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एंजेलिना जोली तो ठीक हैं जानिए इस फोटोशूट के लिए मधुमक्खियां कैसे तैयार हुईं

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 23 मई, 2021 07:17 PM
  • 23 मई, 2021 06:53 PM
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मधुमक्खियों के साथ पहली बार किसी फीमेल मॉडल ने पोट्रेट फोटोशूट किया. एंजेलिना से पहले रिचर्ड एवेडॉन के लिए रोन फिशर ने The Bee keeper (1981) पोट्रेट शूट करवाया था. इस शूट की कहानी भी बहुत दिलचस्प है जिससे एंजेलिना का पोट्रेट प्रेरित है.

हॉलीवुड स्टार एंजेलिना जोली का एक फोटोशूट चर्चा में है. एंजेलिना यूनेस्को के साथ जुड़ी हुई हैं और पिछले हफ्ते "वर्ल्ड बी डे" के मौके पर एक ख़ास पहल के तहत उन्होंने मधुमक्खियों के साथ 18 मिनट तक पोट्रेट फोटोशूट कराया. स्वाभाविक तौर पर नेशनल जियोग्राफिक के सहयोग से हुए खतरनाक फोटोशूट ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है. ज़िंदा मधुमक्खियों के साथ फोटोशूट बहुत आसान नहीं था. मगर इसके पीछे की योजना और दिलचस्प प्रेरणा ने सरल और सहज बना दिया.

फोटोग्राफर और मधुमक्खी पालक डैन विंटर्स को जब ये असाइनमेंट मिला तो वो कुछ बातों को लेकर परेशान थे. शूट के वक्त मधुमक्खियों में लिपटी एंजेलिना को सुरक्षित कैसे रखा जाएगा शूट क्रू के लिए चिंता का सबब था. डैन ने बेहद मुश्किल असाइनमेंट के लिए अपने मित्र और मधुमक्खी पालन में दक्ष कोनरेड बफर्ड की मदद ली. कोनरेड बफर्ड जब साथ आएं तो शूट से पहले योजनाओं पर काम शुरू हुआ. सबसे पहले एक ऐसे एंटोमोलॉजिस्ट से संपर्क किया गया जो कई दशक पहले लगभग इसी तरह के पोट्रेट फोटोशूट (एवेडॉन शूट, 1981 बीकीपर) के लिए एक विशेष फेरोमोन पर काम कर चुका किया था. दरअसल ये फेरोमोन, क्वीन मैंडिबुलर फेरोमोन या क्यूएमपी के रूप में जाना जाता है. एंटोमोलॉजिस्ट ने डैन और उनके क्रू को उसी फेरोमोन के इस्तेमाल की सलाह दी.

कीट या दूसरे जीव-जंतु जब निकलते हैं तो उनका नेतृत्व करने वाले कीट एक तरह का केमिकल छोड़ते हैं जिससे समूह के दूसरे कीटों का व्यवहार तय होता है. 

एवेडॉन शूट में '1981 बीकीपर' के लिए इस्तेमाल फेरोमोन के तहत रानी मधुमक्खी को शरीर के मनचाहे स्पॉट पर ले जाया गया था. बाद में ऑब्जेक्ट के सामने कुछ दूरी पर बड़ी संख्या में मधुमक्खियां के बॉक्स को खोल दिया गया. वे ऑब्जेक्ट की बॉडी पर लगभग उन्हीं जगहों पर पहुंचकर इकट्ठा हुईं जहां जरूरी...

हॉलीवुड स्टार एंजेलिना जोली का एक फोटोशूट चर्चा में है. एंजेलिना यूनेस्को के साथ जुड़ी हुई हैं और पिछले हफ्ते "वर्ल्ड बी डे" के मौके पर एक ख़ास पहल के तहत उन्होंने मधुमक्खियों के साथ 18 मिनट तक पोट्रेट फोटोशूट कराया. स्वाभाविक तौर पर नेशनल जियोग्राफिक के सहयोग से हुए खतरनाक फोटोशूट ने दुनियाभर का ध्यान खींचा है. ज़िंदा मधुमक्खियों के साथ फोटोशूट बहुत आसान नहीं था. मगर इसके पीछे की योजना और दिलचस्प प्रेरणा ने सरल और सहज बना दिया.

