प्रॉब्लम ये है कि वो सब बहुत इनसिक्योर हैं. उनको ये लगता है कि कोई बाहर वाला आएगा फ़िल्म इंडस्ट्री में, तो जो हमारा है वो हम से छिन जाएगा. इसलिए ये इंसाइडर, आउटसाइडर से डरते हैं उनको नहीं शामिल करना चाहते अपने बीच.
अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) सर ने मुंबई वैल्वेट से पहले ये भाषण JOSH TALKS पर दिया था. जिसमें उन्होंने साफ़-साफ़ ‘Big insecure Bollywood Families’ को निशाने पर लिया था. लेकिन जैसे ही करण जौहर (Karan Johar) ने उन्हें अपने प्रोडक्शन हाउस में एंट्री दी वो अब उन्हीं के चरणों में बैठ गए हैं. एक वक़्त था ये इंसान सच बोलता था. फ़िल्में मुझे अब भी इनकी पसंद हैं मगर इंसान के तौर पर इनके लिए मेरे मन से इज़्ज़त जाने लगी है. ये कंगना के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल कर बैठ गए हैं क्योंकि कंगना ने इनके प्रिय करण जौहर की बखिया उधेड़ दी.
जिस इंसान के अंदर उसका ख़ुद का ज़मीर ज़िंदा न बचा हो वो क्या बोलेगा. वैसे कंगना से इनको चिढ़ एक और बात से मच सकती है क्योंकि कंगना तो इनके दुश्मन मोदी जी की टीम वाली है न. और अनुराग सर का मोदी विरोध तो जगज़ाहिर है. हाल-फ़िलहाल के दिनों में मोदी जी को ग़लत साबित करने के लिए एक फ़िल्म भी बनाई थी Chocked लेकिन उस फ़िल्म से भी मोदी जी को ग़लत साबित नहीं कर पाए.
अब जब पिछले दिनों कंगना ने एक टीवी चैनल पर आ कर बॉलीवुड का काला चेहरा दुनिया के सामने खोल कर रख दिया तो, उस काले साम्राज्य के समर्थकों में खलबली तो मचनी ही थी. वैसे इनके आका लोग अभी भी चुप हैं, प्यादों को काम पर लगा कर.
और सिर्फ़ अनुराग कश्यप ही नहीं स्वरा भास्कर, ऋचा चड्ढा और तापसी पन्नु भी...
प्रॉब्लम ये है कि वो सब बहुत इनसिक्योर हैं. उनको ये लगता है कि कोई बाहर वाला आएगा फ़िल्म इंडस्ट्री में, तो जो हमारा है वो हम से छिन जाएगा. इसलिए ये इंसाइडर, आउटसाइडर से डरते हैं उनको नहीं शामिल करना चाहते अपने बीच.
अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) सर ने मुंबई वैल्वेट से पहले ये भाषण JOSH TALKS पर दिया था. जिसमें उन्होंने साफ़-साफ़ ‘Big insecure Bollywood Families’ को निशाने पर लिया था. लेकिन जैसे ही करण जौहर (Karan Johar) ने उन्हें अपने प्रोडक्शन हाउस में एंट्री दी वो अब उन्हीं के चरणों में बैठ गए हैं. एक वक़्त था ये इंसान सच बोलता था. फ़िल्में मुझे अब भी इनकी पसंद हैं मगर इंसान के तौर पर इनके लिए मेरे मन से इज़्ज़त जाने लगी है. ये कंगना के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल कर बैठ गए हैं क्योंकि कंगना ने इनके प्रिय करण जौहर की बखिया उधेड़ दी.
जिस इंसान के अंदर उसका ख़ुद का ज़मीर ज़िंदा न बचा हो वो क्या बोलेगा. वैसे कंगना से इनको चिढ़ एक और बात से मच सकती है क्योंकि कंगना तो इनके दुश्मन मोदी जी की टीम वाली है न. और अनुराग सर का मोदी विरोध तो जगज़ाहिर है. हाल-फ़िलहाल के दिनों में मोदी जी को ग़लत साबित करने के लिए एक फ़िल्म भी बनाई थी Chocked लेकिन उस फ़िल्म से भी मोदी जी को ग़लत साबित नहीं कर पाए.
