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Updated: 07 मार्च, 2018 12:11 PM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
  @shruti.dixit.31
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क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों से अक्सर ये बातें सुनी हैं कि उन्हें इसका कैल्कुलेशन समझ नहीं आता और इसके कारण उन्हें लगता है कि वो काफी ज्यादा पैसा चुका रहे हैं! जिनका क्रेडिट कार्ड का खर्च ज्यादा है और जिन्हें अक्सर इसका इस्तेमाल करना होता है उनके लिए ये काफी किफायती होता है क्योंकि न सिर्फ क्रेडिट कार्ड पर लोन लिया जा सकता है, बल्कि आप आसानी से आज की जरूरत की चीज़ खरीदकर आने वाले समय में आराम से उसका बिल चुका सकते हैं.

पर क्या ये इतना ही सुविधाजनक होता है? असल में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोगों के साथ अक्सर ये होता है कि वो जरूरत से ज्यादा चीजें खरीद लेते हैं और जब क्रेडिट कार्ड का बिल आता है तब यकीनन परेशानी होती है. अब पैसे तो पूरे दिए जा नहीं सकते, इसलिए लोग मिनिमम अमाउंट ड्यू (Minimum Amount due (MAD)) देकर ही अपना काम पूरा कर लेते हैं. बैंकों की ये सुविधा आसान और अच्छी तो लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये असल में MAD चुकाना कितना भारी पड़ सकता है?

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एक ट्विटर यूजर ने क्रेडिट कार्ड के मिनिमम अमाउंट को पूरी तरह से समझाया.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ये ट्वीट्स वाकई बैंकों की असलियत समझा रही हैं. जिन लोगों को ये लगता है कि उनके बैंक चार्ज सिर्फ उन्हीं चीजों के लिए हैं जो उन्होंने खरीदीं हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. मिनिमम ड्यू चुकाने के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं...

फायदे..

  • इससे तुरंत पैसे देने की समस्या खत्म हो जाएगी. खास तौर पर लेट पेमेंट चार्ज नहीं लगेंगे.
  • क्रेडिट कार्ड कंपनी कभी भी आपको डिफॉल्ट कस्टमर नहीं घोषित करेगी क्योंकि पेमेंट समय पर ही जाएगा.
  • इससे सिबिल स्कोर भी खराब नहीं होगा, क्योंकि पेमेंट तो आप दे ही रहे हैं. अगर बिल का कुछ भी अमाउंट नहीं दिया जाता तो क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.

नुकसान..

  • अगर मिनिमम ड्यू अमाउंट दिया जाता है तो इंट्रेस्ट फ्री पीरियड यूजर को नहीं मिलता. हर गुजरते महीने के साथ असल अमाउंट लगातार बढ़ता चला जाता है. अगर फुल पेमेंट की जाती है तो दो महीने का इंट्रेस्ट फ्री क्रेडिट पीरियड किसी भी यूजर को मिलता है! ये पीरियड तब नहीं मिलेगा जब मिनिमम ड्यू दिया जाए.
  • भले ही आप लेट पेमेंट पेनल्टी से बच जाएं, लेकिन मिनिमम ड्यू के कारण क्रेडिट कार्ड इंट्रेस्ट से नहीं बच पाएंगे.
  • बैंक लोन लेते समय कम इंट्रेस्ट पर पर्सनल लोन मिलने की गुंजाइश कम हो जाएगी क्योंकि आपका सिबिल स्कोर बहुत अच्छा नहीं रहेगा. लोन मिलने में भी मुश्किल होगी क्योंकि पहले से ही काफी कर्ज चल रहा है आपके ऊपर. 

तो क्या किया जाए?

कोशिश करें कि हमेशा मिनिमम अमाउंट से ज्यादा पैसा चुकाएं. अगर पूरा एक बार में नहीं चुका सकते हैं तो भी मिनिमम ड्यू से ज्यादा ही देने की कोशिश करें. आप लगातार मिनिमम ड्यू दे सकते हैं, लेकिन इससे इंट्रेस्ट हमेशा बढ़ता रहेगा. इसे एक ऑप्शन की तरह ही देखें और लगातार मिनिमम ड्यू चुकाने की आदत बनाना गलत होगा. अगर किसी एक महीने ये किया जाए तो कोई दिक्कत नहीं, लेकिन अगर हर महीने ये हुआ तो यकीनन यूजर को नुकसान ही होगा.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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