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सुधीर गुप्ताओं को क्यों लगता है कि आमिर खानों को सिर्फ अंडा बेचना चाहिए?

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 13 जुलाई, 2021 08:30 PM
  • 13 जुलाई, 2021 08:30 PM
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अब देश का कोई नागरिक अंडा बेचेगा या फ़िल्में बनाएगा उसके भविष्य का निर्धारण कौन करेगा? वह खुद या सुधीर गुप्ता जैसे लोग. निश्चित ही सुधीर गुप्ता जैसे लोगों को यह निर्धारित करने का अधिकार नहीं है.

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से जनसंख्या नियंत्रण क़ानून का ड्राफ्ट आने के बाद बहस तेज हो गई है. विपक्ष इसे बीजेपी के हिंदुत्ववादी एजेंडा से जोड़कर देख रहा है, जबकि भाजपाई ड्राफ्ट को देश के भविष्य के लिए जरूरी कदम साबित करने पर तुले हैं. बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुले मंचों से सबका साथ और सबके विकास का नारा गढ़े मगर उनके अपने सांसद सबके विकास में "आमिर खानों" के लिए अंडा बेचने की जगह सुरक्षित करना चाहते हैं. उनका ये भी मानना है कि देश में आमिर खान जैसे लोगों की वजह से ही जनसंख्या विस्फोट की स्थिति बनी. और देश के अन्य राज्यों में भी इसे रोकने के कड़े प्रावधान करने चाहिए.

आखिर भाजपा सांसद ने और कहा क्या? सुधीर गुप्ता मध्य प्रदेश के मंदसौर से बीजेपी सांसद हैं. उन्होंने जनसंख्या विस्फोट के बहाने पाकिस्तान के निर्माण, और आमिर खान को लेकर मुसलमानों पर जमकर तीखे शब्दबाण चलाए. उन्होंने कहा- "ये बहुत स्पष्ट है कि आखिरकार हमें एक ना एक दिन विचार करना पड़ेगा. मैंने कई बार देखा, एक इंच भी भूमि भारत की बढ़ी नहीं है और आबादी अभी 140 करोड़ तक पहुंच चुकी है. ना तो शुभकामनाएं बनती हैं ना बधाई बनती है. और अगर पीछे पलटकर देखें तो जो डिवाडेशन हुआ था उसमें भूमियां ज्यादा गई थीं, लेकिन जनसख्या कम. लेकिन जो उन्होंने धक्का दे के लौटा दिया उन बेशर्मों ने उसके बदले जमीन नहीं लौटाया."

"पर ये शर्मदार दुनिया है. और इसमें पाकिस्तानियों की कितनी जगह है- इस पर कितना बहस करेंगे. लेकिन हम अगर भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो अभी तो लोगों का हीरो आमिर खान है. पहली पत्नी रीना अपने दो बच्चों के साथ. दूसरी पत्नी किरण राव अपने बच्चे के साथ, कहां भटकेगी? उसकी चिंता नहीं है. लेकिन दादा अमीर तीसरी खोज में जुट गए हैं. ये भारत का संदेश है दुनिया को." सुधीर गुप्ता ने ये भी कहा कि भारत में आबादी आमिर जैसे लोगों की वजह से जनसंख्या बढ़ रही है. ऐसे लोगों के पास अंडा बेचने के अलावा और किसी चीज की अक्ल नहीं है....

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से जनसंख्या नियंत्रण क़ानून का ड्राफ्ट आने के बाद बहस तेज हो गई है. विपक्ष इसे बीजेपी के हिंदुत्ववादी एजेंडा से जोड़कर देख रहा है, जबकि भाजपाई ड्राफ्ट को देश के भविष्य के लिए जरूरी कदम साबित करने पर तुले हैं. बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है. भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुले मंचों से सबका साथ और सबके विकास का नारा गढ़े मगर उनके अपने सांसद सबके विकास में "आमिर खानों" के लिए अंडा बेचने की जगह सुरक्षित करना चाहते हैं. उनका ये भी मानना है कि देश में आमिर खान जैसे लोगों की वजह से ही जनसंख्या विस्फोट की स्थिति बनी. और देश के अन्य राज्यों में भी इसे रोकने के कड़े प्रावधान करने चाहिए.

आखिर भाजपा सांसद ने और कहा क्या? सुधीर गुप्ता मध्य प्रदेश के मंदसौर से बीजेपी सांसद हैं. उन्होंने जनसंख्या विस्फोट के बहाने पाकिस्तान के निर्माण, और आमिर खान को लेकर मुसलमानों पर जमकर तीखे शब्दबाण चलाए. उन्होंने कहा- "ये बहुत स्पष्ट है कि आखिरकार हमें एक ना एक दिन विचार करना पड़ेगा. मैंने कई बार देखा, एक इंच भी भूमि भारत की बढ़ी नहीं है और आबादी अभी 140 करोड़ तक पहुंच चुकी है. ना तो शुभकामनाएं बनती हैं ना बधाई बनती है. और अगर पीछे पलटकर देखें तो जो डिवाडेशन हुआ था उसमें भूमियां ज्यादा गई थीं, लेकिन जनसख्या कम. लेकिन जो उन्होंने धक्का दे के लौटा दिया उन बेशर्मों ने उसके बदले जमीन नहीं लौटाया."

