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Updated: 05 अप्रिल, 2019 10:25 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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कहावत है कि एक बिहारी सौ पर भारी. मगर तब क्या जब 1 या 2 नहीं बल्कि पूरे 16 लाख 60 हजार बिहारी हों? सवाल हो सकता है कि बिहारियों के सब पर भारी पड़ने की नौबत क्यों आएगी? तो जवाब है 'रिजल्ट.' एक ऐसे वक़्त में जब देश में चुनाव हों और देश नई सरकार और नया प्रधानमंत्री चुनने का आतुर हो. बिहार में आम चुनाव से बड़ा परिणाम 6 अप्रैल 2010 को आ रहा है. बिहार बोर्ड 10 वीं के परीक्षा परिणाम घोषित करने वाला है. पहले बोर्ड इसे 5 अप्रैल को घोषित करने वाला था .मगर कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए इसलिए अब बोर्ड ने ये फैसला किया है परीक्षा के परिणाम 6 अप्रैल यानी सैटरडे को आएंगे.

बिहार, परीक्षा परिणाम, नीतीश कुमार, शिक्षा, लोकसभा चुनाव 2019     किसी भी मुसीबत से बचने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति एक दिन बाद 10 वीं की परीक्षा के परिणाम निकाल रही है

रिजल्ट एक दिन लेट हुआ है. इस आपाधापी में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया है कि रिजल्ट छह अप्रैल को दोपहर 12.30 बजे जारी किया जाएगा. उन्‍होंने बताया कि बिहार बोर्ड के सभागार में मैट्रिक का रिजल्‍ट जारी किया जाएगा. मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्‍य सचिव आरके महाजन भी रहेंगे. बात आगे बढ़ाने से पहले आपको बताते चलें कि इस साल करीब 1,418 परीक्षा केन्द्रों पर आयोजित हुई 10वीं की परीक्षा में तकरीबन 16 लाख 61 हजार बच्चे शामिल हुए थे.

बिहार, परीक्षा परिणाम, नीतीश कुमार, शिक्षा, लोकसभा चुनाव 2019    रिजल्ट के सम्बन्ध में बिहार शिक्षा समिति का निर्देश

रिजल्ट बन चुका है. जिन्हें पास होना था वो पास हो गए हैं. जो नहीं हुए, वो अगले साल. नहीं तो उसके अगले साल पास हो जाएंगे. वेबसाइट में अपलोड करना एक फॉर्मेलिटी है. कल पूरी हो जाएगी. मगर सवाल ये भी है कि "काल करे सो आज कर आज करे सो अब" वाली अवधारणा पर काम करते हुए बोर्ड ने रिजल्ट अपने निर्धारित समय पर क्यों नहीं निकाला? क्यों एक दिन का डिले किया?

बात एकदम सीधी है. दूध का जला छाछ भी फूंक फूंककर पीता है. बिहार बोर्ड के लोग रिजल्ट जल्दी घोषित करने की जल्दबाजी के चलते गत वर्ष वैसे भी गर्म दूध से जल चुके हैं. फैसला तब ही हो चुका था कि एक-दो दिन क्या अगर एक हफ्ते का भी समय लगे तब भी कोई बात नहीं. बस रिजल्ट सही आए और बिना किसी ड्रामे के आए. शायद याद आपको भी हो. अब से कोई 2 साल पहले बिहार बोर्ड की टॉपर रूबी राय उस वक़्त सुर्ख़ियों में आई थी जब उसने ये कहकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था कि पॉलिटिकल साइंस में खाना बनाना सिखाया जाता है

मामला मीडिया में आया तो प्रशासन की नींद खुली और उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वो क्या करने चले थे और क्या कर बैठे. जालसाजी के मद्देनजर रूबी को गिरफ्तार किया गया.

माना जा रहा है कि वो घटना बिहार बोर्ड के लिए एक बड़ा सबक था और तब से लेकर आजतक रिजल्ट के मद्देनजर बिहार बोर्ड बहुत ज्यादा सीरियस हो गया है.

अब जबकि चुनाव नजदीक हैं. कहीं न कहीं बिहार बोर्ड को भी इस बात का पूरा अंदाजा था कि, अगर इस महत्वपूर्ण समय कुछ हो गया तो न सिर्फ दुनिया जहान में जग हंसाई होगी. खूब आरोप प्रत्यारोप भी लगेंगे. कह सकते हैं कि कहीं न कहीं बिहार के शिक्षा विभाग को भी इस बात का आभास पहले ही हो चुका था कि ये रिजल्ट चुनाव का मुद्दा बन जाएगा और जीत हार का पैमाना 10 वीं के बच्चों का 'पास' 'फेल' रहेगा.

खैर, अब जबकि 6 अप्रैल 2016 को सांप भी मरेगा और लाठी भी नहीं टूटेगी तो देखना दिलचस्प रहेगा कि इस बार बिहार बोर्ड में 10 वीं का टॉपर कौन होता है? कहीं ऐसा तो नहीं फिर हम कोई ऐसा छात्र देखें जो कहें कि 15 वीं शताब्दी में मुग़ल बादशाह अकबर ने ही सबसे पहले पानी से बिजली निकलाने की टेक्नीक विकसित की और दुनिया को भाप का इंजन दिया.

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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