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Updated: 07 मई, 2015 05:22 AM
अंशुमान तिवारी
अंशुमान तिवारी
  @1anshumantiwari
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ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत बुधवार को एक डॉलर से अधिक बढ़कर साल 2015 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. पिछले एक महीने में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल का सिलसिला अमेरिका में गिरते भंडार और खाड़ी देशों में गहराते संकट से शुरू हुआ था. मंगलवार को अमेरिकी शेयर बाजार में गिरते क्रूड भंडार के चलते बड़ी गिरावट दर्ज हुई थी. इसके बाद आज ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 1.36 डॉलर का इजाफा हुआ और वह 68.88 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई. कच्चे तेल की कीमत इस साल के उच्चतम स्तर पर है. इसका सीधा असर आने वाले दिनों में घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर दिखाई दे सकता है और एक बार फिर देश में पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ाया जा सकता है. गौरतलब है कि इससे पहले 30 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 66 डॉलर के पार पहुंच गई थी और देश में तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में क्रमश 3.96 रुपए और 2.37 रुपए इजाफा किया था. जनवरी से अब तक कच्चे तेल की कीमतों में करीब 42 फीसदी का उछाल आ चुका है.

71 डॉलर तक पहुंच सकती है क्रूड की कीमत

एसएमसी ग्लोबल के रिसर्च हेड डॉ. रवि सिंह ने बताया कि क्रूड की कीमतों में आई तेजी की मुख्य वजह अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार में कमी, कमजोर होता डॉलर, लीबिया में उत्पादन घटने और कच्चे तेल को लेकर जेपी मॉर्गन के अनुमान में बढ़ोत्तरी है. एसएमसी ग्लोबल के मुताबिक इन तीनों कारणों के चलते ब्रेंट क्रूड की कीमतें 71 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. ऐसे में तेल कंपनियां पेट्रोल की कीमतों में 1-1.5 रुपए की बढ़ोत्तरी कर सकती हैं.

क्यों सुलग रहा है तेल:

कमजोर होता डॉलर

विशेषज्ञों का मानना है कि क्रूड की कीमतों में आई तेजी की प्रमुख वजह अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार में कमी होना और पिछले कुछ दिनों में डॉलर के लगातार कमजोर होने से क्रूड की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है.

लीबिया में उत्पादन और निर्यात संकट

लीबिया में प्रदर्शनकारियों ने एक अहम पाइप लाइन को बंद कर दिया है. जिसके चलते लीबिया जूएटिना तेल बंदरगाह को बंद करने पर मजबूर हो गई है. लीबिया में संकट गहराने के चलते जहां पिछले साल तक वहीं प्रतिदिन लगभग 16 लाख बैरल तेल का उत्पादन हो रहा था वह अब महज 16 लाख बैरल पर सीमित है. उत्पादन में गिरावट से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तेल की सप्लाई बाधित होगी.

यूरोप से बढ़ रही है कच्चे तेल की मांग

जेपी मॉर्गन के मुताबिक यूरोप से कच्चे तेल की मांग बढ़ी है. जिसको देखते हुए बैंक ने 2015 के लिए ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत के अनुमान को 3 डॉलर बढ़ाकर 62 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है. जबकि 2016 के लिए औसत कीमत का अनुमान 10 डॉलर बढ़ा दिया है. 2016 में ब्रेंट क्रूड की औसत कीमत 72 डॉलर प्रति बैरल रह सकती है.

डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा रुपया

पिछले हफ्ते फॉरेक्स मार्केट में चार दिन की लंबी छुट्टी के बाद चालू हफ्ते में डॉलर के मुकाबले रुपये का कारोबार कमजोर रहा. मंगलवार को बैंक और इंपोर्टर्स की डॉलर डिमांड बढ़ने से रुपया २ पैसे की कमजोरी के साथ बंद हुआ. यह इसलिए भी संकट की बात है क्योकि पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में डॉलर हो रहा है. क्रूड की बढ़ती कीमत और अमेरिका में कच्चे तेल के गिरते भंडार से भी डॉलर पर लगातार दबाव की स्थिति है. वहीं बुधवार को शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट के चलते डॉलर की मांग बढ़ने से रुपया दिनभर के कारोबर के बाद 10 पैसे की कमजोरी के साथ बंद हुआ. हालांकि, इंडिया फॉरेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रुपए में बड़ी गिरावट की आशंका नहीं है, लेकिन गिरावट जारी रहने पर रुपया 64 के स्तर को भी छू सकता है.

लेखक

अंशुमान तिवारी अंशुमान तिवारी @1anshumantiwari

लेखक इंडिया टुडे के संपादक हैं.

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