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Updated: 17 जुलाई, 2021 10:42 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की पीरियड ड्रामा "तख़्त" लगभग डिब्बाबंद हो गई है. जौहर ये फिल्म नहीं बनाना चाहते. इसके पीछे की वजहों में बताया जा रहा है कि हिस्टोरिकल ड्रामा की लागत बहुत ज्यादा है. करीब 250-300 करोड़ के बीच प्रोजेक्ट का बजट है. हालांकि धर्मा के साथ फॉक्स स्टार ने भी फिल्म में निवेश किया था. लेकिन फॉक्स पीछे हट गया है. फिर उसके रिप्लेसमेंट आया. कोरोना के बाद बदले माहौल में जौहर ने तख़्त को ठंडे बस्ते में डाल दिया. अब वो तख़्त की जगह रॉकी और रानी की प्रेम कहानी बनाएंगे. ये रोमांटिक फिल्म में है. इसमें तख़्त की ही मुख्य स्टारकास्ट रणवीर सिंह और अलिया भट्ट को साइन किया गया है. जौहर ने खुद निर्देशन की कमान हाथ में ली है.

इससे पहले करण जौहर ने तख़्त की जोर-शोर से अनाउंसमेंट की थी. मुग़ल बादशाह औरंगजेब और दाराशिकोह के बीच दिल्ली की सल्तनत को लेकर हुए संघर्ष की कहानी फिल्म का विषय है. दोनों सगे भाई थे, लेकिन तख़्त ने उन्हें एक दूसरे की जान का दुश्मन बना दिया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ विक्की कौशल औरंगजेब की भूमिका में जबकि रणवीर सिंह दाराशिकोह की भूमिका निभा रहे थे. इनके अलावा करीना कपूर खान और आलिया भट्ट जैसे बड़े सितारों को भी प्रोजेक्ट के लिए कास्ट किया गया था. ये फिल्म अनाउंसमेंट के साथ ही चर्चा में आ गई थी. फिल्म को लेकर विवाद भी शुरू हो गया था. सोशल मीडिया पर करण जौहर और तख़्त के खिलाफ कई बार माहौल बनता दिखा था. यूजर्स का आरोप है कि जौहर इस फिल्म के जरिए औरंगजेब को महिमामंडित करने जा रहे हैं.

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औरंगजेब ने अपने ही भाई दाराशिकोह को क्रूर तरीके से मारकर दिल्ली का सुल्तान बना था. मुग़ल इतिहास में औरंगजेब की गिनती कठोर शासकों में होती है. औरंगजेब पर हिंदू के प्रसिद्द मंदिरों को तोड़ कर मस्जिद बनवाने और तलवार के दम पर धर्मांतरण के आरोप लगाए जाते हैं. हालांकि स्थापित इतिहासकार उसे एक बेहतर शासक के रूप में गिनते हैं. दूसरी ओर इतिहास में दाराशिकोह की गिनती दूसरे धर्मों खासकर हिंदुत्व का सम्मान करने वाले सहिष्णु मुग़ल के रूप में की जाती है.

तख़्त को इसी साल क्रिसमस वीक में रिलीज करने की तैयारी थी. फिलहाल औरंगजेब और दाराशिकोह की कहानी तख़्त डिब्बाबंद नजर आ रही है. हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर प्रोजेक्ट क्यों रुका है यह सामने नहीं आ पाया है. इससे पहले इसी साल फरवरी में भी तख़्त के बंद होने की चर्चा हुई थी. तब स्पॉटबॉय से करण ने साफ़ कहा था कि फिल्म बंद नहीं हुई है उसे बस कुछ वक्त के लिए आगे बढ़ा दिया गया है.

तख़्त डिब्बाबंद या कुछ देर के लिए रुकी

ये बिल्कुल साफ़ नहीं है कि प्रोजेक्ट को कुछ अवधि के लिए रोका गया है या उसे सचमुच कभी नहीं बनाने का फैसला ले लिया गया है. अब तक के जो अपडेट हैं उसमें तो यही लग रहा है कि तख्त शायद ही बन पाए. बजट का तर्क खरा नहीं दिख रहा. करण जौहर की गिनती बॉलीवुड के सबसे सक्षम निर्माताओं में की जाती है. धर्मा प्रोडक्शन बड़े स्केल की फ़िल्में बनाता रहा है. तख़्त जैसे प्रोजेक्ट के लिए ढाई सौ करोड़ का बजट बड़ी बात नहीं थी. फॉक्स और उसके रिप्लेसमेंट के पीछे हटने के बावजूद जौहर प्रोजेक्ट के लिए दूसरे निवेशक ला सकते थे. लेकिन लगता तो यही है कि वो फिल्म ही बनाना नहीं चाहते.

करण जौहर ने क्यों फिल्म रोकी?

बॉलीवुड में हिंदू-मुस्लिम की डिबेट इस वक्त काफी गहरा गई है. सोशल मीडिया पर फिल्मों को अब इसी चश्मे से देखा जा रहा है. तख़्त की अनाउंसमेंट के बाद से लेकर अब तक ना जाने कितनी बार ही फिल्म के खिलाफ निगेटिव कैम्पेन दिखा. इसकी कहानी हुसैन हैदरी ने लिखी है. उन्होंने कुछ समय पहले हिंदुओं को लेकर बयान दिया था जिस पर काफी बवाल खड़ा हो गया था. उस बयान के हवाले से तख़्त का यह कहकर विरोध किया जाने लगा कि फिल्म के लेखक का बयान यह साबित करता है कि इसमें मुगलों को किस तरह से दिखाने की तैयारी है.

मौजूदा माहौल ने मजबूर किया करण जौहर को

निश्चित ही महामारी ने बॉलीवुड की कमर तोड़ दी है. उस पर कुछ फिल्मों को मौजूदा सियासत की हिंदू-मुस्लिम डिबेट ने भी नुकसान पहुंचाया. इस वक्त मुस्लिम सितारों के फिल्मों के बहिष्कार की मांग लगभग रोज हो रही है. राजनीतिक रूप से सक्रिय कई चर्चित हस्तियां भी मुद्दों को तूल देते नजर आ रही हैं. हाल में सलमान खान की राधे : योर मोस्ट वांटेड भाई के खिलाफ सोशल मीडिया पर हेट कैम्पेन दिखा. इसके बाद आमिर खान-किरण राव के सेपरेशन की खबर को भी हिंदू-मुस्लिम चश्मे से देखा गया और उन्हें बॉलीवुड का लवजिहादी करार दिया गया. हाल ही में अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई फरहान अख्तर की स्पोर्ट्स ड्रामा तूफ़ान पर भी बवाल मचा. फिल्म में लोगों को मुस्लिम लड़के का हिंदू लड़की से प्यार पसंद नहीं आया. तूफ़ान के बहिष्कार की मांग हुई.

तख़्त के प्रोडक्शन पार्टनर्स को लगता है कि देश में जिस तरह की राजनीतिक स्थिति है उसमें फिल्म के लिए कोई जगह नहीं है. तख़्त में काम कर रहे कई सितारे और करण जौहर पहले से ही सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर बने हुए हैं. लगता तो यही है कि मौजूदा सियासत के शोर में उन्हें तख़्त हर लिहाजा से घाटे का सौदा ही नजर आ रहा है. क्योंकि वो जिस कहानी को बनाने की कोशिश में थे फिलहाल राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील विषय है. चूंकि प्रोजेक्ट को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है ऐसे में माना जा सकता है कि करण जौहर तख़्त को लेकर "वेट एंड वॉच" की पॉलिसी पर चल रहे हों.

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लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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