Sardhar Udham Twitter Review: विक्की कौशल के काम ने मन मोहा, लोग कैसे बता रहे यादगार फिल्म?
शूजित सरकार (Shoojit Sircar) की सरदार उधम (Sardhar Udham) स्वतंत्रता सेनानी और अमर शहीद सरदार उधम सिंह के जीवन पर बनी फिल्म है. विक्की कौशल (Vicky Kaushal) ने सरदार उधम की भूमिका निभाई है. दशहरा के एक दिन बाद रिलीज हुई फिल्म को लेकर अच्छा वर्ड ऑफ़ माउथ बनता दिख रहा है.
-
Total Shares
शूजित सरकार के निर्देशन में बनी पीरियड ड्रामा "सरदार उधम" अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो गई है. फिल्म को दशहरा के ठीक एक दिन बाद रिलीज किया गया है. यह स्वतंत्रता सेनानी और अमर शहीद सरदार उधम सिंह की बायोपिक है. विक्की कौशल ने सरदार उधम की भूमिका निभाई है. रिलीज से पहले मुंबई में सरदार उधम की स्पेशल स्क्रीनिंग भी हुई जिसमें बॉलीवुड की तमाम हस्तियां शूजित-विक्की की फिल्म देखने पहुंची. इधर फिल्म स्ट्रीम होने के बाद सोशल मीडिया पर दर्शकों और समीक्षकों की समीक्षाएं लगातार आ रही हैं. ज्यादातर समीक्षाओं में शूजित सरकार और विकी कौशल के काम की तारीफ़ हो रही है. तारीफ़ के साथ सरदार उधम के कई सीन्स भी ट्विटर पर साझा किए जा रहे हैं.
समीक्षक और ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने शूजित और विक्की कौशल की तारीफ़ की. उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी भी विक्की कौशल का ऐसा अवतार नजर नहीं आया था. नाहटा ने सरदार उधम से विकी कौशल की कई तस्वीरों को भी साझा किया. फिल्म क्रिटिक रोहित जायसवाल ने भी सरदार उधम की तारीफ़ करते हुए विक्की कौशल के काम की जमकर प्रशंसा की. सरदार उधम के रूप में अभिनय की तारीफ़ करते हुए विक्की के करियर की एक महत्वपूर्ण फिल्म बताया.
सरदार उधम में विकी कौशल. फोटो- अमेजन प्राइम वीडियो से साभार.
सरदार उधम के लिए ऑडियंस रिव्यू में क्या है?
सरदार उधम के लिए ऑडियंस रिव्यू में भी शानदार चीजें देखने को मिल रही हैं. एक ऑडियंस ने समीक्षा में लिखा- बॉलीवुड से हाल फिलहाल आने वाली एक फिल्म जिसका लेखन, निर्देशन और अभिनय बहुत ही शानदार है. यह वो कंटेंट है जो पिछले कई साल से मिसिंग नजर आ रहा था. यह बांधकर रखनेवाली और एक वास्तविक फिल्म है. बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को और ज्यादा गहराई प्रदान करता है. एक दूसरे यूजर ने फिल्म को तकनीकी रूप से मास्टरपीस बताते हुए लिखा- प्यारे दर्शकों आपने अपने जीवन में पहले कभी ऐसी फिल्म नहीं देखी होगी. यह फिल्म तकनीकी रूप से एक मास्टरपीस है जो कई सालों की मेहनत के बाद सामने आई है.
