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Updated: 25 नवम्बर, 2017 10:58 AM
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शादी बहुत बड़ा फैसला होती है और शादी के पहले तो पेट में तितलियां उड़ती ही हैं, लेकिन शादी के बाद थोड़े समय में ही समझ आने लगता है कि गृहस्ती की गाड़ी इतनी आसानी से नहीं चलती. चाहें आम तौर पर मार्केट से सबजी-दूध लाना हो तो या फिर फाइनेंशियल प्लानिंग करनी हो. नया घर खरीदना हो या किराए के फ्लैट के लिए सिक्योरिटी मनी देना हो शादी के बाद की फाइनेंशियल प्लानिंग थोड़ी पेचीदा हो जाती है.

शादी के बाद पैसों की बचत करने के लिए और सही तरह से प्लानिंग के लिए ये 5 तरीके अपनाए जा सकते हैं...

1. फाइनेंशियल स्टेटस का ख्याल रखें...

जिस किसी से भी शादी होने वाली है उसका फाइनेंशियल स्टेटस आपको पता होना चाहिए. ये स्टेप तो शादी के पहले लेना सही होगा. अपना स्टेटस भी सामने वाले से शेयर करें. अगर किसी को ये नहीं पता होगा कि सामने वाले का फाइनेंशियल स्टेटस क्या है तो आगे की प्लानिंग सही नहीं हो पाएगी.

इसमें सिर्फ क्या नौकरी करते हैं और कैसी सेविंग्स हैं जैसे सवालों के जवाब ही नहीं आते... इसमें इन्वेस्टमेंट, बैंक लोन, बाकी कर्ज, ईएमआई जैसी चीजें भी शामिल हैं..

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2. इमर्जेंसी का ख्याल...

शादी के बाद सबसे पहला फाइनेंशियल स्टेप होगा इमर्जेंसी फंड बनाना. इसे एफडी, आरडी, SIP आदि किसी भी तरह से बना सकते हैं. सिर्फ सेविंग अकाउंट में पैसा डाल कर रखना सही प्रैक्टिस नहीं होगी, लेकिन फिर भी सही यही होगा कि आगे लिक्विड म्यूचुअल फंड या अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड में इन्वेस्ट कर दिया जाए.

3. टर्म इंश्योरेंस प्लान...

जिंदगी का कोई भरोसा नहीं और दुर्घटना कभी भी हो सकती है. बेहतर होगा अगर दोनों लोग कमा रहे हैं तो टर्म इंश्योरेंस प्लान ले लें. खास बात ये है कि टर्म इंश्योरेंस प्लान फीचर्स देखकर लिया जाए. अगर इस बात को लेकर परेशान हैं कि कैसा टर्म प्लान लिया जाए तो अपने 10 से 12 साल के खर्च को मिला लें. इसके बाद जो रकम आए उसके अनुपात में टर्म प्लान लें.

4. बजट बहुत जरूरी...

नए जोड़ों को शायद इस बात का ध्यान नहीं रहता कि उन्हें शादी के बाद बजट बनाकर चलना है. बड़े बूढ़े हमेशा कहा करते थे कि अंत में हाथ का पैसा ही काम आता है. और ये बात सच ही है. चाहें महीने की प्लानिंग हो या किसी नई चीज को खरीदने की बात हो बजट बनाना बहुत जरूरी है. इसे बनाकर ये ट्रैक करना भी जरूरी है कि आखिर खर्च ज्यादा तो नहीं हो रहा.

5. कर्ज पहले खत्म करें...

अगर ऐसा मुमकिन हो तो अपने कर्ज पहले खत्म करें. ईएमआई का पैसा अगर ज्यादा दे सकते हैं तो पहले कुछ सालों में ज्यादा चुका दें. कारण ये है कि आने वाले सालों में बच्चों और उनकी जरूरतों के खर्च ज्यादा होंगे और उस समय ईएमआई भारी पड़ती जाएगी. अगर ज्यादा देना मुमकिन नहीं है तो कोशिश करें कि अगर बाकी कोई कर्ज है तो अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग में उसे पूरा चुका दें.

6. बैंक अकाउंट का रखें ख्याल...

शादी के बाद अगर दोनों के पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट है तो इस बात का ख्याल रखें कि आप किस बैंक अकाउंट से कैसे खर्च निकालते हैं. जिस बैंक अकाउंट से ईएमआई जाती है अगर उसमें हमेशा थोड़ा ज्यादा पैसा पड़ा रहेगा तो ये आपके क्रेडिट स्कोर के लिए अच्छा होगा. इसके अलावा, इस बात की प्लानिंग भी करें कि महीने का खर्च किस अकाउंट से चुकाना है.

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