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Updated: 19 जून, 2015 05:26 PM
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35 लोग आ रहे हैं. सब नए चेहरे हैं न? कोई अपना तो नहीं है? ठीक है फिर. चचा विखरोली हमारे नेता हैं, वही बात करेंगे. सबको परिचय देंगे, सबका परिचय लेंगे. कायदे-कानून भी सबको बता दिया जाएगा. ताजा-ताजा परलोक सिधारे लोगों को लेकर यह तैयारी है वहां के सीनियरों की. धरती वालों को सीखने में थोड़ा टाइम लगता है, तो आज ही बता देंगे चचा इन सब को - कैसे रहना है, क्या-क्या करना है, क्या-क्या नहीं करना है... सब कुछ.

चचा विखरोली: ठीक है, ठीक है. दो जगह से आ रहे हैं ये लोग. टेलिपैथी पर मैसेज गिरा है. 25 लोग मुंबई के मलाड से हैं. 10 लोग इलाहाबाद के नजदीक प्रतापगढ़ से हैं. आज से हम सब भाई-बंधु हुए. कोई भैया और मराठी नहीं. आप सब भी नए लोगों के साथ ऐसा कोई व्यवहार नहीं करेंगे, जिससे यहां का नियम टूटे.  

चचा विखरोली: आइए, आइए... आप सब का स्वागत है. मेरा नाम विखरोली है. बूढ़ा हो चला हूं तो लोग प्यार से चचा जोड़ देते हैं. बताया जाए कैसे आना हुआ. एक-एक करके बताएं सभी लोग.

मलाड भी़ड़ू: 35 में जास्ती समय फूंकेगा. अपुन लोग दो लॉट में आएला है. 25 लोग पी-पी के आएला है. डायरेक्ट मुंबई से.

इलाहाबाद भैया: का बताईं माई-बाप, हमनी दस ठो तो जल-जल के पहुंच गेलीं ईहां.

चचा विखरोली: ठीक है, ठीक है, समझ गया. 25 लोग दारू पीकर 'मस्त' होने के बजाये मुंबई के मलाड से डायरेक्ट ऊपर आ गए और 10 लोग होटल से उठकर घर जाते लेकिन आग लग गई और सोते-सोते आप सब भी इस लोक में आ गए. लेकिन एक बता का ध्यान रखें कि यहां मराठीगिरी या भैयागिरी नहीं चलेगी. भाषा और बोली पर भी संयम रखना होगा. वो क्या है न, यहां हम सब एक समान हैं.

मलाड भी़ड़ू, इलाहाबाद भैया: जी सर.

मलाड भी़ड़ू: हम सब तो सोच रहे थे कि थोड़ी सी पी लेते हैं. मैगी में मिलावट है, दारू तो शुद्ध होगी. सरकार को इतने पैसे आते हैं इससे. लेकिन सरकार ने हमें धोखा दिया. अगर वो ठीक से चेक करती तो आज हम सब जिंदा होते. अपने घर-परिवार के बीच होते.

इलाहाबाद भैया: हमने तो पी भी नहीं. पैसे देकर होटल में सोने गए. फिर भी मारे गए. सरकार अगर होटल बनाने वाले नियमों को सख्ती से लागू करती तो आज हम सब भी जिंदा होते. घर-परिवार के बीच होते.              

चचा विखरोली: अब आंसू बहाने से कोई फायदा नहीं. मैं तो 2004 में ही यहां आया था. 87 लोग एक साथ. दारू पीकर विखरोली से डायरेक्ट. शुक्र मनाइए आप सिर्फ 25 हैं. और उधर जो उपहार बाबू हैं, वो सिनेमा देखने गए थे. 59 लोगों एक साथ जल कर आए थे. इसलिए अब आ गए हैं तो मजे कीजिए. यहां सब ठीक है. सब के सब कूल डूड. आते समय आप सब ने सुना भी होगा अनाउंसमेंट - आपके जान-माल की जिम्मेदारी हमारी है. इसके लिए सभी देवता-दानव आपकी सेवा में हमेशा जागते रहेंगे. सिर्फ चुनाव के समय नहीं, हमेशा.   

अब जब आपके फिर से धरती लोक जाने का समय होगा तो भी एक अनाउंसमेंट सुनेंगे - आपको चेतावनी दी जाती है कि कृपया अपने जान-माल की सुरक्षा खुद करें. सरकार सो रही थी, सो रही है, सोती रहेगी!

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लेखक

चंदन कुमार चंदन कुमार @chandank.journalist

लेखक iChowk.in में पत्रकार हैं.

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