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अक्षय कुमार अब पूरी तरह से मनोज कुमार बन गए हैं

    • श्रुति दीक्षित
    • Updated: 25 जून, 2018 01:36 PM
  • 25 जून, 2018 01:36 PM
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अक्षय कुमार की फिल्म 'गोल्ड' का ट्रेलर रिलीज हो गया है. ये फिल्म अक्षय कुमार का मास्टर पीस कही जा सकती है. पर इस फिल्म को करके अक्षय मनोज कुमार की तरह ही देशभक्त बन गए हैं.

अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म 'गोल्ड' का ट्रेलर आ गया है. ये फिल्म आज़ादी मिलने से पहले और आज़ादी के तुरंत बाद की कहानी पर आधारित है जिसमें एक हॉकी प्लेयर अपने हिंदुस्तान का झंडा फैरते हुए देखना चाहता है. एक पागल बंगाली जो बस इंडिया के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहता है.

ये फिल्म अक्षय कुमार का मास्टर पीस कही जा सकती है. कम से कम ट्रेलर तो काफी शानदार दिख रहा है और फिल्म में एक्टर्स का चुनाव भी लीग से हटकर ही लग रहा है. बात पते की है कि फिल्म में अभिनय ज़ोरदार देखने को मिलेगा.

अक्षय की ये फिल्म भी एक क्लासिक ही होगी. कारण ये है कि अक्षय कुमार भी अब मनोज कुमार की तरह देश और देश से जुड़े अहम मुद्दों पर फिल्में बना चुके हैं. अक्षय को मॉर्डन मनोज कुमार कहा जाए तो गलत नहीं होगा.

फिल्मी सफर..

जहां तक मनोज कुमार की बात करें तो उन्हें 1965 की फिल्म शहीद के बाद से ही पेट्रिऑटिक हीरो कहा जाने लगा था. इसके बाद उपकार जिस फिल्म का गाना मेरे देश की धरती बहुत फेमस हुआ था, फिल्म बेईमान, पूरब और पश्चिम, शोर ने ये साबित कर दिया कि मनोज कुमार पेट्रिऑटिक हीरो हैं.

अब अक्षय की बात करते हैं. अक्षय के पेट्रिऑटिज्म की एक झलक फिल्म पटियाला हाउस में देखी जा सकती है, हालांकि ये फिल्म भारत से जुड़ी हुई नहीं थी, लेकिन फिर भी गिनती में इसे रखा जा सकता है. इसके बाद OMG (ओह माय गॉड), स्पेशल 26, हॉलीडे, बेबी, गब्बर इज बैक, एयरलिफ्ट, रुस्तम, टॉयलेट एक प्रेम कथा, नाम शबाना, पैडमैन आदि सभी फिल्में देश और देश की समस्याओं से जुड़ी थीं. अब आने वाली फिल्म गोल्ड में भी यही देखने को मिलता है.

मनोज कुमार ने भी क्रांतिवीर कर प्री-इंडिपेंडेंस एरा की फिल्मों में अपना नाम शुमार कर लिया था क्रांतिवीर में मनोज कुमार ने आज़दी के पहले वाले भारत की एक झलक दिखाई थी और...

अक्षय कुमार की आने वाली फिल्म 'गोल्ड' का ट्रेलर आ गया है. ये फिल्म आज़ादी मिलने से पहले और आज़ादी के तुरंत बाद की कहानी पर आधारित है जिसमें एक हॉकी प्लेयर अपने हिंदुस्तान का झंडा फैरते हुए देखना चाहता है. एक पागल बंगाली जो बस इंडिया के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहता है.

ये फिल्म अक्षय कुमार का मास्टर पीस कही जा सकती है. कम से कम ट्रेलर तो काफी शानदार दिख रहा है और फिल्म में एक्टर्स का चुनाव भी लीग से हटकर ही लग रहा है. बात पते की है कि फिल्म में अभिनय ज़ोरदार देखने को मिलेगा.

