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Updated: 12 सितम्बर, 2017 01:53 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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आईफोन यूजर्स और उनकी कहानी भी बड़ी अजीब होती है. आईफोन लेने से पहले और उसे लेने के बाद आईफोन यूजर के व्यवहार में बदलाव आ जाता है. ये मैं नहीं कहती, इसे तो दबी जुबान में पूरी दुनिया स्वीकारती है. एक आईफोन यूजर की जिंदगी में कई पड़ाव आते हैं. तो चलिए आज बात करते हैं उन्हीं पड़ावों की...

1. नीयत का फेरबदल..

सबकुछ सही चल रहा होता है. अपना एंड्रॉयड फोन भी. लेकिन तभी सितंबर आ जाता है. हंसते खेलते लोगों को नए आईफोन के लॉन्च होने के बारे में पता चलता है. एकदम से पूरी दुनिया वीरान हो जाती है. एक नशा से चढ़ने लगता है. बस नया आईफोन चाहिए. किसी भी कीमत पर. और फिर होता है एक आईफोन यूजर का जन्म. फोन खरीदने से पहले ही उनके मन की शुद्धी हो जाती है. एंड्रॉयड एक जबर्दस्‍त नस्‍ली भेदभाव का शिकार होता है. मन में बस जाता है सिर्फ और सिर्फ आईफोन.

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2. इंतेहा हो गई इंतजार की...

आईफोन की ये नई दीवानगी और उसे पा लेने का इंतजार इंतेहा तक पहुंच जाता है. ये इंतजार होता है आईफोन का मार्केट में आने का. उसके लिए पूरी तैयारी कर ली जाती है. फ्रिज, पुरानी कार, टीवी आदि बेचने से लेकर लोग किडनी बेचने तक की प्लानिंग कर लेते हैं. पिछले साल तो यह भी खबर आई थी कि चीन में किसी दीवाने ने आईफोन खरीदने के लिए OLX पर बच्चे को बेचने का प्रस्‍ताव दे दिया था. तो आईफोन की लोकप्रियता को कम मत समझिएगा जनाब. भारत में एक करोड़ आईफोन यूजर्स रहते हैं. और इसे पाने की ख्‍वाहिश रखने वाले कई और करोड़ हैं.

3. जिसका मुझे था इंतजार... वो घड़ी आ गई...

ये आईफोन यूजर्स की जिंदगी का सबसे सुखद समय होता है. मानो किसी 35 साल की महिला की जिंदगी में 20 साल वाली बहार आ गई हो. मानो अचानक गर्मी के मौसम मे बसंत वाली बयार चलने लगी हो. जब पहली बार आईफोन को उसके डब्बे से, माफ कीजिए आईफोन को उसके बॉक्स से निकाला जाता है. तब ऐसा लगता है जैसे अपना बच्चा हाथ में आ गया हो. उसे हाथ में लेकर सारे गम भुला दिए जाते हैं. भले ही उसे लेने के लिए लोन क्यों न लिया हो, भले ही एक किडनी के बदले ही वो क्यों न आया हो. आखिर आईफोन जो है.

4. आज मैं ऊपर... आसमा नीचे...

आईफोन को इस्तेमाल करने वाले लोगों की जिंदगी में शुरू के कुछ दिन इतने हसीन होते हैं मानो जैसे बिछड़ा प्रीतम मिल गया हो. अब उनके पास फोन नहीं बल्कि आईफोन है. जिंदगी में स्लो मोशन वीडियो भी आ गया है, हाई क्वालिटी फोटो और क्रोम इफेक्ट इस्तेमाल करना उनका सबसे पसंदीदा खेल बन जाता है. आईफोन से लाइव वीडियो करने का मजा भी कुछ और ही है जनाब. सोशल मीडिया पर मिरर सेल्फी भी बनती है. बिना उसके आखिर आईफोन यूजर की जिंदगी का मकसद कैसे पूरा होगा.  

5. जिंदगी का पहला हार्ट अटैक...

