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बायकॉट कैंपेन पर 'गुस्सा' दिखा रहे अर्जुन कपूर बॉलीवुड का बैंड बजवाने पर क्यों तुले हैं?

    • देवेश त्रिपाठी
    • Updated: 18 अगस्त, 2022 12:56 PM
  • 18 अगस्त, 2022 12:56 PM
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बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) का कहना है कि 'बायकॉट कैंपेन के खिलाफ बॉलीवुड (Bollywood) के लोगों को एक होना होगा. और, इसके बारे में कुछ करना होगा.' अर्जुन कपूर के इस बयान से भले ही उनका कोई नुकसान न हो. लेकिन, उन्होंने बॉलीवुड की कई आगामी फिल्मों को जरूर खतरे में डाल दिया है.

बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट ट्रेंड को लेकर काफी भड़के हुए हैं. हाल ही में बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में अर्जुन कपूर का गुस्सा उनके शब्दों में भी नजर आया. अर्जुन कपूर का कहना है कि 'हमने (बॉलीवुड) बायकॉट ट्रेंड पर शांत रहकर गलती की है. और, यह हमारी शालीनता थी. लेकिन, लोगों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है. ये अब ज्यादा होने लगा है. जो गलत है. बायकॉट कैंपेन के खिलाफ बॉलीवुड (Bollywood) के लोगों को एक होना होगा. और, इसके बारे में कुछ करना होगा. क्योंकि, लगातार कीचड़ उछाला जाएगा, तो नई गाड़ी भी थोड़ी सी चमक खो देगी ना? पिछले कुछ सालों में हमने तो काफी कीचड़ झेल लिया है. क्योंकि, हमने इस ओर से मुंह मोड़ रखा था.' 

बता दें कि आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के खिलाफ चले बायकॉट ट्रेंड ने इसे फ्लॉप की कतार में शामिल कर दिया है. अक्षय कुमार की फिल्म 'रक्षाबंधन' भी इस बायकॉट ट्रेंड का शिकार हो गई है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बायकॉट बॉलीवुड के ट्रेंड ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोगों की माथे पर बल ला दिये हैं. यहां तक कि आने वाले दिनों में रिलीज होने वाली फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' से लेकर 'पठान' पर भी बायकॉट का खतरा मंडराने लगा है. और, अर्जुन कपूर के ये बयान ऐसा साबित होता है, जैसे उन्होंने बॉलीवुड की बैंड बजवाने की सुपारी ले ली हो.

फ्लॉप फिल्मों के 'हीरो' कैसे सिखाएंगे जनता को सबक?

जो बॉलीवुड एक्टर 18 फिल्में करने के बावजूद केवल 4 सेमी-हिट (हिट फिल्म के टाइटल से नीचे) दे सका हो. और, जिसकी पिछली 10 फिल्में लगातार बिना किसी बायकॉट ट्रेंड के ही फ्लॉप रही हों. वो अर्जुन कपूर बायकॉट ट्रेंड पर ज्ञान देते हैं. और, बॉलीवुड के लोगों से एकजुटता दिखाने की बात करते हैं. आखिर एकजुटता दिखाकर बोलने से क्या हो जाएगा? अर्जुन कपूर के कहने पर बॉलीवुड के...

बॉलीवुड एक्टर अर्जुन कपूर बॉलीवुड फिल्मों के बायकॉट ट्रेंड को लेकर काफी भड़के हुए हैं. हाल ही में बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में अर्जुन कपूर का गुस्सा उनके शब्दों में भी नजर आया. अर्जुन कपूर का कहना है कि 'हमने (बॉलीवुड) बायकॉट ट्रेंड पर शांत रहकर गलती की है. और, यह हमारी शालीनता थी. लेकिन, लोगों ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है. ये अब ज्यादा होने लगा है. जो गलत है. बायकॉट कैंपेन के खिलाफ बॉलीवुड (Bollywood) के लोगों को एक होना होगा. और, इसके बारे में कुछ करना होगा. क्योंकि, लगातार कीचड़ उछाला जाएगा, तो नई गाड़ी भी थोड़ी सी चमक खो देगी ना? पिछले कुछ सालों में हमने तो काफी कीचड़ झेल लिया है. क्योंकि, हमने इस ओर से मुंह मोड़ रखा था.' 

बता दें कि आमिर खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के खिलाफ चले बायकॉट ट्रेंड ने इसे फ्लॉप की कतार में शामिल कर दिया है. अक्षय कुमार की फिल्म 'रक्षाबंधन' भी इस बायकॉट ट्रेंड का शिकार हो गई है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बायकॉट बॉलीवुड के ट्रेंड ने फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोगों की माथे पर बल ला दिये हैं. यहां तक कि आने वाले दिनों में रिलीज होने वाली फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' से लेकर 'पठान' पर भी बायकॉट का खतरा मंडराने लगा है. और, अर्जुन कपूर के ये बयान ऐसा साबित होता है, जैसे उन्होंने बॉलीवुड की बैंड बजवाने की सुपारी ले ली हो.

