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Updated: 10 अक्टूबर, 2019 07:55 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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Reliace Jio की ओर से बुधवार को एक अहम घोषणा की गई और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने जो कहा उसके बाद जियो की कॉल्स मुफ्त नहीं रहीं. जियो की तरफ से अब हर मिनट बात करने पर 6 पैसे का चार्ज लगेगा, जो आईयूसी चार्ज (IUC) है. हालांकि, ये चार्ज सिर्फ तभी लगेगा जब कोई जियो यूजर दूसरे नेटवर्क पर फोन करता है. अगर जियो से जियो पर ही कॉल की जाएगी तो जितनी चाहे बात कीजिए, सब आपके मंथली पैकेज में फ्री रहेगी. वैसे जियो ने ये भी साफ किया है कि इस चार्ज के बदले जो पैसे लिए जा रहे हैं, उसकी भरपाई करते हुए कंपनी आपको अतिरिक्त डेटा देगी. आपको बता दें कि जब रिलायंस जियो बाजार में आया तो उसने सब कुछ फ्री में दिया. बाद में उसने डेटा पर मामूली चार्ज लगा दिया, लेकिन कॉलिंग बिल्कुल फ्री रखी. और अब कॉलिंग पर भी मामूली चार्ज लगा दिया. ये सब देखकर यूं लगता है कि जियो ने पहले मुफ्त में डेटा और कॉल देकर लोगों को उसकी आदत डाल दी और बाद में धीरे-धीरे उनसे पैसे लेने शुरू कर दिए. जियो ने अपना फायदा तो बेशक सोचा है, लेकिन जैसा अधिकतर लोग सोच रहे हैं वैसे नहीं. दरअसल, जियो के इस 6 पैसे का चार्ज लगाने के पीछे का गेम महज चंद पैसों की कमाई से कहीं अधिक बड़ा है.

रिलायंस जियो, मुकेश अंबानी, टेलिकॉमजियो ने ऐसा गेम खेला है, जिसमें चित भी Jio की और पट भी जियो की.

ये हैं जियो के 4 नए प्लान

जियो ने दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए 4 प्लान निकाले हैं. हर प्लान में कुछ आईयूसी मिनट मिलते हैं और कुछ डेटा मिलता है. आपको बता दें प्रति मिनट 6 पैसे इसी आईयूसी चार्ज के लिए लिए जा रहे हैं. यानी जियो इन प्लान में हर मिनट की कीमत 6 पैसे के हिसाब से जोड़ी गई है.

1- 10 रुपए में 124 आईयूसी मिनट और 1 जीबी अतिरिक्त डेटा.

2- 20 रुपए में 249 आईयूसी मिनट और 2 जीबी अतिरिक्त डेटा.

3- 50 रुपए में 656 आईयूसी मिनट और 5 जीबी अतिरिक्त डेटा.

4- 100 रुपए में 1,362 आईयूसी मिनट और 10 जीबी अतिरिक्त डेटा.

फायदे में चल रही जियो को क्यों बढ़ाने पड़े पैसे?

टेलिकॉम सेक्टर में इस समय सिर्फ रिलायंस जियो ही है, जो फायदे में चल रही है. बाकी कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. बावजूद इसके रिलायंस जियो ने कॉलिंग पर चार्ज लगाया. कोई भी कंपनी चार्ज सिर्फ तब लगाती है, जब उसे नुकसान होता है, लेकिन जियो तो फायदे में है. बल्कि जियो ने चार्ज लगा दिया है तो इससे तो बाकी टेलिकॉम कंपनियों को फायदा हो गया. खैर, ये जितना आसान दिख रहा है, उतना है नहीं. यहां सवाल ये है कि कंपनी ने कॉलिंग पर चार्ज लगाया क्यों? इस सवाल का जवाब जानने के से पहले कुछ बातें समझनी होंगी.

रोजाना 4-4.5 करोड़ रुपए की होगी अतिरिक्त कमाई !

