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अमीषा पटेल वो अभिनेत्री हैं जिन्हें फिल्मों से ज्यादा चुनावों का इंतजार रहता है!

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 21 अप्रिल, 2021 11:10 PM
  • 21 अप्रिल, 2021 05:10 PM
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बंगाल से पहले अमीषा राजीव शुक्ल जैसे कांग्रेसी दिग्गजों के साथ भी कैम्पेन कर चुकी हैं. पिछले साल बिहार विधानसभा के चुनाव में अमीषा पटेल रोड शो करते दिखी थीं. हालांकि तब उनके इस कैम्पेन पर खूब विवाद भी देखने को मिला था.

खराब फिल्मों के चयन, एक पर एक असफलता और हिंदी सिनेमा के कंटेंट में पिछले 15 साल में जिस तरह के बदलाव हुए उसमें मसाला फिल्मों की हीरोइनों के पास एक्टिंग फ्रंट पर ज्यादा कुछ करने को नहीं बचा. कुछ हीरोइनों ने तो समय के साथ पेशा और भूमिका दोनों ही बदल डाला. कुछ ने शादी कर घर बसा लिया. लेकिन गदर: एक प्रेमकथा फेम अमीषा पटेल जैसी अभिनेत्रियों की ग्लैमर जगत में गुंजाइश की तलाश ख़त्म नहीं हुई है. जबकि उनके पिछले कई खाली साल ये साफ कर देते हैं कि उनके लिए अब मौके नहीं हैं.

हां, एक चीज है जहां अमीषा लगातार सक्रिय नजर आती हैं. चुनावों में. एक्टिंग फ्रंट पर 2018 में एक छोटी फिल्म में निभाई प्रभावहीन भूमिका से अलग देखें तो वे अब तक चुनावों में ज्यादा व्यस्त नजर आती हैं. कई बार दिखा है कि उन्होंने अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए कैम्पेन और रोड शो किया. फिलहाल अमीषा पटेल पश्चिम बंगाल के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी का कैम्पेन कर रही हैं. गुजरे जमाने की एक और ग्लैमरस एक्ट्रेस महिमा चौधरी भी टीएमसी उम्मीदवार के लिए बंगाल में रोड शो कर रही हैं.

आसनसोल में टीएमसी ने मलय घटक को मैदान में उतारा है. अमीषा ने मलय के लिए लंबा चौड़ा रोडशो किया. इस दौरान उन्होंने अपनी डेब्यू फिल्म "कहो ना प्यार है" के गाने गाते हुए लोगों से मलय को जिताने की अपील की. स्टारडम की हैसियत गंवा चुकी गुजराती मूल की अमीषा बंगाल में कितना प्रभाव छोड़ेंगी ये समझा जा सकता है. रोड शो में बॉलीवुड कनेक्शन की वजह से भीड़ जुटाने में बस मदद मिली होगी. बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने शायद इसी बात पर उनकी चुटकी ली. वैसे बॉलीवुड के कई एक्टर कैम्पेन करते हैं. तमाम की राजनीतिक पक्षधरता भी है. अमीषा का भी फैमिली बैकग्राउंड कांग्रेस से है, लेकिन उनकी पार्टी पॉलिटिक्स कभी नहीं दिखी. वो कभी कांग्रेस तो कभी अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के चुनिंदा प्रत्याशियों का कैम्पेन करती हैं.

खराब फिल्मों के चयन, एक पर एक असफलता और हिंदी सिनेमा के कंटेंट में पिछले 15 साल में जिस तरह के बदलाव हुए उसमें मसाला फिल्मों की हीरोइनों के पास एक्टिंग फ्रंट पर ज्यादा कुछ करने को नहीं बचा. कुछ हीरोइनों ने तो समय के साथ पेशा और भूमिका दोनों ही बदल डाला. कुछ ने शादी कर घर बसा लिया. लेकिन गदर: एक प्रेमकथा फेम अमीषा पटेल जैसी अभिनेत्रियों की ग्लैमर जगत में गुंजाइश की तलाश ख़त्म नहीं हुई है. जबकि उनके पिछले कई खाली साल ये साफ कर देते हैं कि उनके लिए अब मौके नहीं हैं.

हां, एक चीज है जहां अमीषा लगातार सक्रिय नजर आती हैं. चुनावों में. एक्टिंग फ्रंट पर 2018 में एक छोटी फिल्म में निभाई प्रभावहीन भूमिका से अलग देखें तो वे अब तक चुनावों में ज्यादा व्यस्त नजर आती हैं. कई बार दिखा है कि उन्होंने अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशियों के लिए कैम्पेन और रोड शो किया. फिलहाल अमीषा पटेल पश्चिम बंगाल के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी का कैम्पेन कर रही हैं. गुजरे जमाने की एक और ग्लैमरस एक्ट्रेस महिमा चौधरी भी टीएमसी उम्मीदवार के लिए बंगाल में रोड शो कर रही हैं.

