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Updated: 08 फरवरी, 2020 01:51 PM
अनुज मौर्या
अनुज मौर्या
  @anujkumarmaurya87
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शिकारा (Shikara Movie Box Office Collection) ने पहले दिन सिर्फ 1.2 करोड़ रुपए की कमाई की है. इस फिल्म को लेकर जितनी चर्चा थी, उतना रेस्पॉन्स अभी मिला नहीं दिख रहा है. खैर, अब शनिवार और रविवार को बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म कितना बिजनेस करती है, उसी से इस फिल्म का भविष्य तय होगा. काफी दिनों से चर्चा का विषय बनी रहने वाली फिल्म शिकारा (Shikara) शुक्रवार को रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म के चर्चा में रहने की सबसे बड़ी वजह ये है कि इसमें कश्मीरी पंडितों की कहानी दिखाई गई है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे 1990 के दशक में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) को भागना पड़ा था. शुक्रवार को शिकारा फिल्म रिलीज तो हो गई, लेकिन उसका पहले दिन का कलेक्शन निराशाजनक रहा. फिल्म की कमाई पर असर पड़ने की वजह ये भी हो सकती है कि इसी के साथ मलंग और हैक्ड फिल्म भी रिलीज हुई है और इन सब में मलंग ने बॉक्स ऑफिस (Malang Box Office Collection) पर सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. फिल्मों के विश्लेषक तरण आदर्श के अनुसार औसत रीव्‍यू और रेटिंग वाली मलंग ने पहले ही दिन 6.71 करोड़ रुपए की कमाई की. हालांकि, हैक्ड की कमाई (Hacked Box Office Collection) देखकर भी ये समझा जा सकता है कि इस फिल्म ने दर्शकों को निराश ही किया है.

Shikara Box Office Collectionकश्मीर पंडितों की कहानी लव स्टोरी के साथ दिखाने के चक्कर में फिल्म ही पिट गई !

मुद्दा तो ज्वलंत चुना, फिर कमाई क्यों नहीं हुई?

पिछले साल 5 अगस्त को मोदी सरकार ने एक सख्त फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया था. देश भर में बहुत से लोग इसके खिलाफ थे तो बहुत सारे लोगों ने इसका समर्थन किया. मोदी सरकार के इस फैसले से सबसे अधिक खुशी हुई थी कश्मीरी पंडितों को, जिन्हें 1990 के दशक में अपने ही घर से बेघर होना पड़ा था. उस दौरान उनके ऊपर जो जुल्म हुए थे, मोदी सरकार का फैसला उस पर मरहम लगाने जैसा था. तब से लेकर अब कश्मीर और कश्मीरी पंडित चर्चा का विषय बने रहे, लेकिन इस पर बनी फिल्म ने लोगों को निराश कर दिया है. इसकी दो वजहें हो सकती हैं-

1- शिकारा का खराब रिव्यू

शिकारा फिल्म बनाने में विधु विनोद चोपड़ा ने टॉपिक तो अच्छा चुना, लेकिन कहीं न कहीं कुछ कमजोर कड़ी छूट गई. इस फिल्‍म ने दर्शकों को कन्‍फ्यूज किया है. वे तय नहीं कर पाए कि यह फिल्‍म कश्‍मीरी पंडितों को दी गई यातना दिखाने के लिए बनाई गई है, या फिर काले इतिहास की पृष्‍ठभूमि में एक प्रेम कहानी दिखाने के लिए. फिल्म शिकारा को रिव्यू (Shikara Review) भी अच्छे नहीं मिले. औसतन 5 में से 3 स्टार ही मिले, जिसने भी लोगों को अपना मन बदलने पर मजबूर किया. हो सकता है कि एक-दो दिन में इस फिल्म को देखने के बाद अगर लोग अच्छी माउथ पब्लिसिटी कर दें तो फिल्म कुछ कर सके.

2- मलंग और हैक्ड का साथ में रिलीज होना

शिकारा की कमाई कम होने की एक बड़ी वजह ये है कि इसी के साथ मलंग और हैक्ड फिल्म भी रिलीज हुई हैं, जिसकी वजह से फिल्म के दर्शक बंट गए. वैसे भी, खराब रिव्यू वाली फिल्म को देखने से बेहतर था कि दूसरी फिल्म देखी जाए. शुक्रवार को रिलीज हुई तीनों फिल्मों में से मलंग ने सबसे अधिक कमाई की है और हैक्ड ने सबसे अधिक निराश किया.

चोपड़ा के कैमरे का फोकस गड़बड़ा गया !

विधु विनोद चोपड़ा ने शिकारा फिल्म में दो नावों की सवारी करनी चाही है. इस फिल्म में वह कश्मीरी पंडितों की कहानी तो दिखाना चाह रहे हैं, लेकिन एक लव स्टोरी में लपेट कर. एक तरफ वह हिंसा, गुस्सा और अत्याचार की हदें दिखाना चाह रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्यार भरी एक लव स्टोरी को जगह दे रहे हैं. यहीं पर चोपड़ा मात खा गए. फिल्म में दोनों पहलुओं को दिखाने के चक्कर में विधु विनोद चोपड़ा के कैमरे का फोकस ही बिगड़ गया सा लग रहा है. ये फिल्म ना कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म की दास्तां ठीक से दिखा पाई, ना ही लव स्टोरी लोगों को पसंद आई. वैसे भी, फिल्म के किरदार कोई सुपरस्टार नहीं हैं, जिनके फैन हर हाल में उसे देखने पहुंच जाएं. यही वजह है कि फिल्म को खराब रेटिंग मिली है और रिलीज के पहले ही दिन दिख भी गया कि उसे सही रेटिंग दी गई है.

क्या हुआ था कश्मीरी पंडितों के साथ?

फिल्म की कमाई पर तो बात हो रही है, लेकिन ये भी जानना जरूरी है कि 1990 के दशक में या यूं कहें कि 1989 में कश्मीरी पंडितों के साथ क्या हुआ था. 14 सितंबर 1989 का वो दिन, जब सरेआम सैकड़ों कश्मीरी पंडितों को मौत के घाट उतारा गया था, वह दिन कोई चाह कर भी नहीं भूल सकता, खासकर एक कश्मीरी पंडित. महिलाओं का बलात्कार किया गया और पुरुषों की हत्या कर दी गई. हिजबुल मुजाहिदीन ने चेतावनी दी थी और कहा था कि सभी हिंदू अपना सामान बांधें और कश्मीर छोड़कर चले जाएं. उस दौरान मस्जिदों में हिंदू विरोधी भाषण तक दिए गए थे. नतीजा ये हुआ कि कश्मीरी पंडितों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा. अब तक लाखों कश्मीरी पंडित अपनी जान बचाकर कश्मीर से भाग चुके हैं. उन पर हुए अत्याचारों का हिसाब भी तो किसी को देना ही होगा. अब मोदी सरकार ने जो किया है, उससे कश्मीरी पंडितो के साथ पूरा इंसाफ हुआ है. धारा 370 खत्म हो जाने के बाद दिल्ली में बसे बहुत से कश्मीरी पंडितों ने साफ कर दिया है कि वह इस फैसले से खुश हैं और वह अपने घर वापस भी लौटना चाहेंगे.

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