वो पल जब सांसें फूल जाएं, दिल तेजी से धड़कने लगे और फिर एकदम से धड़कन रुक जाए. सुहाने मौसम में जैसे तपती धूप आ जाए और जिंदगी 2 मिनट के लिए बेमानी लगने लगे. वो समय होता है जब एक आईफोन यूजर अपने फोन को गिरा देता है. अगर फोन जेब में है वो खुद आईफोन यूजर गिरा है तो मन में भगवान से मनाता है कि भगवान हड्डी टूटी हो, लेकिन आईफोन को कुछ न हुआ हो! अगर सिर्फ फोन गिरा है तो उसे उठाने से पहले 10 बार प्रार्थना करता है कि वो टूटा न हो. न जाने कितनी मन्नत मांग लेता है.

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6. उफ्फ ये ईएमआई...

मंथली रेंट, बिजली बिल और फोन की रिपेयरिंग का खर्चा देने के बाद जब आईफोन की ईएमआई कटती है तो लगता है जैसे पूरे महीने सिर्फ मैगी खाकर गुजारा करना पड़ेगा. फिर भी एक आईफोन यूजर खुश रहता है. आखिर उसके पास आईफोन जो है. भले ही खाने के पैसे न हों, लेकिन आईफोन को देखकर ही पेट भर जाता है (वाक्य में छुपे व्यंग्य को समझिए.)

7. कोई नहीं साथ है पर आईफोन तो हाथ है...

ये वो दौर होता है जब 6 महिने के अंदर आईफोन जिंदगी की वो बुरी आदत बन जाता है जिसे आईफोन यूजर चाहकर भी छोड़ नहीं सकते. एक नोटिफिकेशन की आवाज उन्हें गहरी नींद से जगाने के लिए काफी होता है. दोस्तों के ताने सुनने पड़ते हैं जब अपनों से ज्यादा आईफोन को याद किया जाता है.

8. आखिर अपना हुआ आईफोन...

ये वो दौर होता है जब नया आईफोन लिए 1 साल होने वाला होता है और अब ईएमआई खत्म होने वाली है. साल भर तक आधे पेट खाकर, आधी नींद सोकर, दोस्तों से लड़कर आखिर इस आईफोन को अपनाया है. आखिरी ईएमआई देकर किसी जंग जीतने जैसा अनुभव होता है.

9. जिंदगी हर घड़ी एक नई जंग है...

एक जंग खत्म हुई तो दूसरी शुरू हुई. सालभर बाद ईएमआई खत्म होने की खुशी भी बेचारा आईफोन यूजर अच्छे से नहीं मना पाता है कि फिर अगला सितंबर आ जाता है. जब तक पहला वाले फोन का मालिक बन पाता है तब तक वो आईफोन ही पुराना हो जाता है. नया मॉडल आते ही पुराने वाले के दाम धड़धड़ा कर गिर जाते हैं. बस फिर क्या, फिर वही नई बेचैनी शुरू... नए आईफोन पर नीयत एक बार फिर खराब हो जाती है...

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आईफोन यूजर की जिंदगी गाहे-बगाहे सोशल स्टेटस तक सिमट कर रह जाती है. नए आईफोन यूजर का स्टेटस ऊपर और पुराने वाले का थोड़ा सा नीचे. कई रिसर्च की गई हैं आईफोन यूजर्स के व्यवहार को समझने के लिए. लैनकास्टर यूनिवर्सिटी के डॉक्टर डेविड एलिस ने आईफोन यूजर्स और उनकी पर्सनैलिटी पर एक रिसर्च की थी. उसमें सामने आया था कि अधिकतर लोग इसे एक क्लास समझते हैं और एंड्रॉयड की तुलना में आईफोन यूजर्स झूठ ज्यादा बोलते हैं. खैर, ये तो हुई रिसर्च की बात, लेकिन बिना रिसर्च के एक बात बताती हूं. आईफोन यूजर्स में एक आदत और होती है. लोगों को आईफोन की खूबियां बताने की. भले ही जिंदगी भर एंड्रॉयड फोन का इस्तेमाल किया हो, लेकिन आईफोन खरीदने के 15 दिन के अंदर ही सबसे बेहतर फोन आईफोन ही हो जाता है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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