अक्षय की ये फिल्म भी एक क्लासिक ही होगी. कारण ये है कि अक्षय कुमार भी अब मनोज कुमार की तरह देश और देश से जुड़े अहम मुद्दों पर फिल्में बना चुके हैं. अक्षय को मॉर्डन मनोज कुमार कहा जाए तो गलत नहीं होगा.

फिल्मी सफर..

जहां तक मनोज कुमार की बात करें तो उन्हें 1965 की फिल्म शहीद के बाद से ही पेट्रिऑटिक हीरो कहा जाने लगा था. इसके बाद उपकार जिस फिल्म का गाना मेरे देश की धरती बहुत फेमस हुआ था, फिल्म बेईमान, पूरब और पश्चिम, शोर ने ये साबित कर दिया कि मनोज कुमार पेट्रिऑटिक हीरो हैं.

अब अक्षय की बात करते हैं. अक्षय के पेट्रिऑटिज्म की एक झलक फिल्म पटियाला हाउस में देखी जा सकती है, हालांकि ये फिल्म भारत से जुड़ी हुई नहीं थी, लेकिन फिर भी गिनती में इसे रखा जा सकता है. इसके बाद OMG (ओह माय गॉड), स्पेशल 26, हॉलीडे, बेबी, गब्बर इज बैक, एयरलिफ्ट, रुस्तम, टॉयलेट एक प्रेम कथा, नाम शबाना, पैडमैन आदि सभी फिल्में देश और देश की समस्याओं से जुड़ी थीं. अब आने वाली फिल्म गोल्ड में भी यही देखने को मिलता है.

मनोज कुमार ने भी क्रांतिवीर कर प्री-इंडिपेंडेंस एरा की फिल्मों में अपना नाम शुमार कर लिया था क्रांतिवीर में मनोज कुमार ने आज़दी के पहले वाले भारत की एक झलक दिखाई थी और अक्षय कुमार भी अब गोल्ड के साथ वही कर रहे हैं.

दोनों ही एक्टर अपने समय के दिग्गज हैं और दोनों की ही फिल्में देश और भारत की समस्याओं पर ही आधारित रहती हैं. हां बस तरीका थोड़ा बदल गया है लेकिन 60's और 70's से लेकर 2018 तक मुद्दे तो बदले हैं, लेकिन फिल्मों की लोकप्रियता और दमदार अभिनय नहीं बदला.

अब अगर बात फिर से गोल्ड के ट्रेलर की करें तो ट्रेलर की शुरुआत ही आज़ादी से पहले वाले दौर में होती है. शुरु में एक आवाज़ “Gold, British India,” चिल्लाती हुई सुनाई देती है और अक्षय कुमार को दिखाया जाता है. इस फिल्म की कहानी में बताया गया है कि कैसे 12 साल लगे भारतीय हॉकी टीम को अपने लिए गोल्ड लाने में. अक्षय कुमार, अमित साध, विनीत कुमार सिंह, कुनाल कपूर, सनी कौशल जैसे किरदार ट्रेलर में अपना रौब जमा रहे हैं.

फिल्म भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर को दिखाती है जिसमें एक असिस्टेंट मैनेजर तपन दास ने अहम भूमिका निभाई थी. अक्षय का किरदार तपन दास पर ही आधारित है. ये फिल्म 1936 की पृष्ठभूमि पर आधारित है और यकीनन ट्रेलर देखकर समझ आ रहा है कि कितनी मेहनत की गई है.

फिल्म आज़ादी के दिन ही रिलीज होने वाली है. फिल्म में मौनी रॉय भी हैं और यकीनन अक्षय की ये गोल्ड एक महत्वकांक्षी फिल्म लग रही है.

इसी के साथ, एक बात और साबित होती है कि अक्षय कुमार अब एक बार फिर एक क्लासिक मनोज कुमार स्टाइल फिल्म लेकर आए हैं और यकीनन इससे अक्षय कुमार की पेट्रिऑटिक फिल्मों में एक और स्टार जुड़ गया है.

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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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