कंपनी की ओर से दिए बयान में ये भी बात कही गई है कि जियो के नंबरों पर रोजाना 25-30 करोड़ मिस कॉल आती हैं, जो 2जी (एयरटेल और आइडिया-वोडाफोन) इस्तेमाल करने वाले ग्राहक करते हैं. कंपनी का कहना है अगर ये मिस कॉल के बजाय कॉल हों तो कंपनी को 65-75 करोड़ मिनट का इनकमिंग ट्रैफिक मिलेगा. यानी कंपनी का इशारा सीधे-सीधे उस ओर है कि अगर ये आउटगोइंग कॉल होने के बजाय इनकमिंग कॉल होतीं, तो प्रति मिनट दूसरी कंपनी को 6 पैसे देने बजाय जियो को पैसे मिलते. यानी कंपनी को रोजाना करीब 4-4.5 करोड़ रुपए मिलते. दरअसल, कंपनी ने यहां आईयूसी की बात की है.

स्मार्ट तरीके से कर दिया आईयूसी का जिक्र

रिलायंस जियो की तरफ से दिए गए बयान में बड़े ही स्मार्ट तरीके से ये भी कह दिया गया है कि ये IUC (इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज) चार्ज है. आपको बता दें कि जब भी किसी टेलिकॉम कंपनी से दूसरी टेलिकॉम कंपनी पर कॉल जाती है, तो पहली कंपनी की तरफ से दूसरी कंपनी को एक चार्ज देना होता है, जिसे आईयूसी चार्ज कहते हैं. अब बहुत से लोगों को लग रहा है कि कंपनी पैसे इसीलिए लगा रही है ताकि आईयूसी चार्ज ना देना पड़े और अगर कोई ग्राहक दूसरी कंपनी के नंबर पर फोन करता है, तो आईयूसी चार्ज के पैसे जियो की जेब से ना जाएं. आपको बता दें पिछले 3 सालों में अब तक जियो ने अन्य कंपनियों को कुल 13,500 करोड़ रुपए आईयूसी चार्ज के तौर पर दे दिए हैं.

आईयूसी का मामला नहीं है, ये रहा सबूत

अगर रिलायंस जियो का बयान सुनकर आपको ये लग रहा है कि जियो ने आईयूसी चार्ज की वजह से होने वाले नुकसान की वजह से कॉलिंग पर चार्ज लगाया है, तो जरा रुकिए. यहां पहली बात तो आप ये समझ लीजिए कि भले ही कंपनी ने आईयूसी के लिए 13,500 करोड़ रुपए चुकाए हैं, लेकिन कंपनी फायदे में हैं, नुकसान में नहीं. ऐसे में उसे कॉलिंग पर चार्ज लगाने की जरूरत नहीं थी.

वहीं दूसरी ओर, ट्राई ने तो जनवरी 2020 से आईयूसी चार्ज को खत्म करने की योजना बनाई हुई है. यहां तक कि खुद जियो ने अपने बयान में ये कहा है कि कॉलिंग पर चार्ज तब तक रहेगा, जब तक आईयूसी चार्ज खत्म नहीं हो जाता, जो 31 दिसंबर 2019 तक खत्म होने की उम्मीद है. आपको बता दें कि पहले आईयूसी चार्ज 14 पैसे हुआ करता था, जिसे दो साल पहले ट्राई ने 6 फीसदी कर दिया है. ट्राई ने ये सभी साफ कर दिया था कि वह 1 जनवरी 2020 तक इस चार्ज को शून्य करना चाहता है.

अब समझिए जियो का असली मकसद क्या है

दरअसल, रिलायंस जियो का असली मकसद अपना यूजर बेस बढ़ाना है. एक सर्वे के अनुसार भारत में कुल 65-70 करोड़ यूनीक टेलिकॉम ग्राहक हैं. यानी इतने लोग टेलिकॉम सेवा का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन हो सकता है कि कोई एक शख्स सिर्फ एक कंपनी के सेवाएं ले रहा हो और कोई एक से अधिक कंपनियों के सिम चला रहा हो. पूरे देश में इस समय करीब 120 करोड़ सब्सक्राइबर हैं. जून 2019 तक के आंकड़ों के हिसाब से पूरे देश में करीब 33 करोड़ ग्राहक रिलायंस जियो के हैं, जो पूरे मार्केट का करीब 28 फीसदी हिस्सेदारी वाला बन गया है.