फोटोग्राफर और मधुमक्खी पालक डैन विंटर्स को जब ये असाइनमेंट मिला तो वो कुछ बातों को लेकर परेशान थे. शूट के वक्त मधुमक्खियों में लिपटी एंजेलिना को सुरक्षित कैसे रखा जाएगा शूट क्रू के लिए चिंता का सबब था. डैन ने बेहद मुश्किल असाइनमेंट के लिए अपने मित्र और मधुमक्खी पालन में दक्ष कोनरेड बफर्ड की मदद ली. कोनरेड बफर्ड जब साथ आएं तो शूट से पहले योजनाओं पर काम शुरू हुआ. सबसे पहले एक ऐसे एंटोमोलॉजिस्ट से संपर्क किया गया जो कई दशक पहले लगभग इसी तरह के पोट्रेट फोटोशूट (एवेडॉन शूट, 1981 बीकीपर) के लिए एक विशेष फेरोमोन पर काम कर चुका किया था. दरअसल ये फेरोमोन, क्वीन मैंडिबुलर फेरोमोन या क्यूएमपी के रूप में जाना जाता है. एंटोमोलॉजिस्ट ने डैन और उनके क्रू को उसी फेरोमोन के इस्तेमाल की सलाह दी.

कीट या दूसरे जीव-जंतु जब निकलते हैं तो उनका नेतृत्व करने वाले कीट एक तरह का केमिकल छोड़ते हैं जिससे समूह के दूसरे कीटों का व्यवहार तय होता है. 

एवेडॉन शूट में '1981 बीकीपर' के लिए इस्तेमाल फेरोमोन के तहत रानी मधुमक्खी को शरीर के मनचाहे स्पॉट पर ले जाया गया था. बाद में ऑब्जेक्ट के सामने कुछ दूरी पर बड़ी संख्या में मधुमक्खियां के बॉक्स को खोल दिया गया. वे ऑब्जेक्ट की बॉडी पर लगभग उन्हीं जगहों पर पहुंचकर इकट्ठा हुईं जहां जरूरी था.

एंजेलिना के पोट्रेट शूट में भी इटैलियन मधुमक्खियों के साथ इसी तरीके का इस्तेमाल हुआ. शूट के दौरान मधुमक्खियां शांत रहीं. हालांकि एहतियात के तौर पर शूट के वक्त एंजेलिना को छोड़कर सभी क्रू मेबर्स ने प्रोटेक्टिव शूट पहन रखा था. लोकेशन को बहुत शांत रखा गया था और वहां अँधेरा भी था. ताकि मधुमक्खियां किसी तरह के शोर या उजाले से भड़क कर एंजेलिना को नुकसान ना पहुंचाए.

20 मई को "वर्ल्ड बी डे" पर करीब 40 साल बाद मधुमक्खियों के साथ पहली बार किसी फीमेल मॉडल ने पोट्रेट फोटोशूट किया. एंजेलिना से पहले रिचर्ड एवेडॉन के लिए रोन फिशर ने "1981 बीकीपर" पोट्रेट शूट करवाया था. इस शूट की कहानी भी बहुत दिलचस्प है जिससे एंजेलिना का पोट्रेट प्रेरित है.

रिचर्ड एवेडॉन अमेरिका के मशहूर फैशन और पोट्रेट फोटोग्राफर थे. उनका सबसे चर्चित फोटोग्राफ 1981 बीकीपर है. इस शूट के लिए मेल या फीमेल मॉडल की तलाश में उन्होंने मधुमक्खी पालन से जुड़े एक जर्नल में विज्ञापन दिया था. फिशर चूंकि मधुमक्खियों के साथ कुछ ऐसा ही करने का मौका तलाश रहे थे, विज्ञापन देखते ही उन्होंने अपना पोलेरॉइड भेज दिया. जिसे देखते ही एवेडॉन ने एंटोमोलॉजिस्ट के साथ एक मीटिंग फिक्स की.

सबकुछ तय होने के बाद फोटोशूट के लिए फिशर के सिर और छाती के अलग-अलग स्पॉट पर योजना के मुताबिक़ रानी मधुमक्खी को घुमाया गया. ताकि उन्हीं स्पॉट पर दूसरी मधुमक्खियां भी आकर्षित हों. शूट में शिशु मधुमक्खियों का इस्तेमाल हुआ था प्राय: जिनका डंक कम विकसित होता है. इसके बाद फिशर से करीब 200 फीट दूर मधुमक्खियों के बॉक्स को जमीन पर रखकर खोल दिया गया था. मधुमक्खियों ने फिशर के बॉडी स्पॉट की पहचान कर ली और उसी ओर बढ़ गईं. मशहूर पोट्रेट का फोटोशूट करीब डेढ़ घंटे तक चला था. सेशन के दौरान मधुमक्खियों ने फिशर को चार बार डंक भी मारा था.

बताने की जरूरत नहीं कि फोटोशूट ने उस वक्त दुनियाभर में लोगों का ध्यान खींचा. जब भी एवेडॉन के काम की चर्चा होती है बीकीपर का जरूर जिक्र आता है.

फोटो- नेशनल जियोग्राफी/डैन विंटर्स और रिचर्ड एवेडॉन से साभार.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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