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Updated: 07 अक्टूबर, 2017 11:55 AM
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नमस्कार मोदी जी,

मैं आप ही के देश का एक नागरिक हूं. 2014 में मैने भी आपको वोट दिया था. फेसबुक पर भी डाला था मैंने 'फीलिंग आशावादी' पर पिछले कुछ समय में जो भी हुआ है तब से लेकर अब तक कुछ खास मिला नहीं. उसपर जीएसटी और नोटबंदी ने हालत खराब कर दी. स्वच्छ भारत करने तक तो ठीक था, लेकिन नोटबंदी ने ऐसा जुल्म किया कि देसी ठेके से भीड़ ही गायब हो गई. मैं तो पेट्रोल और डीजल के बढ़े हुए दामों को लेकर भी कुछ न बोला और न ही ट्विटर पर गुस्सा निकाला, लेकिन ये क्या अब जो आपके मन में चल रहा है वो गजब न करिएगा मोदी जी. आपने बयान में ही कह दिया कि शराब के खिलाफ एक्शन लिए जाने की जरूरत है. 

मैंने भी बहुत से सपने देखे थे अच्छे दिन के. एक बारी तो सपने में ये भी देख लिया था कि हमें ड्यूटी फ्री शराब मिलेगी. कितना सुहाना था वो समय. ये खुली आंखों से देखा हुआ सपना था और इतना हसीन कि देख ही नहीं सका कहां चल रहा हूं पैर लड़खड़ाए और नाले में जा गिरा था. होश आया तब समझ आया सिर्फ सपना ही था, लेकिन अब तो आपके बयान से ही डर गया हूं.

नरेंद्र मोदी, स्वच्छ भारत, व्यंग्य, शराब

उमिया धाम आश्रम के उद्घाटन के दौरान जो आपने स्पीच दी उससे मेरा दिल टूट सा गया है. मन में एक डर बसा हुआ है कि आखिर मेरे जैसे लाखों लोगों का क्या होगा. आपने तो बड़ी आसानी से कह दिया कि अगर शराब की समस्या को नहीं ठीक किया गया तो आने वाले 25 सालों में सोसाइटी खराब हो जाएगी. अरे मोदी जी ऐसा कुछ भी नहीं है. यकीन मानिए, सोसाइटी को कोई समस्या नहीं होगी.

अब आप ठहरे महान धार्मिक नेता पता चला किसी रोज रात आठ बजे की प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपने ये कह दिया कि आज रात 12 बजे के बाद बीयर और व्हिस्की भारत में लीगल टेंडर नहीं रखेगी तो मेरे जैसे भले मानुष को तो हार्ट अटैक ही आ जाएगा.

मोदी जी, शराबी होना एक धर्म ही है और मेरे जैसे लोग इसका पालन करते हैं. आपकी स्पीच सुनकर एक बुरे सपने की तरह वो मंजर सामने आ गया. क्या होगा वो दौर जब शराब भारत देश में मिलना बंद हो जाएगी. क्या होगा वो दौर जब भारत में शराब ही मिलनी बंद हो जाएगी. वो भयानक दौर जब रातें नशीली नहीं होंगी और दिन में हैंगओवर भी नहीं होगा. वो दौर जब जिंदगी सिर्फ दफ्तर, परिवार और प्यार में तब्दील हो जाएगी. भारत में तो प्यार भी सबके लिए नहीं होता. यूपी में तो अब दहशत होने लगी है अपनी बहन के साथ बाहर निकलने में भी. कबाब बैन तो पहले से ही जीना दुश्वार कर चुका है उसपर अगर शराब बैन भी हो गई तो जिंदगी बस पतंजली के भरोसे कटेगी. अब खुद ही सोचिए वो भी क्या जीना है.

मैं सिर्फ अपनी परेशानी ही नहीं बोल रहा मोदी जी... न बिलकुल न... मैं स्वार्थी नहीं हूं. मैं तो देश की भी सोच रहा हूं. जरा सोचिए शराब बैन करने के बाद क्या हो जाएगा देश का हाल. जिस समय हाईवे और 500 मीटर वाला नियम आया था मुझे तो उस समय भी परेशानी हुई थी. सिर्फ मुझे ही क्यों सभी राज्य मिलाकर 65000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान था. ताज, ओबेरॉय, हयात जैसे होटलों ने भी अपने गेस्ट को शराब देना बंद कर दिया.

खुद ही सोचिए ठेके से लेकर 5 स्टार तक कहीं भी शराब का नामोनिशान नहीं. महाराष्ट्र में भी तो 20 हजार करोड़ का रेवेन्यु शराब से ही आया था. तभी तो उसे बैन नहीं किया गया. आकड़े गवाह हैं तमिलनाडु में 30 हजार करोड़ की कमाई शराब से ही हुई है. जरा सोचिए मोदी जी कितनी मुश्किल होगी देश की इकोनॉमी को शराब के न रहने से. जरा सोचिए कितनी नौकरियां जाएंगी. मेक इन इंडिया के तहत देसी बनाने वालों के पेट पर लात मार दी जाएगी.

मेरे लिए न सही मोदी जी, लेकिन देश के लिए सही ऐसा गजब न करिएगा. मेरे बारे में नहीं तो GDP के बारे में ही सोच लीजिए. नोटबंदी तो जैसे तैसे झेल गए मोदी जी, लेकिन शराब बंदी न झेल पाएंगे. मेरे और मेरे जैसे लाखों लोगों के बारे में सोचिए मोदी जी जिन्होंने शराब के भरोसे अपनी जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया है. आखिर कैसे कटेंगे ब्रेकअप के वो दिन. कैसे बनेगा कोई मजनू देवदास, कैसे सेलिब्रेट की जाएगी कोई भी पार्टी, कैसे कटेंगे इंजीनियरिंग के 4 साल, सूखा न्यू इयर कितना बेस्वाद होगा. चिकन के बाद हाथ में प्याला न साथ होगा.

मोदी जी ऐसा गजब न करिएगा. प्लीज....

एक भारतीय शराबी...

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