जियो को ये दिख रहा है कि बाजार में बहुत से लोग ऐसे में जो एक से अधिक सिम इस्तेमाल करते हैं. वैसे अगर आप भी अपने आस-पास देखेंगे तो बहुत से लोग आपको ऐसे दिखेंगे, जो जियो के अलावा और भी कंपनियों के सिम इस्तेमाल करते हैं. जियो चाहता है कि उसकी सिम को लोग सेकेंडरी सिम के तौर पर ना इस्तेमाल करें, बल्कि प्राइमरी रखें. वहीं दूसरी ओर, जिन लोगों के पास अभी भी जियो नहीं है, वह भी जियो लें. जरा सोचिए, आपके पास जियो है और आपके दोस्त या परिवार के पास नहीं तो आप चाहेंगे कि उनके पास भी जियो हो, ताकि आपको 6 पैसे का चार्ज ना देना पड़े. यानी कंपनी तो जियो के सिम बेचने की कोशिश कर ही रही है, आप भी अप्रत्यक्ष रूप से अपने 6 पैसे प्रति मिनट बचाने के लिए लोगों को जियो का सिम लेने की सलाह देंगे और यही कंपनी चाहती है. कंपनी अपना मार्केट बड़ा करना चाहती है, यूजर बेस बढ़ाना चाहती है. यही वजह है कि आईयूसी चार्ज वाले 6 पैसे चार्ज लगा दिए. अब समझिए इसके पीछे की एक और बड़ी वजह.

कॉम्पटीशन को और मुश्किल बना दिया जियो ने

कई लोगों को लग रहा होगा कि अब जब रिलायंस जियो ने चार्ज लगा दिया है, तो बाकी कंपनियों का कॉम्पटीशन कम हो जाएगा. वैसे भी ये कॉम्पटीशन ही तो है, जिसकी वजह से अन्य कंपनियों ने अपने टैरिफ की कीमत इतनी अधिक गिरा दी है. जियो ये जानता है कि सभी कंपनियों को नुकसान हो रहा है और उसकी ओर से चार्ज लगाने के बाद बाकी कंपनियां भी अपने चार्ज बढ़ाएंगी, ताकि उनकी कुछ कमाई हो सके. बस यहीं पर उसने पहले से चल रहे कॉम्पटीशन को और अधिक मुश्किल बना दिया है. अब तक कॉम्पटीशन था कि जियो का सिम कौन-कौन इस्तेमाल करेगा, अब कॉम्पटीशन ये होगा कि जियो इस्तेमाल करें या कोई और.

वैसे हो सकता है कि पैसे लगाने की जियो की ये रणनीति सफल ना हो, इसलिए उसने एक बैकअप भी रखा है, जो दिख नहीं रहा. दरअसल, ट्राई तो जनवरी 2020 से आईयूसी चार्ज खत्म ही करने वाला है. यानी तब 6 पैसे नहीं लगेंगे और कॉलिंग फिर से फ्री हो जाएगी. यानी अगर इन 3 महीनों में भी उसके ग्राहक नहीं बढ़े और उसे लगा कि इससे कोई फायदा नहीं हो रहा है या नुकसान हो रहा है तो जनवरी से आईयूसी चार्ज खत्म होने के साथ ही वह ये 6 पैसे का चार्ज तो वैसे भी खत्म ही करने वाला है. जियो ने इस 6 पैसे से एक बहुत बड़ा गेम प्लान किया है, जो विरोधी कंपनियों को उनके फायदे का लग सकता है, लेकिन उसका सारा फायदा खुद जियो को ही होगा.

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