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आखिरकार अनुपमा-अनुज की शादी हो गई, सच्चा हो दिल तो झुकता नसीबा पांव में

    • ज्योति गुप्ता
    • Updated: 19 मई, 2022 07:35 PM
  • 19 मई, 2022 07:35 PM
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अनुपमा सालों में पहली बार इतनी खुश दिख रही है. उसके चेहरे पर जिंदगी में आगे बढ़ने की चहक है. यह मौका दुनिया की हर महिला को नहीं मिलता लेकिन मिलना चाहिए. अब अगर वनराज जैसे इंसान हैं, तो अनुज जैसे पुरुष भी हैं जो महिलाओं की खुशियों से जलते नहीं है.

अनुपमा और अनुज की शादी (Anupamaa-Anuj wedding) हो गई है. हमने अपनी जिंदगी में ना जाने ऐसी कितनी अनुपमा को देखा होगा. उन्हें देखकर हमारा दिल भले ही दुखा होगा, लेकिन हम उनके लिए कुछ कर नहीं पाए होंगे. यह सच है कि अनुपमा जैसी हर महिला को दोबारा शादी करने और खुश रहने का सौभाग्य नहीं मिलता.

ऐसा नहीं है कि वे जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करतीं, लेकिन अब हर अनुपमा की लाइफ में अनुज जैसा साथी भी तो नहीं होता. टीवी की दुनिया में ही सही इस मान की शादी ने उन तमाम महिलाओं को नई उम्मीद दी है, जो अपनी जिंदगी में खुशियों के लिए तरह रही हैं. जो हर दिन दुनिया को अपने होने का एससास कराने की भरपूर कोशिश कर रही हैं. 

अनुपमा महज एक टीवी सीरियल नहीं है जबकि एक बदलाव की पहल है. कामकाजी हैं या घरेलू अनुपमा में कुछ तो ऐसी बात है जो वे खुद को उसमें देखती हैं. महिलाएं खुद को अनुपमा से जुड़ा हुआ मानती हैं, क्योंकि अनुपमा सिर्फ एक महिला की नहीं बल्कि हर हाउस वाइफ की कहानी है जिसे कम आंका जाता है. अरे, कई लोग तो महिला से ज्यादा घर में रखे सामान की वैल्यू करते हैं.

अनुपमा ने अपनी दूसरी शादी को मजबूरी नहीं एक नए अवसर के रूप में अपनाया है

अनुपमा की शादी का इंतजार लोग कैटरीना और आलिया की शादी से अधिक कर रहे थे, क्योंकि लोगों को इस शादी में अनुपमा जैसी महिलाओं के लिए एक उम्मीद की किरण दिख रही थी. मैं खुद कोई सीरियल नहीं देखती, लेकिन अनुपमा की कहानी मुझे प्रभावित करती है. जो लोग भी महिलाओं को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं वे इस शादी को लेकर इमोशनल हो रहे हैं.

अनुपमा और अनुज की शादी (Anupamaa-Anuj wedding) हो गई है. हमने अपनी जिंदगी में ना जाने ऐसी कितनी अनुपमा को देखा होगा. उन्हें देखकर हमारा दिल भले ही दुखा होगा, लेकिन हम उनके लिए कुछ कर नहीं पाए होंगे. यह सच है कि अनुपमा जैसी हर महिला को दोबारा शादी करने और खुश रहने का सौभाग्य नहीं मिलता.

ऐसा नहीं है कि वे जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश नहीं करतीं, लेकिन अब हर अनुपमा की लाइफ में अनुज जैसा साथी भी तो नहीं होता. टीवी की दुनिया में ही सही इस मान की शादी ने उन तमाम महिलाओं को नई उम्मीद दी है, जो अपनी जिंदगी में खुशियों के लिए तरह रही हैं. जो हर दिन दुनिया को अपने होने का एससास कराने की भरपूर कोशिश कर रही हैं. 

अनुपमा महज एक टीवी सीरियल नहीं है जबकि एक बदलाव की पहल है. कामकाजी हैं या घरेलू अनुपमा में कुछ तो ऐसी बात है जो वे खुद को उसमें देखती हैं. महिलाएं खुद को अनुपमा से जुड़ा हुआ मानती हैं, क्योंकि अनुपमा सिर्फ एक महिला की नहीं बल्कि हर हाउस वाइफ की कहानी है जिसे कम आंका जाता है. अरे, कई लोग तो महिला से ज्यादा घर में रखे सामान की वैल्यू करते हैं.

अनुपमा ने अपनी दूसरी शादी को मजबूरी नहीं एक नए अवसर के रूप में अपनाया है

अनुपमा की शादी का इंतजार लोग कैटरीना और आलिया की शादी से अधिक कर रहे थे, क्योंकि लोगों को इस शादी में अनुपमा जैसी महिलाओं के लिए एक उम्मीद की किरण दिख रही थी. मैं खुद कोई सीरियल नहीं देखती, लेकिन अनुपमा की कहानी मुझे प्रभावित करती है. जो लोग भी महिलाओं को आगे बढ़ते हुए देखना चाहते हैं वे इस शादी को लेकर इमोशनल हो रहे हैं.

