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Updated: 02 सितम्बर, 2018 10:42 AM
श्रुति दीक्षित
श्रुति दीक्षित
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राधे-श्याम... ये दो शब्द अटूट प्रेम का हिस्सा माने जाते हैं. भले ही एक दूसरे के कभी हो नहीं सके लेकिन फिर भी एक दूसरे के साथ ही हमेशा नाम लिया गया. कृष्ण के जन्म, राधा के जन्म, उनकी दोस्ती की कहानियां तो बहुत प्रचलित हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राधा की मृत्यु कैसे हुई थी? कैसे उनकी प्रेम कहानी अधूरी रह गई थी? 

क्या राधा काल्पनिक थीं?

कई लोग करते हैं कि राधा सिर्फ काल्पनिक थीं. कारण? कारण ये कि भागवत जिसने भी पढ़ी है उसका कहना है कि सिर्फ दशम स्कंद में ही जब महारास का वर्णन हो रहा है वहीं एक जगह राधा के बारे में बताया गया है कि वो भी रास कर रही हैं और आनंद ले रही हैं. अलग-अलग ग्रंथों में राधा और कृष्ण की गोपियों का अलग वर्णन है. एक जगह ये भी लिखा है कि कृष्ण की 64 कलाएं ही गोपियां थीं और राधा उनकी महाशक्ति यानि राधा और गोपियां कृष्ण की ही शक्तियां थीं जिन्होंने स्त्री रूप ले लिया था.

राधा, कृष्ण

गोपियों को ही भक्ति मार्ग का परमहंस (जिसके दिमाग में दिन रात परमात्मा रहता है) कहा गया है क्योंकि उनके दिमाग में 24 घंटे कृष्ण ही रहते थे. राधा और कृष्ण के प्रेम का असली वर्णन मिलता है गर्ग संहिता में. गर्ग संहिता के रचयिता यदुवंशियों (कंस) के कुलगुरू (यानि एक तरह से कृष्ण के भी कुलगुरू हुए) ऋषि गर्गा मुनि थे.

गर्ग संहिता में राधा और कृष्ण की लीलाओं के बारे में बताया गया है. राधा-कृष्ण के प्रेम के बारे में बताया गया है. इस संहिता में मधुर श्रीकृष्णलीला है. इसमें राधाजी की माधुर्य-भाव वाली लीलाओं का वर्णन है. श्रीमद्भगवद्गीता में जो कुछ सूत्ररूप से कहा गया है, गर्ग-संहिता में उसी का बखान किया गया है. अगर गर्ग मुनि यदुवंशियों के कुलगुरू थे तो ऐसा कैसे हो सकता है कि वो अपने सामने चल रही कृष्ण लीला में किसी काल्पनिक किरदार का चित्रण करेंगे? यहीं से मिलता है राधा के सत्य होने का प्रमाण!

क्या कृष्ण ने राधा को धोखा दिया था?

कृष्ण राधा से ये वादा करके गए थे कि वो वापस आएंगे. लेकिन कृष्ण राधा के पास वापस नहीं आए और चले गए. उनकी शादी भी रुकमणी से हुई. कहा जाता है कि रुकमणी लक्ष्मी का रूप थीं और उन्होंने कभी कृष्ण को देखा नहीं था फिर भी उन्हें अपना पति मानती थीं. जब रुकमणी के भाई रुकमी ने उनकी शादी किसी और से करनी चाही तो रुकमणी ने कृष्ण को याद किया और कहा कि अगर वो नहीं आएंगे तो वो अपनी जान दे देंगी. इसके बाद ही कृष्ण रुकमणी के पास गए और उनसे शादी कर ली.

राधा, कृष्ण

कृष्ण के वृंदावन छोड़ने के बाद से ही राधा का वर्णन बहुत कम हो गया. राधा और कृष्ण जब आखिरी बार मिले थे तो राधा ने कृष्ण से कहा था कि भले ही वो उनसे दूर जा रहे हैं, लेकिन मन से कृष्ण हमेशा उनके साथ ही रहेंगे.. इसके बाद कृष्ण मथुरा गए और कंस और बाकी राक्षसों को मारने का अपना काम पूरा किया. इसके बाद प्रजा की रक्षा के लिए कृष्ण द्वारका चले गए और द्वारकाधीश के नाम से लोकप्रिय हुए.

फिर क्या हुआ राधा का?

जब कृष्ण वृंदावन से निकल गए तब राधा की जिंदगी ने अलग ही मोड़ ले लिया था. राधा की शादी एक यादव से हो गई. राधा ने अपने दांपत्य जीवन की सारी रस्में निभाईं और बूढ़ी हुईं, लेकिन उनका मन तब भी कृष्ण के लिए समर्पित था.

