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बॉडी शेमिंग पर भूमि पेडनेकर का बयान ‘गोरी चिट्टी लड़कियों के दिन गए’, आपको क्या समझ आया?

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 29 मार्च, 2021 11:51 AM
  • 29 मार्च, 2021 11:51 AM
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भूमि पेडनेकर (Bhumi pednekar) खुद एक बॉलीवुड एक्ट्रेस हैं जो इस इंडस्ट्री से अलग नहीं हैं. ऐसे में उनका कहना कि उत्तर भारत में गोरी चिट्टी लड़की के दिन अब गुजर चुके हैं, इस बात का उनके करियर पर क्या असर होगा?

हमारे समाज में सुंदरता का मतलब गोरी (Fair Girl) लड़की से समझा जाता है. फिल्मों में भी इस तरह की मानसिकता देखने को मिलती है. टीवी सीरियल में भी गोरी बहन को सुंदर और सांवली (Dark complexion girl) को बदसूरत के रूप में दिखाया जाता है. फिल्मों में सांवली एक्ट्रेस को भी गोरा दिखाया जाता है. मोटी और सांवली लड़कियों को आपने कितनी फिल्मों में देखा है. बॉलीवुड में गोरे रंग और सुंदर दिखने का प्रेशर इस कदर हावी है कि अब तो लगभग सभी एक्ट्रेस एक सी दिखती हैं.

हिंदी फिल्मों में गोरी एक्ट्रेस का चलन क्यों है

अगर किसी एक्ट्रेस का लुक अलग होता है तो वह सर्जरी कराने में ही भलाई समझती है, क्योंकि बॉलीवुड इंडस्ट्री (Bollywood Industry) में लुक बहुत मैटर करता है. कितनी एक्ट्रेस ने गोरे दिखने के लिए ट्रीटमेंट भी लिया है. आम लड़कियां भी बॉलीवुड एक्ट्रेस को सबसे ज्यादा फॉलो करती हैं और उनके जैसे दिखने की चाहत रखती हैं. ऐसे में वे गोरे रंग के लिए 10 तरकीबे अपनाती हैं, पतली होने के चक्कर में डाइटिंग कर कमजोर हो जाती हैं. जो लड़कियां बॉडी शेमिंग (Body Shaming) का शिकार होती हैं, वे हीन भावना से ग्रसित होकर अपना आत्मविश्वास तक खो देती हैं.

भूमि पेडनेकर (Bhumi pednekar) खुद एक एक्ट्रेस हैं जो बॉलीवुड से अलग नहीं हैं. ऐसे में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उत्तर भारत में गोरी चिट्टी लड़की के दिन अब गुजर चुके हैं. मेरे हिसाब से रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं हिंदी फिल्मों की एक्ट्रेस की परिभाषा बदलने वाली हूं. मैं ऐसी फिल्में करना चाहती हूं जो समाज के लोगों को आगने बढ़ने की प्रेरणा दें. मैं यह नहीं सोचती कि मेरे किरदार के बारे में लोग अपनी क्या राय रखते हैं.

भूमि बेबाकी से कहती हैं कि खूबसूरती का पैमाना में खुद बनाने वाली हूं. मैं...

हमारे समाज में सुंदरता का मतलब गोरी (Fair Girl) लड़की से समझा जाता है. फिल्मों में भी इस तरह की मानसिकता देखने को मिलती है. टीवी सीरियल में भी गोरी बहन को सुंदर और सांवली (Dark complexion girl) को बदसूरत के रूप में दिखाया जाता है. फिल्मों में सांवली एक्ट्रेस को भी गोरा दिखाया जाता है. मोटी और सांवली लड़कियों को आपने कितनी फिल्मों में देखा है. बॉलीवुड में गोरे रंग और सुंदर दिखने का प्रेशर इस कदर हावी है कि अब तो लगभग सभी एक्ट्रेस एक सी दिखती हैं.

हिंदी फिल्मों में गोरी एक्ट्रेस का चलन क्यों है

अगर किसी एक्ट्रेस का लुक अलग होता है तो वह सर्जरी कराने में ही भलाई समझती है, क्योंकि बॉलीवुड इंडस्ट्री (Bollywood Industry) में लुक बहुत मैटर करता है. कितनी एक्ट्रेस ने गोरे दिखने के लिए ट्रीटमेंट भी लिया है. आम लड़कियां भी बॉलीवुड एक्ट्रेस को सबसे ज्यादा फॉलो करती हैं और उनके जैसे दिखने की चाहत रखती हैं. ऐसे में वे गोरे रंग के लिए 10 तरकीबे अपनाती हैं, पतली होने के चक्कर में डाइटिंग कर कमजोर हो जाती हैं. जो लड़कियां बॉडी शेमिंग (Body Shaming) का शिकार होती हैं, वे हीन भावना से ग्रसित होकर अपना आत्मविश्वास तक खो देती हैं.

भूमि पेडनेकर (Bhumi pednekar) खुद एक एक्ट्रेस हैं जो बॉलीवुड से अलग नहीं हैं. ऐसे में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उत्तर भारत में गोरी चिट्टी लड़की के दिन अब गुजर चुके हैं. मेरे हिसाब से रंग से कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं हिंदी फिल्मों की एक्ट्रेस की परिभाषा बदलने वाली हूं. मैं ऐसी फिल्में करना चाहती हूं जो समाज के लोगों को आगने बढ़ने की प्रेरणा दें. मैं यह नहीं सोचती कि मेरे किरदार के बारे में लोग अपनी क्या राय रखते हैं.

भूमि बेबाकी से कहती हैं कि खूबसूरती का पैमाना में खुद बनाने वाली हूं. मैं सिनेमा के माध्यम से समाज में बदलाव लाना चाहती हूं. मैं चाहती हूं कि लोग खुद से प्यार करना सीखें. वे जैसे भी हैं खुद को अपनाना सीखें. भूमि हर बार अपने किरदार में अलग रूप में नजर आई हैं, कभी काम वाली के रूप में तो कभी मोटी लड़की के रूप में. वहीं बालाजी फिल्म में भूमि ने एक सांवली लड़की का किरदार भी निभाया था. अब देखते हैं कि भूमि के इस फैसले का फिल्म डायरेक्टर्स पर कोई असर पड़ता भी है या नहीं.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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