Dear viewers you have never seen such movies in your life.This movie is a technically masterpiece which will be studied for years to come.@vickykaushal09 delivers his best#vickykaushal #SardarUdham #SardarUdhamOnPrime ⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐ pic.twitter.com/yiPpSR1XE7
— vk♥️ (@Ananya_bbyy) October 16, 2021
अनमोल जामवाल नाम के यूजर ने फिल्म को भावुक और पावरफुल फिल्म बताया है. उनका मानना है कि सरदार उधम के रूप में विक्की कौशल ने अवॉर्ड विनिंग काम किया है. एक दूसरे यूजर ने तो फिल्म से जलियावाला बाग़ हादसे की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि किस फिल्म को कभी नहीं भुलाया जा सकता. जो तस्वीरें साझा हुई हैं उसमें विकी कौशल लाशों के बीच हताश और दुखी बैठे नजर आ रहे हैं. उनके साथ एक नन्हा बच्चा भी है. जिस तरह की तस्वीरें साझा हो रही हैं वो काफी प्रभावशाली नजर आ रही हैं.
जलियावाला बाग़ की ऐसी त्रासदी पहले कंभी नहीं दिखी
सरदार उधम की कहानी में जलियावाल बाग़ त्रासदी एक अहम पड़ाव है. इसे फिल्म में बहुत भावुक तरीके से फिल्माया गया है. दर्शकों समीक्षकों पर इसका असर भी साफ नजर आ रहा है. रंजन भट्टाचार्य नाम के एक यूजर ने लिखा- हमने जलियावाला बाग़ नरसंहार के बारे में बहुत कुछ पढ़ा और उसे कई फिल्मों में देखा भी. लेकिन अभी तक इससे पहले किसी भी फिल्म में जलियावाला नरसंहार को इतने बोल्ड तरीके से नहीं दिखाया गया था. फिल्म अभिव्यक्त करती है कि वाकई में वह (जलियावाला बाग़ नरसंहार) कितना अमानवीय था.
We have read about the Jallianwala bagh massacre and saw in many flims. But no other flim ever showed Jalianwala Bagh massacre in such a bold way….. This movie expresses how brutal it was. ⭐⭐⭐⭐⭐#VickyKaushal #amazonprime
— Ranjan Bhattacharyya (@RJaY_00) October 16, 2021
क्या है सरदार उधम की कहानी?
सरदार उधम की कहानी पब्लिक डोमेन में है. हालांकि मेकर्स का दावा है कि उन्होंने फिल्म के लिए काफी रिसर्च किया है और सरदार उधम सिंह के जीवन में बहुत सारी नई चीजें निकलकर सामने आई हैं. सरदार उधम सिंह स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण सेनानी थे. उनका जन्म पंजाब के संगरुरु जिले में एक साधारण परिवार में हुआ था. महज सात साल की उम्र में उनके माता-पिता का निधन हो गया था जिसके बाद एक अनाथालय में भाई के साथ उनका बचपन बीता. उधम सिंह, शहीद भगत सिंह से बहुत प्रभावित थे. 1919 में जलिवालाबाग़ में निहत्थों पर अंग्रेज सरकार की अमानवीय गोलीबारी ने उन पर गहरा असर डाला. घटना के बाद उन्होंने जलियावाला बाग़ की मिट्टी हाथ में लेकर फायरिंग का आदेश देने वाले जनरल डायर से बदला लेने का प्रण किया था. हालांकि इसके लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा. वो अफ्रीका के रास्ते अमेरिका पहुंचे और गदर पार्टी में शामिल हुए. कई देशों की यात्राएं करते हुए स्वतंत्रता संग्राम में लगे रहे. इस दौरान उन्होंने लंबे वक्त तक जेल भी काटा.
इसके बाद छुपाते-छुपाते इग्लैंड पहुंचे. हालांकि तब तक जनरल डायर की मौत हो चुकी थी. लेकिन यहां 1940 में हुए एक कार्यक्रम के दौरान माइकल ओ डायर को गोलियों से छलनी कर उन्होंने जलियावाला नरसंहार का अपना बदला पूरा किया. उनके ऊपर हत्या का मुकदमा चला और 1940 में उन्हें इंग्लैंड में ही फांसी दे दी गई. उधम सिंह को भी शहीद-ए-आजम की उपाधि दी गई है.
आपकी राय