"पर ये शर्मदार दुनिया है. और इसमें पाकिस्तानियों की कितनी जगह है- इस पर कितना बहस करेंगे. लेकिन हम अगर भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो अभी तो लोगों का हीरो आमिर खान है. पहली पत्नी रीना अपने दो बच्चों के साथ. दूसरी पत्नी किरण राव अपने बच्चे के साथ, कहां भटकेगी? उसकी चिंता नहीं है. लेकिन दादा अमीर तीसरी खोज में जुट गए हैं. ये भारत का संदेश है दुनिया को." सुधीर गुप्ता ने ये भी कहा कि भारत में आबादी आमिर जैसे लोगों की वजह से जनसंख्या बढ़ रही है. ऐसे लोगों के पास अंडा बेचने के अलावा और किसी चीज की अक्ल नहीं है. उसी काम में इन लोगों को ध्यान देना चाहिए. हालांकि बीजेपी ने इस बयान का समर्थन तो नहीं किया है मगर पार्टी के कई नेताओं ने सुधीर गुप्ता की राय से सहमति जताई है. सोशल मीडिया पर भी कई नेता पक्ष लेते दिख जाएंगे.

सुधीर गुप्ता ने क्या कहा- वीडियो में सुन सकते हैं-

 

सुधीर गुप्ता के तीखे विचारों से इत्तेफाक रखने की कोई वजह नहीं है. आमिर खान क्या करेंगे, उनके जीवन की दिशा बदलने का अधिकार देश का संविधान किसी को नहीं देता.

सेपरेशन की खबरों के बाद आमिर खान निशाने पर हैं

दरअसल, आमिर खान पिछले कई दिनों से भाजपा और संघ समर्थित लोगों के निशाने पर हैं. आमिर खान इससे पहले भारत में कथित मुस्लिम विरोधी राजनीति पर बयान दे चुके हैं. उनके बयान पर काफी बवाल मचा था. कुछ महीनों पहले तुर्की यात्रा के दौरान उन्होंने फर्स्ट लेडी एमीन एर्दोगान से मुलाक़ात की थी. जिसके बाद वो लोगों के निशाने पर आ गए थे. तुर्की के प्रेसिडेंट पिछले कई महीनों से मुसलमानों के धार्मिक मसलों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुलकर राजनीति करते दिखे हैं. आमिर ने हाल ही में दूसरी पत्नी किरण राव के साथ सेपरेशन की घोषणा की थी. दोनों पति पत्नी ने संयुक्त बयान जारी कर अलग होने का ऐलान किया था. ऐलान के बाद से ही आमिर लोगों के निशाने पर बने हुए हैं.

...तो मोदी-भागवत का नारा दिखावटी?

बीजेपी और संघ पर हमेशा मुसलमान विरोधी राजनीति का आरोप लगता रहा है. दूसरी ओर पार्टी ने हमेशा उसे राष्ट्रवाद और भारतीयता में समेटने की कोशिश की है. हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इसी भारतीयता के पक्ष में डीएनए डिबेट को पुरजोर तरीके से रखा था. उन्होंने कहने की कोशिश की कि चाहे हिंदू हो या मुसलमान. भारत के सभी निवासियों का डीएनए एक है. भागवत कहना चाहते थे कि भारत में हिंदू-मुसलमान दोनों के पूर्वज और संस्कृति एक ही है. कोई दूसरा धर्म अपना लेने से ये चीज ख़त्म नहीं हो जाती. मोदी ने तो 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा ही गढ़ा था और उसपर प्रचंड बहुमत भी हासिल किया. लेकिन सुधीर गुप्ता जैसों के बयान से लग रहा है कि ये लोग बंटवारा कर ही देंगे.

सोशल मीडिया पर यूपी के जनसंख्या ड्राफ्ट को लेकर खूब बहस हो रही है. पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से बातें हो रही हैं. इस्लामिक धर्मगुरुओं ने भी ड्राफ्ट की निंदा की है. इसे चुनावी हथकंडा बताया जा रहा है. कुछ लोग सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप, केरल, जम्मू-कश्मीर जैसे मुस्लिम बहुल राज्यों में प्रजनन दर के आंकड़े रखकर बिल को अनावश्यक बता रहे हैं. जबकि यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बेतहाशा आबादी बढ़ने के तर्क दिए जा रहे हैं. कुल मिलाकर राजनीति बढ़ी हुई है. इसे सही और गलत बता रहे लोग अपनी बात साबित करने के लिए बेमतलब के तर्कों से सनसनी पैदा कर रहे हैं. ये दोनों तरफ से है.

अब देश का कोई नागरिक अंडा बेचेगा या फ़िल्में बनाएगा उसके भविष्य का निर्धारण कौन करेगा? वह खुद या सुधीर गुप्ता जैसे लोग. निश्चित ही सुधीर गुप्ता जैसे लोगों को यह निर्धारित करने का अधिकार नहीं है.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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