फ्लॉप फिल्मों के 'हीरो' कैसे सिखाएंगे जनता को सबक?

जो बॉलीवुड एक्टर 18 फिल्में करने के बावजूद केवल 4 सेमी-हिट (हिट फिल्म के टाइटल से नीचे) दे सका हो. और, जिसकी पिछली 10 फिल्में लगातार बिना किसी बायकॉट ट्रेंड के ही फ्लॉप रही हों. वो अर्जुन कपूर बायकॉट ट्रेंड पर ज्ञान देते हैं. और, बॉलीवुड के लोगों से एकजुटता दिखाने की बात करते हैं. आखिर एकजुटता दिखाकर बोलने से क्या हो जाएगा? अर्जुन कपूर के कहने पर बॉलीवुड के लोग केजीएफ 2 के रॉकी भाई की तरह विदेश से 'क्लासनिकोव' को इंपोर्ट कर दर्शकों के सिरों पर लगाकर उन्हें सिनेमाहॉल तक तो नहीं ला सकेंगे. मतलब इस तरह की धमकियों को सुनकर कौन सा दर्शक बॉलीवुड फिल्में देखने जाएगा?

शायद ही इस बात में कोई दो राय होगी कि बॉलीवुड में देश से जुड़ी चीजों और हिंदुओं के अपमान से भड़के बॉलीवुड फैंस का गुस्सा अर्जुन कपूर की इस तरह की बातों से और भड़कना ही है. क्योंकि, अर्जुन कपूर कुछ भी कहकर निकल जाएंगे. लेकिन, आने वाली बॉलीवुड फिल्में फंस जाएंगी. वैसे भी उनकी कोई फिल्म ब्लॉकबस्टर हिट तो हुई नहीं है. हां, एक फिल्म गुंडे को लेकर चर्चा जरूर थी. लेकिन, फिल्म गुंडे भी उनकी सोलो फिल्म नहीं थी. उस फिल्म में रणवीर सिंह उनके साथ थे. इसके साथ ही इरफान खान जैसे बेहतरीन सितारा भी उस फिल्म में था.

लगातार 10 फ्लॉप फिल्में देने वाले अर्जुन कपूर की शायद ही किसी फिल्म को बायकॉट ट्रेंड झेलना पड़ा होगा.

वैसे, अर्जुन कपूर को अपनी पिछली फिल्मों के लगातर फ्लॉप होने के रिकॉर्ड को देखते हुए सबसे पहले अपने दिमाग से ये भ्रम निकाल देना चाहिए कि वह बॉलीवुड के कोई मोस्ट प्रॉमिसिंग या वॉचेबल एक्टर हैं. और, उनकी पहली ही फिल्म इश्कजादे से लेकर आज तक कभी शुक्रवार को अर्जुन कपूर की फिल्म रिलीज हो रही है, तो फिल्म को लेकर दिखने वाला स्पार्क, यूफोरिया और एक्साइटमेंट कहीं नजर नहीं आया है. वो बॉलीवुड के स्टार नही हैं. हां, ये जरूर कहा जा सकता है कि वो बॉलीवुड के बड़े फिल्ममेकर बोनी कपूर के बेटे हैं.

सवाल तो पूछे ही जाएंगे

- वैसे, आज बायकॉट ट्रेंड को लेकर बोल रहे अर्जुन कपूर से सवाल पूछा जाना चाहिए कि जब फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर सोशल मीडिया पर एक वर्ग खुलकर बायकॉट ट्रेंड चला रहा था. तब किसी बॉलीवुड सितारे को बायकॉट कल्चर के बारे में चिंता नहीं सता रही थी. ऐसा क्यों था?

- अपनी फिल्मों के बायकॉट होने की जिम्मेदारी दर्शकों पर डालने और विक्टिम कार्ड खेलने में बॉलीवुड के सितारे आगे हैं. लेकिन, असली वजह पर बात करने से क्यों कतराते हैं? जब फिल्मों के बायकॉट का ट्रेंड देश और हिंदू धर्म के खिलाफ की जा रही चीजों को लेकर किया जा रहा है, तो इसे पर्सनल अटैक की तरह क्यों पेश किया जा रहा है? फिल्मों के जरिये हिंदू-विरोधी नैरेटिव फैलाना बंद ही क्यों नहीं कर दिया जाता है?

- अगर अर्जुन कपूर को बायकॉट ट्रेंड की इतनी ही चिंता है, तो वह बॉलीवुड में अंदर तक घर कर चुके नेपोटिज्म को लेकर फिल्म इंडस्ट्री के लोगों को एकजुट करने की कोशिश क्यों नहीं करते हैं. जिससे नए टैलेंट आगे आएं और बॉलीवुड में सफल हो सकें. पंकज त्रिपाठी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे मंझे हुए अभिनेताओं को इतनी ठोकरें खाने के बाद सफलता क्यों मिलती है?

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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