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अमिताभ-रिया-इमरान की Chehre movie देखने के लिए ये पांच वजहें पर्याप्त हैं!

    • अनुज शुक्ला
    • Updated: 26 अगस्त, 2021 09:10 PM
  • 24 अगस्त, 2021 10:08 PM
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Chehre movie के ट्रेलर से ही साफ़ हो गया था कि मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म का विषय दर्शकों को बांध कर रखने में कामयाब हो सकता है. चेहरे के ट्रेलर में जिस तरह से प्लाट, ट्विस्ट और टर्न्स निकलकर आ रहे हैं वो दर्शकों की दिलचस्पी को बेसब्र करने में सक्षम हैं. एक खेल और एक अतीत के जरिए मिस्ट्री थ्रिलर की कहानी को बुना गया है.

अक्षय कुमार की बेल बॉटम के बाद एक और फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है. मिस्ट्री थ्रिलर "चेहरे" अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी की है. वैसे महामारी की दूसरी लहर से पहले चेहरे को अप्रैल में रिलीज करने का प्लान था, मगर कोरोना का प्रकोप ऐसा पड़ा कि समूचे देश में सख्त लॉकडाउन लग गया और मेकर्स की रिलीज प्लानिंग पर पानी फिर गया. चेहरे नए शेड्यूल के हिसाब से 27 अगस्त को रिलीज हो रही है. फिल्म के लिए अच्छी बात यह है कि अक्षय ने मुश्किल हालात के बावजूद सिनेमाघरों में सकारात्मक शुरुआत की है. चेहरे का निर्देशन रूमी जाफरी ने किया है. स्टारकास्ट जमकर प्रमोशन में लगी है. कई वजहों से फिल्म को लेकर बॉलीवुड और उसके बाहर दिलचस्पी है. आइए जानते हैं ऐसी ही पांच वजहों के बारे में क्यों अमिताभ-इमरान की जोड़ी में चेहरे को देखा जा सकता है.

#1. फिल्म का सब्जेक्ट

चेहरे के ट्रेलर से ही साफ़ हो गया था कि मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म का विषय दर्शकों को बांध कर रखने में कामयाब हो सकता है. चेहरे के ट्रेलर में जिस तरह से प्लाट, ट्विस्ट और टर्न्स निकलकर आ रहे हैं वो दर्शकों की दिलचस्पी को बेसब्र करने में सक्षम हैं. एक खेल और एक अतीत के जरिए मिस्ट्री थ्रिलर की कहानी को बुना गया है. खेल खतरनाक और जानलेवा है. कहानी की असल मिस्ट्री इन्हीं दो चीजों में छिपाई गई है. अमिताभ, लतीफ़ जैदी नाम के बुजुर्ग रिटायर्ड कील की भूमिका में हैं. बर्फीले मौसम में बिजनेसमैन इमरान, जैदी और उनकी मित्र मंडली के पास पहुंच जाता है. कैसे पहुंचता है, खेल का मकसद क्या है और खेल होता किसलिए है, इन सारे सवालों का अंजाम चेहरे को देखने लायक फिल्म बनाती है. ट्रेलर तो मिस्ट्री थ्रिलर के मुताबिक़ बहुत लाजवाब दिख रहा है. यह बीआर चोपड़ा की क्लासिक थ्रिलर धुंध, क़ानून और इत्तेफाक की याद भी दिलाता है.

#2. दिग्गज...

अक्षय कुमार की बेल बॉटम के बाद एक और फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज के लिए तैयार है. मिस्ट्री थ्रिलर "चेहरे" अमिताभ बच्चन और इमरान हाशमी की है. वैसे महामारी की दूसरी लहर से पहले चेहरे को अप्रैल में रिलीज करने का प्लान था, मगर कोरोना का प्रकोप ऐसा पड़ा कि समूचे देश में सख्त लॉकडाउन लग गया और मेकर्स की रिलीज प्लानिंग पर पानी फिर गया. चेहरे नए शेड्यूल के हिसाब से 27 अगस्त को रिलीज हो रही है. फिल्म के लिए अच्छी बात यह है कि अक्षय ने मुश्किल हालात के बावजूद सिनेमाघरों में सकारात्मक शुरुआत की है. चेहरे का निर्देशन रूमी जाफरी ने किया है. स्टारकास्ट जमकर प्रमोशन में लगी है. कई वजहों से फिल्म को लेकर बॉलीवुड और उसके बाहर दिलचस्पी है. आइए जानते हैं ऐसी ही पांच वजहों के बारे में क्यों अमिताभ-इमरान की जोड़ी में चेहरे को देखा जा सकता है.