अब जब पिछले दिनों कंगना ने एक टीवी चैनल पर आ कर बॉलीवुड का काला चेहरा दुनिया के सामने खोल कर रख दिया तो, उस काले साम्राज्य के समर्थकों में खलबली तो मचनी ही थी. वैसे इनके आका लोग अभी भी चुप हैं, प्यादों को काम पर लगा कर.
और सिर्फ़ अनुराग कश्यप ही नहीं स्वरा भास्कर, ऋचा चड्ढा और तापसी पन्नु भी कंगना के ख़िलाफ़ खुल कर बोल रहीं हैं. जबकि पूरे इंटरव्यू में कंगना ने कुछ भी बुरा या झूठ नहीं बोला था तापसी या स्वरा के लिए. कंगना ने सिर्फ़ इतना कहा था कि अब करण जौहर एंड टीम के लोग आ कर बोलेंगे कि स्वरा और तापसी भी तो हैं, उनको कोई परेशानी नहीं ख़ाली आप को ही दिक्कत है.
कंगना ने तापसी और स्वरा को B ग्रेड की ऐक्ट्रेस इस सेंस में नहीं कहा था कि वो दोनों कंगना से कमतर हैं. कंगना ने ये बात अनन्या पांडे और आलिया भट्ट की तुलना में कही थी. उन्होंने साफ़-साफ़ कहा था कि पति-पत्नी और वो में से तापसी को निकाल कर अनन्या को लेना नेपोटिज़म का जीता-जागता उदाहरण है. क्या तापसी या स्वरा से अनन्या बेहतर है?
जवाब तो तापसी और स्वरा दोनों को ही पता है मगर दोनों बजाए नेपोटिज़म के ख़िलाफ़ बोलने के कंगना के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल कर बैठ गयी हैं. और उसी कड़ी को अनुराग कश्यप आगे ले कर चल रहें हैं. इनको कंगना से अब इतनी दिक्कत होने लगी है कि कंगना को अब अपना दोस्त मानने से भी परहेज़ करने लगे हैं. ट्विटर पर कंगना रनौत के पुराने इंटरव्यू के क्लिप शेयर करके ये साबित करने की कोशिश कर रहें हैं कि कंगना ग़लत हैं.
जबकि उस इंटरव्यू में कंगना अपनी फ़िल्म मणिकर्णिका की बात कर रही हैं और कह रही है कि मैं अपने बूते से पांच मिनट वाले फ़िल्म के रोल से फ़िल्म डायरेक्टर बनीं हूं. आप भी मेहनत कीजिए. मेरे लिए मेरे बाप ने ये जगह थोड़े बनाई थी.
वो अपने किसी साथी कलाकार के लगाए इल्ज़ाम पर बोल रहीं थी जिसने ये कहा था कि उसका रोल फ़िल्म में कंगना ने काट कर कम कर दिया. अब फ़िल्म की डायरेक्टर होने के नाते फ़िल्म के लिए क्या सही है और क्या ग़लत इसका फ़ैसला तो डायरेक्टर ही करेगा न.
मतलब हद है! यार पहले अपना सही-ग़लत देखो फिर किसी को कोसना. अनुराग सर आप से इससे बेहतर की उम्मीद थी. कम से कम सच बोल नहीं सकते तो मौन रह कर सच के साथ खड़े ही रह लेते. सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर जहां आधे बॉलीवुड की पब्लिक ट्वीट करके चुप हो गयी अगर वहां कंगना अकेले सच सामने लाने के लिए लड़ रही है तो आपको उन्हें सपोर्ट करना चाहिए था न कि कंगना को ही अपना दोस्त मानने से इनकार करना चाहिए था.
वैसे सही भी है आप कंगना के दोस्त होंगे तो करण जौहर नाराज़ हो जाएंगे. अब पानी में रह कर मगरमच्छ से बैर लेने की हैसियत तो आपकी है नहीं. बॉलीवुड में एक ही हीरो और एक ही झांसी की रानी है वो है कंगना. बस!
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