कौन थे राधा के पति...

राधा के पति का वर्णन ब्रह्मावैवर्त पुराण में किया गया है. ये वेदव्यास द्वारा रचित 18 पुराणों में से एक है.

राधा की शादी के बारे में भी अलग-अलग कहानियां प्रचलित हैं. कुछ के अनुसार राधा की शादी अनय से हुई थी. अनय भी वृंदावन निवासी थे और राधा और अनय की शादी बृह्मा की एक परीक्षा के बाद हुई थी.

बृह्मा ने ये पता लगाने के लिए की कृष्ण वाकई विष्णु अवतार हैं उनके सारे दोस्तों को अगवा कर जंगल में छुपा दिया था. उस समय अनय भी जंगल में थे और गलती से वो भी अगवा हो गए थे. इसके बाद कृष्ण ने अपने सभी दोस्तों का रूप लिया (अनय के साथ) और फिर सभी बच्चों के घरों में रहने लगे. इसके बाद अनय रूपी कृष्ण की शादी राधा से हुई थी.

एक दूसरी कहानी के अनुसार असल में राधा की शादी हुई ही नहीं थी. ब्रह्मावैवर्त पुराण के अनुसार राधा अपने घर को छोड़ते समय अपनी परछाई (छाया राधा/माया राधा) घर पर मां कीर्ती के साथ छोड़ गई थीं. छाया राधा की शादी रायान गोपा (यशोदा के भाई) से हुई थी और अनय से नहीं. इसीलिए ये भी कहा जाता है कि राधा रिश्ते में श्रीकृष्ण की मामी हुई थीं. इनकी शादी साकेत गांव में हुई थी जो बरसाने और नंदगांव के बीच स्थित था. यानि राधा ने अपना शादीशुदा जीवन अच्छे से व्यतीत किया भले ही मन से वो कृष्ण से जुड़ी रहीं.

कैसे हुई राधा की मृत्यु?

लोककथाओं के अनुसार अपने जीवन के अंतिम दिनों में राधा ने अपना घर छोड़ दिया था और कृष्ण से मिलने द्वारका चली गईं थीं. जब आखिरकार ये दोनों मिले तो दोनों ने कुछ नहीं कहा. दोनों जानते थे कि मन से दोनों जुड़े हुए थे. लेकिन राधा को लगा कि कृष्ण से करीब रहना उस तरह का सुख नहीं दे रहा है जिस तरह उन्हें तब लगता था जब वो मन से कृष्ण से जुड़ी हुई थीं. राधा बिना कुछ बोले महल छोड़कर चली गईं. अंतिम क्षणों में कृष्ण ने राधा की अंतिम इच्छा पूरी की जिसमें उन्होंने राधा को सबसे मधुर बांसुरी की धुन बजाकर सुनाई. इसके बाद ही राधा जी कृष्ण में विलीन हो गईं. किसी भी पुराण में राधा की मृत्यु का वर्णन नहीं मिलता. 

क्यों नहीं मिल पाए राधा-श्याम...

गर्ग संहिता के गोलोका कांड में देवर्शी नारद और मिथिला नरेश के बीच का संवाद बताया गया है. ये राधा और श्रीधामा के श्राप के कारण हुआ था कि राधा और कृष्ण को 100 सालों का वियोग झेलना पड़ा था.

श्री गर्ग संहिता के विष्वजीत कांड के 49वें अध्याय में एक और कहानी लिखी गई है. कहा गया है कि राधा और कृष्ण 100 साल बाद सूर्य ग्रहण के दौरान होने वाले एक यज्ञ में मिले थे जो कुरुक्षेत्र में हो रहा था. इस दौरान राधा को योगेश्वर भगवान अपने रानियों और गोपियों के साथ ले गए द्वारका. यहां सभी ने राजसूया यज्ञ में हिस्सा लिया जिसे राजा उग्रसेन ने करवाया था. उस समय राधा कृष्ण के साथ उनकी पत्नी के तौर पर थीं और यहीं लिखा जाता है कि राधा की शादी कृष्ण से हुई थी और वो छाया राधा थीं जो रायान गोपा से शादी कर कृष्ण की मामी बनी थीं. पर सिर्फ इस यज्ञ को ही राधा और कृष्ण की शादी का सबूत माना जाता है.

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लेखक

श्रुति दीक्षित श्रुति दीक्षित @shruti.dixit.31

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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