल्म के लिए हाल फिलहाल उतने शब्द लिखे गए हों. करण जौहर के प्रोडक्शन में बनी फिल्म की यह समीक्षा सिर्फ 100 शब्दों में है. इससे ज्यादा बड़ी समीक्षा लिखना- अब मेकर्स का उत्पीड़न करना होगा. मैं नहीं करना चाहता. आप भी समीक्षा पढ़िए.
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कोई फिल्म अच्छी है या बुरी- पैमाने निजी होते हैं. याद नहीं आता कि सलमान की 'वीर' के अलावा कौन सी फिल्म बकवास लगी? असंख्य देखी फिल्मों में कुछ ही याद रह पाती हैं. ब्रह्मास्त्र, बकवास नहीं, पर यादगार भी नहीं है. ब्रह्मास्त्र के लिए यादगार सिर्फ रणबीर कपूर का प्रेम, शादी और आलिया का प्रेग्नेंट होना है. अभी तक अयान मुखर्जी के साथ एक्टर की 'वेकअप सिड', 'ये जवानी है दीवानी' श्रेष्ठ रोमांटिक फ़िल्में हैं. इम्तियाज अली के साथ 'रॉकस्टार' भी. जहां तक बात साइंस फिक्शन की है तो मणिशंकर की 'रुद्राक्ष' की ग्रिपिंग ब्रह्मास्त्र से बहुत बेहतर है.

 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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