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Antim movie के खिलाफ हेट कैम्पेन में निकले पुराने 'जिन्न', घृणा सलमान खान या आयुष से?

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 26 नवम्बर, 2021 06:01 PM
  • 26 नवम्बर, 2021 06:01 PM
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आयुष शर्मा की की अंतिम: द फाइनल ट्रुथ (Antim: the final truth) रिलीज तो हो गई मगर सलमान खान से नफ़रत करने वाले समूह सोशल मीडिया पर फिल्म को नुकसान पहुंचाने की कोई कसर बाकी नहीं रख रहे हैं.

महेश मांजरेकर के निर्देशन में बनी अंतिम: द फाइनल ट्रुथ (Antim: the final truth) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. लवयात्री के बाद यह आयुष शर्मा की दूसरी फिल्म है जो असल में तीन साल पहले आई मराठी क्राइम ड्रामा "मुलशी पैटर्न" की बॉलीवुड रीमेक है. फिल्म में आयुष के साथ सलमान खान हैं. सलमान की कोशिश है कि उनके बहनोई की रीलॉन्चिंग हर लिहाज से परफेक्ट हो. अंतिम के रिलीज तक "बजरंगी भाईजान" की कोशिशों का बढ़िया नतीजा दिख रहा है. समीक्षक ना सिर्फ आयुष और सलमान के काम की तारीफ़ करते दिख रहे हैं बल्कि फिल्म को भी बेहतर बता रहे हैं.

सोशल मीडिया पर आलोचनाओं और तारीफ़ की दो तस्वीरें साफ़ नजर आ रही हैं. जो हेट कैम्पेन दिख रहा है, उसमें सलमान से जुड़े पुराने जिन्न बोतल से बाहर निकल रहे. एक तरफ सलमान के प्रशंसकों की फ़ौज है. स्वाभाविक रूप से ये लोग तारीफ़ कर रहे हैं. दूसरी तरफ दो तरह के लोग हैं. पहले वे जो बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद की वजह से हमेशा बड़े-बड़े सितारों की लानत-मलानत करते ही रहते हैं. ये आयुष को प्रतिभाहीन और नेपोटिज्म की पैदाइश मानकर चल रहे हैं. इनका मानना है कि सलमान का बहनोई होने की वजह से ही उन्हें हीरो बनाने की कोशिशें हो रही हैं.

अंतिम में सलमान और आयुष की जोड़ी है. फोटो- सलमान खान फिल्म्स/ट्विटर से साभार.

दूसरे वे लोग हैं जो सलमान के खान होने की वजह से घृणा करते दिख रहे हैं. सलमान की फिल्म अच्छी है या खराब, आयुष नेपोटिज्म की पैदाइश हैं या नहीं- इन तमाम चीजों से उन्हें कोई मतलब नहीं. बस उन्हें सलमान के खान होने भर से आपत्ति है और विरोध कर रहे हैं. वे हर मुस्लिम सितारे का इसी आधार पर विरोध करते हैं. शाहरुख, सैफ या फरहान कोई भी हो. अंतिम रिलीज हुई तो सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर फिल्म के पक्ष में मजबूत...

महेश मांजरेकर के निर्देशन में बनी अंतिम: द फाइनल ट्रुथ (Antim: the final truth) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. लवयात्री के बाद यह आयुष शर्मा की दूसरी फिल्म है जो असल में तीन साल पहले आई मराठी क्राइम ड्रामा "मुलशी पैटर्न" की बॉलीवुड रीमेक है. फिल्म में आयुष के साथ सलमान खान हैं. सलमान की कोशिश है कि उनके बहनोई की रीलॉन्चिंग हर लिहाज से परफेक्ट हो. अंतिम के रिलीज तक "बजरंगी भाईजान" की कोशिशों का बढ़िया नतीजा दिख रहा है. समीक्षक ना सिर्फ आयुष और सलमान के काम की तारीफ़ करते दिख रहे हैं बल्कि फिल्म को भी बेहतर बता रहे हैं.

सोशल मीडिया पर आलोचनाओं और तारीफ़ की दो तस्वीरें साफ़ नजर आ रही हैं. जो हेट कैम्पेन दिख रहा है, उसमें सलमान से जुड़े पुराने जिन्न बोतल से बाहर निकल रहे. एक तरफ सलमान के प्रशंसकों की फ़ौज है. स्वाभाविक रूप से ये लोग तारीफ़ कर रहे हैं. दूसरी तरफ दो तरह के लोग हैं. पहले वे जो बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद की वजह से हमेशा बड़े-बड़े सितारों की लानत-मलानत करते ही रहते हैं. ये आयुष को प्रतिभाहीन और नेपोटिज्म की पैदाइश मानकर चल रहे हैं. इनका मानना है कि सलमान का बहनोई होने की वजह से ही उन्हें हीरो बनाने की कोशिशें हो रही हैं.