आसनसोल में टीएमसी ने मलय घटक को मैदान में उतारा है. अमीषा ने मलय के लिए लंबा चौड़ा रोडशो किया. इस दौरान उन्होंने अपनी डेब्यू फिल्म "कहो ना प्यार है" के गाने गाते हुए लोगों से मलय को जिताने की अपील की. स्टारडम की हैसियत गंवा चुकी गुजराती मूल की अमीषा बंगाल में कितना प्रभाव छोड़ेंगी ये समझा जा सकता है. रोड शो में बॉलीवुड कनेक्शन की वजह से भीड़ जुटाने में बस मदद मिली होगी. बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने शायद इसी बात पर उनकी चुटकी ली. वैसे बॉलीवुड के कई एक्टर कैम्पेन करते हैं. तमाम की राजनीतिक पक्षधरता भी है. अमीषा का भी फैमिली बैकग्राउंड कांग्रेस से है, लेकिन उनकी पार्टी पॉलिटिक्स कभी नहीं दिखी. वो कभी कांग्रेस तो कभी अलग-अलग क्षेत्रीय दलों के चुनिंदा प्रत्याशियों का कैम्पेन करती हैं.

क्या अब कैम्पेन के जरिए ही पैसे कमा रही हैं अमीषा पटेल?

बंगाल से पहले अमीषा राजीव शुक्ल जैसे कांग्रेसी दिग्गजों के साथ भी कैम्पेन कर चुकी हैं. पिछले साल बिहार विधानसभा के चुनाव में अमीषा पटेल रोड शो करते दिखी थीं. हालांकि तब उनके इस कैम्पेन पर खूब विवाद भी देखने को मिला. दरअसल, उन्होंने लोकजनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार प्रकाश चंद्रा के लिए रोड शो किया था. बाद में धमाकने और रेप होने की आशंका के आरोप भी लगाए थे और कहा था- मुझसे तय समय से ज्यादा जबरदस्ती कैम्पेन करवाया गया था. प्रकाश चंद्रा ने अमीषा के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा था- हमारी 15 लाख रुपये में डील हुई थी. इसके बदले उन्हें रोड शो और सोशल मीडिया पर प्रचार करना था.

ये पूरी तरह साफ़ नहीं है मगर माना जाता है प्रत्याशियों से पैसों के बदले अमीषा पटेल उनका कैम्पेन करती हैं.

एजेंसीज के जरिए मिलता है काम

हमारे संपर्कों ने बताया कि ग्लैमर चेहरों के जरिए प्रचार काफी मजबूत व्यवसाय की शक्ल ले चुका है. सितारे अपने चेहरे की कीमत वसूल रहे हैं. कई एजेंसीज तो इंडस्ट्री की तरह इसे चला रही हैं. आज की तारिख में बड़े-छोटे सभी तरह के सितारे ये काम कर रहे हैं. हालांकि सितारों का जैसा स्टारडम होता है उसी के हिसाब से उन्हें पेमेंट दिया जाता हैं. पेमेंट का कुछ हिस्सा एजेंसी को मिलता है जबकि बाकी सितारों के खाते में जाता है.

लोग पार्टियों में भी ग्लैमर चेहरों को पैसे देकर बुलाते हैं. कार्यक्रमों में गेस्ट के रूप में भी इन्हें बुलाया जाता है. होटल, बार, दुकानों, प्रतिष्ठानों का उद्घाटन भी इनसे कराया जाता है. आमतौर पर बड़े सितारों की अपनी टीम इस तरह के इवेंट को खुद मैनेज करती है.

चुनावों में ऐसे फ़िल्मी सितारों की डिमांड ज्यादा

चुनावी रोड शो में तड़क-भड़क के लिए प्रत्याशी अच्छी खासी रकम देकर फ़िल्मी सितारों को बुलाते हैं. बॉलीवुड और ग्लैमर जगत का हिस्सा रहे कई नामचीन कलाकार फिलहाल फेम के संकट से गुजर रहे हैं. वक्त के साथ जो कलाकार पहचान खो चुके हैं और काम के अभाव में हैं उन्हें एजेंसीज के जरिए समय-समय पर काम मिलता है. चुनावों के दौरान इनकी सबसे ज्यादा डिमांड होती है. चुनावों में दिखने वाले ज्यादातर कलाकार जो पार्टी पॉलिटिक्स नहीं करते, अपनी मौजूदगी की मोटी रकम वसूलते हैं.