#1. फिल्म का सब्जेक्ट

चेहरे के ट्रेलर से ही साफ़ हो गया था कि मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म का विषय दर्शकों को बांध कर रखने में कामयाब हो सकता है. चेहरे के ट्रेलर में जिस तरह से प्लाट, ट्विस्ट और टर्न्स निकलकर आ रहे हैं वो दर्शकों की दिलचस्पी को बेसब्र करने में सक्षम हैं. एक खेल और एक अतीत के जरिए मिस्ट्री थ्रिलर की कहानी को बुना गया है. खेल खतरनाक और जानलेवा है. कहानी की असल मिस्ट्री इन्हीं दो चीजों में छिपाई गई है. अमिताभ, लतीफ़ जैदी नाम के बुजुर्ग रिटायर्ड कील की भूमिका में हैं. बर्फीले मौसम में बिजनेसमैन इमरान, जैदी और उनकी मित्र मंडली के पास पहुंच जाता है. कैसे पहुंचता है, खेल का मकसद क्या है और खेल होता किसलिए है, इन सारे सवालों का अंजाम चेहरे को देखने लायक फिल्म बनाती है. ट्रेलर तो मिस्ट्री थ्रिलर के मुताबिक़ बहुत लाजवाब दिख रहा है. यह बीआर चोपड़ा की क्लासिक थ्रिलर धुंध, क़ानून और इत्तेफाक की याद भी दिलाता है.

#2. दिग्गज कलाकारों की मौजूदगी

चेहरे की स्टारकास्ट बहुत धांसू है. अमिताभ बच्चन और इमरान मुख्य भूमिका में हैं. दोनों का काम तो ट्रेलर में अच्छा नजर आया है. इन दोनों के अलावा हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकारों में शुमार अन्नू कपूर, रघुवीर यादव और धृतिमान चटर्जी भी अहम भूमिका में हैं. मगर सबसे ख़ास है रिया चक्रवर्ती का फिल्म की स्टारकास्ट में शामिल होना. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया का नाम कई सारे विवादों में आ चुका है. सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ एक समूह का गुस्सा भी दिखा था. सुशांत की मौत के बाद एक तरह से रिया चेहरे के जरिए बॉलीवुड कमबैक कर रही हैं. रिया पर सबकी नजरें होंगी. हालांकि फिल्म के निर्माताओं ने अब तक फिल्म की पब्लिसिटी से रिया को दूर ही रखा है. मगर फिल्म में उनकी भूमिका अहम है और सुशांत एपिसोड के बाद उन्हें अभिनय करते देखना चर्चा का विषय होगा.

#3. अमिताभ के साथ इमरान का करिश्मा काम आएगा

इमरान हाशमी लम्बे वक्त से एक अदद हिट की तलाश में भटक रहे हैं. शायद चेहरे वो फिल्म हो सकती है जो उनके सूखे को ख़त्म कर सके. अमिताभ बच्चन का होना उन्हें निश्चित रूप से सपोर्ट करेगा. फिल्म में कई वरिष्ठ और दिग्गज कलाकार हैं. इमरान को साबित करना होगा वर्ना इस बात की गुंजाइश रहेगी कि लाइम लाइट उनके बजाय दूसरे कलाकार ले उड़ें. वैसे इमरान की पिछली फिल्मों की बहुत चर्चा नहीं हुई. चेहरे का सब्जेक्ट और अपीलिंग स्टारकास्ट की वजह से उन्हें अपनी क्षमता का प्रदर्शन करने का भरपूर मौका मिला है. देखना यह है कि उन्होंने इसका दोहन किया या नहीं. इससे पहले अमिताभ ओटीटी पर रिलीज कॉमेडी ड्रामा गुलाबो सिताबो में नजर आए थे. फिल्म में अमिताभ ने खूब तारीफ बटोरी थी. एक्टर के प्रशंसकों के लिए चेहरे बिग बी की एक और लाजवाब फिल्म साबित हो सकती है.

#4. फिल्म के सवांद

चेहरे की कहानी के साथ ही उसके संवाद काफी बेहतर नजर आ रहे हैं. ट्रेलर में अमिताभ का उनकी मोहक स्टाइल में बोला गया संवाद "हमारी अदालत में जस्टिस नहीं जजमेंट होती है. इंसाफ नहीं फैसला मिलता है" लाजवाब है. अमिताभ के साथ अन्नू कपूर और दूसरे कलाकारों के बोले गए संवाद की झलकी इस बात की गारंटी है कि चेहरे संवादों के लिहाज से भी एक अच्छी फिल्म साबित हो सकती है.

चेहरे का ट्रेलर यहां देख सकते हैं:-

#5. रूमी जाफरी भरोसा जगाते हैं

चेहरे का निर्देशन रूमी जाफरी ने किया है. गली गली चोर है, लाइफ पार्टनर और गॉड तुस्सी ग्रेट हो जैसी फ़िल्में बहुत बड़ी कामयाब तो नहीं कही जा सकती, लेकिन इनके विषय ताजे और मनोरंजक थे. रूमी लेखक भी हैं और कई फिल्मों के लिए कहानियां, पटकथाएं और सवांद लिख चुके हैं. चेहरे उनका महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. उम्मीद तो यही की जानी चाहिए कि नएपन और ताजगी के लिहाज से चेहरे में उनका काम दर्शकों को निराश नहीं करेगा.


इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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