अंतिम में सलमान और आयुष की जोड़ी है. फोटो- सलमान खान फिल्म्स/ट्विटर से साभार.

दूसरे वे लोग हैं जो सलमान के खान होने की वजह से घृणा करते दिख रहे हैं. सलमान की फिल्म अच्छी है या खराब, आयुष नेपोटिज्म की पैदाइश हैं या नहीं- इन तमाम चीजों से उन्हें कोई मतलब नहीं. बस उन्हें सलमान के खान होने भर से आपत्ति है और विरोध कर रहे हैं. वे हर मुस्लिम सितारे का इसी आधार पर विरोध करते हैं. शाहरुख, सैफ या फरहान कोई भी हो. अंतिम रिलीज हुई तो सोशल मीडिया खासकर ट्विटर पर फिल्म के पक्ष में मजबूत ट्रेंड दिखा. जैसे-जैसे तारीफों का सिलसिला बढ़ने लगा, धर्मध्वजा लेकर हेटर्स मैदान में कूद पड़े हैं. यही हेटर्स सलमान की अंतिम के बहिष्कार का कैम्पेन चलाते देखे जा सकते हैं.

अंतिम को फ्लॉप कराकर सलमान को नुकसान पहुंचाने की तैयारी

छोटा ही सही पर एक ग्रुप में सलमान से घृणा का स्तर कितना ज्यादा है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं. कई लोग अपील करते दिख रहे हैं कि इंटरनेट पर जहां-जहां भी अंतिम को डिसलाइक करने का ऑप्शन मिले- डिसलाइक करिए. रिव्यू का ऑप्शन मिले तो रेटिंग एक से नीचे करिए. कई तो यह भी बता रहे हैं कि सीधे अंतिम गूगल करिए. वहां डिसलाइक और रिव्यू रेटिंग करके सलमान खान को उनकी औकात बताइए. कुछ ने तो बाकायदा लिंक तक शेयर कर दिया है. लोग डिसलाइक और खराब रेटिंग देने तक का स्क्रीन शॉट साझा कर रहे. ताकि अपने सोशल प्लेटफॉर्म से अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए उत्साहित कर सकें.

कुछ हेटर्स ग्रुप ने तो सलमान के पुराने वीडियो भी खोज-खोज कर साझा किया है. खबरों के स्क्रीन शॉट भी. इनके जरिए वे लोग "अपनी परिभाषा" में सिद्ध कर रहे हैं कि कैसे सलमान खान "देश विरोधी" और "धर्म विरोधी" हैं. कुछ पुराने वीडियोज के जरिए यह प्रोपगेंडा भी फैलाया जा रहा कि मुंबई टेरर अटैक के दौरान सलमान ने किस तरह आतंकियों का खुला सपोर्ट किया था और भारतीय इंटेलीजेंसिया पर ही सवाल उठाए थे. कुछ ग्रुप्स में सलमान पर चल रहे मामलों के आधार पर उन्हें अपराधी बताया जा रहा. और अपराध की सजा के तौर पर अंतिम को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की अपील हो रही है.

याकूब मेनन को लेकर सलमान के बयान, काला हिरण शिकार केस और रोड रेज के मामले में सलमान के खिलाफ खूब सारी प्रतिक्रियाएं अंतिम के बॉयकॉट ट्रेंड्स पर दिख रही हैं. अरिजीत सिंह के मामले का भी जिक्र हो रहा है कि कैसे उनकी जगह एक पाकिस्तानी गायक को मौका दिया गया. सलमान ने कथित तौर पर कितने लोगों का बॉलीवुड करियर तबाह किया उसका भी लेखाजोखा ट्रेंड पर साझा हो रहा है. सुशांत सिंह राजपूत के नाम पर बने कई फैन ग्रुप भी सलमान पर सवाल उठाने में काफी मुखर नजर आ रहे हैं.

हेट कैम्पेन का असर होता भी है या नहीं?

जिन्हें फिल्म देखना हैं वो उसे देखते ही हैं. हेट कैम्पेन करने वालों से कहीं ज्यादा सितारों के समर्थक सोशल मीडिया प्लेट फॉर्म पर उनका बचाव करते हैं. लेकिन इन चीजों से फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ खराब हो सकता है. भले ही फ़िल्में अच्छी ही क्यों ना हों. तीन साल पहले शाहरुख खान की जीरो के साथ लगभग यही सबकुछ हुआ था. जीरो की कहानी अपनी जगह ठीकठाक थी. शाहरुख का काम भी. पर फिल्म को नकारात्मक कैम्पेन से नुकसान पहुंचा. तब भी धार्मिक वजहों से ही शाहरुख की फिल्म का विरोध किया जा रहा था. जीरो बॉक्स ऑफिस पर बैठ गई थी.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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