अनुज का ससुराल में पूरे दिल से जोरदार स्वागत किया गया

अनुपमा ने दुल्हन बनने के लिए अपने घरवालों के ताने सुने. पूर्व पति वनराज ने उसका दिमाग डॉयवर्ट करने की कोशिश की. पूर्व सास जिसे वह मां मानती है, उस बा ने अनहोनी होने का श्राप तक दे दिया. बड़े बेटे तोषु ने कहा कि आपने हमें मुंह दिखाने के लायक नहीं छोड़ा...जबकि अनुपमा ने कुछ गलत किया भी नहीं था, ना ही वो कभी अपनी जिम्मेदारियों से भागी. उससे कहा गया कि उसकी शादी नहीं हो सकती, क्योंकि वह दादी बनने वाली है और दादी की शादी नहीं होती. ऐसा हुआ तो समाज में हम किस लायक रहेंगे. 

अब हर अनुपमा की लाइफ में अनुज जैसा साथी भी तो नहीं होता

अनुपमा को भी दूसरी महिलाओं की तरह ही ताने सुनने को मिले, मोहल्ले के लोगों ने बदनाम करना चाहा. एक समय ऐसा भी था जब वो इन बातों को लेकर घबरा रही थी, लेकिन उसने जमाने की ना सोचकर अपने मन की सुनी. अगर वह हार मान जाती तो उसके साथ उसे टीवी में देखने वाली महिलाएं भी हार जातीं. अनुपमा को चाहने वालों का दिल टूट जाता, लेकिन इस कहानी को उम्र की ढलान पर नई उम्मीद मिली.

अनुपमा दुल्हन रूप में बेहद खूबसूरत लग रही है

जिस अनुपमा के हाथों से वनराज को मसालों की बदबू आती थी. उसी अनुपमा को अनुज ने अन्नपूर्णा की देवी बताया और उन्हीं मसालों से उसकी पूजा की. अनुज ने महिला को इज्जत देकर बताया कि मसालों की खुशबू होती है बदबू नहीं. एक बात तो तय है कि दुनिया में जहां वनराज जैसे इंसान हैं वहां अनुज जैसे पुरुष भी हैं. जो महिलाओं को आगे बढ़ता देख जलने की बजाय खुश होते हैं.

अनुज और अनुपमा ने इस दिन के लिए बहुत इंतजार किया है

अनुपमा एक ऐसी महिला जो हमेशा रोती हुई दिखती थी पहली बार इतनी खुश दिख रही है. उसके चेहरे पर जिंदगी में आगे बढ़ने की चहक है. उसने अपने हांथ पर अनुज के नाम की मेहंदी लगाई, उसने अनुज के नाम पर हल्दी लगाई. वह खुशी ने नाची और दुनिया की सबसे खूबसूरत दुल्हन के रूप में सजी.

बा को भी अपनी गलती समझ आ गई और उन्होंने अनुज को आशीर्वाद दे दिया

उसने अपनी दूसरी शादी को मजबूरी नहीं एक नए अवसर के रूप में अपनाया. वह दूसरी बार भी उसी रंग से सजी, उसने साधारण साड़ी नहीं लाल-सफेद रंग का लहंगा पहना. उसने नाम भर का नहीं बल्कि 16 श्रृंगार किया. उसने लाल रंग का गढ़चोला और शीषपट्टी भी पहनी. उसने धांसू और रॉयल ब्राइडल एंट्री ली, उसने डांस किया और दुनिया को बता दिया कि महिलाओं को भी दूसरा मौका मिलना चाहिए.

अनुपमा ने नामभर का नहीं बल्कि 16 श्रृंगार किया है

इतनी मुश्किलों और इंतजार के बाद अनुपमा आखिरकार अनुज की हो गई. इसके लिए बापू जी को आफ धन्यवाद दीजिए, धन्य है ये पिता जिसने बेटी की खुशी के लिए अपने सगे रिश्तों और अपने जिंदगी की भी परवाह नहीं की.

अनुज ने हल्दी के दिन अनुपमा को अन्नपूर्णा की देवी बताकर उसका मान बढ़ाया है

अनुपमा जिसने 25 सालों तक अपनी जिंदगी अपने पति और सास के हिसाब से गुजार दी. जिसने सास के ताने सहे, लेकिन उफ्फ तक न कहा. जिसने बच्चों की खातिर खुद को भूला दिया. जिसे पति से धोखा मिला, जिसे बार-बार गंवार औऱ अनपढ़ बोलकर कम आंका गया. जो इतना अच्छा खाना बनाती है लेकिन हमेशा दूसरों की पसंद का ध्यान रखती है. जिसका तलाक हुआ, जिसे घर से बाहर निकाला गया, जिसके चरित्र पर उंगली उठाई गई. आज उसी अनुपमा के एक अरसे का इंतजार इस पल में उतर आया है...वैसे क्या आप मान की शादी से खुश हैं?

ट्वि‍टर पर लोग मान पर प्यार लुटा रहे हैं-  

 

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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