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Updated: 22 मई, 2019 02:15 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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प्यारे भगवान जी.

आप से क्या छुपा है. आप तो जानते ही हैं यहां हिंदुस्तान में 17वीं लोकसभा के चुनाव अभी कुछ दिन पहले ही खत्म हुए हैं. जिस दिन चुनाव खत्म हुए उसी शाम Exit Poll आया और तमाम संस्थाओं ने अपने-अपने एग्जिट पोल में बताया कि भाजपा को बहुमत मिल रहा है. एनडीए सरकार बना रही है और नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बन रहे हैं. समस्या यही है. लोग अपनी नीतियों, अपनी विचारधारा पर दोष मढ़ने के बजाए मुझे कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. कह रहे हैं कि मुझे, भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए हैक किया गया है.

नाथ, ये चिट्ठी मुझे आपको बहुत मज़बूरी में लिखनी पड़ रही है. कोई अनपढ़ व्यक्ति होता तो कोई बात नहीं थी. मैं खुद इग्नोर कर देती. मगर आज जब एक तरफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बातें हो रहीं हों, विज्ञान दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा हो, जिस तरह एक से एक पढ़े लिखे लोग मेरे बारे में बात कर रहे हैं और उन बातों में मेरे चरित्र का हनन कर रहे हैं वो वाकई दुःख देने वाला है और कहीं न कहीं आज मुझे अपने अस्तित्व पर शर्म आ रही है.

लोकसभा चुनाव 2019, कांग्रेस, भाजपा, ईवीएम, विपक्ष चुनाव के बाद भाजपा पर ये आरोप लग रहे हैं कि उसने अपने फायदे के लिए ईवीएम को हैक कर लिया है

हे ईश्वर! मतलब ये कितनी गलत बात है. किसी की ईंट किसी का रोड़ा और देखिये न लोग उसे कहां से कहां जोड़ रहे हैं. भगवान जी पता तो आपको भी है. पूरे पांच 5 साल हो गए हैं 2014 से जबसे भाजपा की सरकार आई है चाहे चुनाव प्रधानी का हो या फिर सांसदी का, कहीं कोई ऊंच नीच हो जा रही है तो फट से उसका जिम्मेदार मुझे ठहरा दिया जा रहा है.

बात कल की है. अपने ऊपर लगातार लग रहे इल्जामों के चलते मैं बहुत परेशान थी, तो सोचा क्यों न घर के पास वाले मल्टीप्लेक्स में पिक्चर देख ली जाए और उसके बाद शॉपिंग कर ली जाए. मन कुछ हल्का हो ये सोचकर मैं मॉल गई. वहां मॉल के फर्स्ट फ्लोर पर मेरी भेंट बैलेट पेपर से हुई. बैलेट अपने दोस्तों के साथ आइस क्रीम खा रहा था. जैसे ही उसने मुझे देखा कहने लगा, और मिस EVM कैसी है? यार आजकल तो देश में मोदी के बाद जलवा तेरा ही है. और बता फिर इस बार आ रही है न मोदी सरकार?

पता है भगवान जी मुंह बना बनाकर जिस अंदाज में वो सवाल पूछ रहा था मेरी स्थिति तो वैसी ही थी कि 'काटो तो खून नहीं.' मैं मन मसोस के रह गई. मैंने उससे कुछ नहीं कहा. अच्छा क्योंकि बुक माय शो से फिल्म के टिकट मैंने पहले ही बुक कर लिए थे तो खराब मूड के साथ मैं गार्ड को टिकट चेक कराकर फौरन ही अन्दर चली गई. दिन का टाइम था और साथ ही शो शुरू होने में अभी वक़्त था तो मैंने सोचा क्यों न कुछ खा पी लिया जाए. मैं थिएटर के फूड कोर्ट पर आई और अपना आर्डर प्लेस किया और अपनी बारी का इंतजार करने लग गई. मेरे आस पास लोग खड़े थे. वो लोग भी मेरे, मोदी और चुनाव के बारे में बात कर रहे थे.

मेरे बगल में मेरी ही उम्र की एक लड़की भी खड़ी थी. साथ में उसका बॉय फ्रेंड था. लड़की शायद कांग्रेस को पसंद करती थी. अपने बॉय फ्रेंड को कोल्ड ड्रिंक पास करते हुए वो कह रही थी कि ये EVM भी मोदी से मिली हुई है. सब एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं. जब तक ऐसे लोग मोदी के साथ हैं उस आदमी को कोई हरा नहीं सकता. अभी उसने अपनी बात पूरी भी नहीं की थी कि वहीं खड़े एक अंकल बोल उठे. अंकल मुझे पहचानते नहीं थे मगर तब भी उन्होंने मेरी ही साइड ली.

उन्होंने लड़की और उसके बॉय फ्रेंड से कहा कि क्यों भाई आखिर क्यों EVM को बदनाम कर रहे हो? कोई जीते या हारे इसमें उसका क्या दोष? इंसान को अपने किये कि सजा इसी दुनिया में मिलती है. चुनाव भी इसी सिद्धांत पर होते हैं. यदि पार्टियों ने अच्छा किया होता तो वोट उन्हें ही मिलते. EVM ने सिर्फ अपना काम किया और पूरी ईमानदारी से किया.

अभी अंकल उन लोगों से कुछ और बात करते इसे पहले पिक्चर शुरू हो गई. और मुझे समेत अंकल और उस कपल को अपनी-अपनी कोल्ड ड्रिंक और पॉपकॉर्न पकड़ कर स्क्रीन के सामने जाना पड़ा. वहां मैं पिक्चर तो देख रही थी मगर मेरा पूरा ध्यान उन्हीं आरोपों और प्रत्यारोपों पर है जो मुझे पर लग रहे हैं.

पिक्चर खत्म हो चुकी थी और क्योंकि मूड खराब होने के चलते कुछ ज्यादा खाने का मन नहीं था इसलिए मैं घर आ गई. फोन देखा तो एक पुराने दोस्त का व्हाट्सऐप आया था. उसने एक ट्विटर का वीडियो फॉरवर्ड किया था. वीडियो खोला तो देखा कि TNN करके बाहर की कोई न्यूज़ एजेंसी है उसका वीडियो था. वीडियो देखकर साफ पता चला रहा था कि वहां विदेश के उस स्टूडियो में बैठी एंकर चुनाव के नाम पर कैसे मेरे चरित्र को तार तार कर रही है.

प्रभु, न तो दोष सरकार का है. और न ही किसी ने मुझे मुझे बहला फुसला कर अपने पाले में किया है. मैं फिर कह रही हूं विपक्ष वाले वही फसल काट रहे हैं जो उन्होंने बोई थी. 2014 के चुनावों की तरह इस बार फिर इलेक्शन अविश्वास की भेंट चढ़ा और लोगों ने उन तमाम दलों को सिरे से खारिज कर दिया जो देश की जनता के विश्वास पर खरे नहीं उतर पाए.

भगवान जी चुनावों के मद्देनजर कहने सुनने को तो हजार नहीं लाखों बातें हैं. मगर क्या है न कि पत्र लम्बा हो गया है. जाते-जाते आपसे बस एक अनुरोध करना है. वो क्या है न कि अब जब बात निकल कर इतनी दूर आ ही गई है. तो आपसे बस इतना निवेदन है कि, अगले जनम मोहे EVM न कीजो. EVM जो कीजो तो भारत में लांच न कीजो. बाक़ी आशा यही है कि आप कम लिखे को ज्यादा समझेंगे.

आपकी

हालात की मारी EVM

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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