क्या है फ़िल्मी सितारों के ऐसे काम की वजह ?

ग्लैमर इंडस्ट्री और एक्टिंग करियर में उतार-चढ़ाव आम बात हैं. कई सितारों को इस फेज से गुजरना पड़ा है. इंडस्ट्री में एक बार गाड़ी जब पटरी से नीचे उतर जाती है तो कमबैक करना सबके बस की बात नहीं. खासकर फीमेल एक्टर्स के मामले में. दुर्लभ उदाहरण ही मिलेंगे जिसमें मसाला फिल्मों की अभिनेत्रियों ने कमबैक किया हो. और इसके पीछे कई वजहें हैं. दरअसल, साल 2000 से पहले तक बॉलीवुड की मसाला फिल्मों में ज्यादातर अभिनेत्रियां ग्लैमर तड़क-भड़क के लिए फिल्मों में नजर आती थीं. उनके हिस्से भड़काऊ नाच गाने, रोना-धोना और रोमांटिक सीन भर होते थे. लेकिन साल 2000 के बाद सिनेमा धीरे-धीरे बदलने लगा जिसकी रफ़्तार चार-पांच सालों में बहुत तेज हो गई.

अमीषा पटेल

वक्त के हिसाब से सिनेमा बदला तो किनारे हो गए कई कलाकार

हर विधा में नई पीढ़ी का रचनात्मक दखल आसानी से देखा जा सकता है. इस दौरान अच्छी और गलत दो चीजें हुईं. अच्छा ये रहा कि सिनेमा का कंटेंट बदलने लगा. लेखन से अभिनय तक नए-नए लोग नई चीजें लेकर आए. तड़क-भड़क का स्पेश बहुत कम हुआ. फिल्मों की सक्सेस के लिए स्टार वैल्यू भी कमजोर पड़ा. बुरी बात ये हुई कि बदलाव में मेल एक्टर्स के मुकाबले फीमेल एक्टर्स के जगह बनाने की गुंजाइश कम हो गई. खासकर अमीषा पटेल, महिमा चौधरी जैसी मसाला फिल्मों की ग्लैमरस अभिनेत्रियों के लिए चरित्र किरदारों में भी फिट नहीं दिखती.

बॉलीवुड की वो मान्यता भी वजह है जिसमें पहले मान लिया जाता था कि 30-35 की एक उम्र के बाद हीरोइनों का दौर ख़त्म हो जाता है. साल 2000 से पहले रेखा, श्रीदेवी और माधुरी ने ही इस मिथक को तोड़ा.

बड़ा ही करने का लालच भी एक वजह

एक और चीज है. बदले दौर में कुछ कलाकारों ने अच्छी फिल्मों में सहयोगी, मगर सशक्त भूमिकाओं के जरिए मौजूदगी बरकरार रखने की कोशिश की. जबकि अमीषा और कई समकालीन फीमेल एक्टर्स इसे भांप ही नहीं पाई. बड़ी भूमिकाओं के लालच में गलत फिल्मों का चयन, और लगातार असफलता से उनकी वापसी के रास्ते बंद होते गए. अब इन एक्टर्स का वक्त ऐसा है कि बी और सी ग्रेड फ़िल्में भी नहीं मिल रही. जो फ़िल्में हाथ में भी हैं वो सालों से अटकी पड़ी हैं.

किसी जमाने में में सुपरहिट थीं अमीषा

अमीषा पटेल करीब 45 साल की हैं. एक तरह से देखें तो वो वक्त से समझौता ना करने की सजा भुगत रही हैं. पिछले दो साल में उनकी कोई फिल्म नहीं आई है. 2013 के बाद उनकी दो फ़िल्में आई हैं. तेलुगु फिल्म में मेहमान कलाकार के रूप में और 2018 में भैयाजी सुपरहिट में काम. फिल्म बुरी तरह से फ्लॉप थी सो चर्चा ही नहीं हुई. 2019 में बिग बॉस भी उन्हें लाइफ लाइन ना दे सका.

अमीषा के करियर में गिरावट का ये सिलसिला 2002 में हमराज की सक्सेस के बाद से ही शुरू हो गया था. 2007 तक काफी फ़िल्में कीं. लेकिन कोई बड़ी हिट नहीं बनी. रेस 2 और भूल भूलैया सफल जरूर हुई लेकिन मल्टीस्टारर फिल्मों में नेम फेम दूसरे कलाकार लेकर चले गए. ऋतिक रोशन के साथ कहो ना प्यार है और सनी देओल संग ग़दर एक प्रेम कथा और मल्टी स्टारर हमराज ही वो फ़िल्में हैं जिससे अमीषा को बड़ी पहचान मिली.

इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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