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Updated: 17 अक्टूबर, 2021 05:44 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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पीरियड बायोपिक ड्रामा सरदार उधम को लेकर जैसी उम्मीद थी, शूजित सरकार और विक्की कौशल की जोड़ी ने बिल्कुल वैसे ही 100 प्रतिशत बेस्ट दिया है. सरदार उधम को पीरियड ड्रामा खासकर बायोपिक के लिहाज से अब भारतीय सिनेमा की "पहचान फिल्म" मान लेना चाहिए. फिल्म की कहानी एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी सरदार उधम सिंह की है- जिनके बारे में लोगों को विस्तार से जानकारी नहीं है. स्कूलों के पाठ्यक्रम में उन्हें जगह जरूर मिली है, मगर अबतक उनका बलिदान, संघर्ष और अदम्य साहस उस तरह लोगों के सामने नहीं आ पाया था, हकीकत में जितना भावुक और पीड़ादायक था. साम्प्रदायिकता और राजनीतिक के मौजूदा दौर में शूजित सरकार और विक्की कौशल की जोड़ी ने निश्चित ही अमर शहीदों को फिल्म के जरिए बड़ी श्रद्धांजलि दी है.

सरदार उधम अमेजन प्राइम वीडियो पर 16 अक्टूबर से स्ट्रीम हो रही है. फिल्म सामने आने के बाद इस पर खूब बात हो रही है. लोग गलत नहीं हैं जो बता रहे हैं कि शूजित के निर्देशन में सरदार उधम एक मास्टरपीस है और विक्की कौशल की भूमिका साल की सर्वश्रेष्ठ भूमिका है. सरदार उधम के लिए पूरी टीम की जितनी तारीफ़ की जाए कम है. सबने अपने मोर्चे पर जबरदस्त काम किया है. विक्की कौशल तो सरदार उधम में करियर के सबसे लाजवाब मुकाम पर नजर आते हैं. सरदार उधम में कई मर्तबा यह सबूत दिख जाता है कि किरदार के लिए उन्होंने कितनी मेहनत और किस स्तर की तैयारियां की होंगी. उन्होंने सरदार उधम की पीड़ा को परदे पर हूबहू उतार दिया है. सरदार उधम वो फिल्म है जहां विक्की कौशल ने अभिनय के कई रसों को एक साथ जी लिया है. उनका खामोश रहना भी लाजवाब कर देता है.

वे कई जगह गुस्से में दिखते हैं लेकिन उनके गुस्से में घृणा नहीं बल्कि वाजिब प्रतिरोध है. अभिनय का यही वो भाव है जो किसी फिल्म में साइको किलर और एक फ्रीडम फाइटर के फर्क को स्थापित करता है. कोर्ट में विक्की कौशल की संवाद अदायगी का अंदाज तो वर्ल्ड क्लास अभिनेताओं के बराबर नजर आता है. श्रेष्ठ फिल्म हर लिहाज से परफेक्ट होती है और सरदार उधम निश्चित ही श्रेष्ठ फिल्म के खांचे में पूरी तरह फिट है. एक बार जरूर देखने वाली फिल्म से विक्की कौशल के पांच बेस्ट सीन्स पर बात करते हैं जो वाकई इतना सर्वश्रेष्ठ है कि बॉलीवुड क्या भारतीय सिनेमा में किसी भी एक्टर का दोहरा पाना या उसके आसपास भी नजर आना महान चुनौती है.

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#1. जेल से छूटने का सीन : सरदार उधम के शुरुआती फ्रेम में ही विक्की कौशल जेल से बाहर निकलते दिखाई देते हैं. मैले कुचैले कपड़ों में, शॉल लपेटे हुए, कंधे पर झोला टांगे, दाढ़ी बढ़ी हुई है. सरदार उधम के रूप में विक्की कौशल के भीतर जेल की पीड़ा तो है लेकिन प्रतिशोध लेने की उधेड़बुन में खोए नजर आते हैं. एक दुकान  पर रुकते हैं कुछ खाने के लिए लेते हैं और आगे अपने गंतब्य की ओर बढ़ जाते हैं. एक होटल में ठहरते हैं. पूरे फ्रेम में सिर्फ होटल में कुछ सीमित संवाद हैं. बाकी सीन्स में वे खामोश दिखते हैं मगर उनके चेहरे पर बन रहे भाव दर्शकों से संवाद करते रहते हैं.sardar-udham-movie-p_101721052938.jpg

#2. रूस जाने के दौरान का सीन: सरदार उधम के लिए दृश्यों को शूजित सरकार ने सर्बिया के बर्फीले इलाके में शूट किया था. अंग्रेजों को चकमा देकर अफगानिस्तान के रास्ते सरदार रूस की ओर जा रहे हैं. बर्फीले इलाके में कुछ स्थानीय राहगीरों के साथ पैदल ही गुजर रहे हैं. सरदार उधम के इन फ्रेम्स में विक्की कौशल ने कोई संवाद नहीं बोला है. मगर यहां भी वो पूरे नियंत्रण से भावों के जरिए अभिनय करने में कामयाब हुए हैं. शूजित ने सर्बिया में कई शॉट्स बहुत ही कमाल का शूट किया है.

#3. इंटरोगेशन सीन : स्वतंत्रता सेनानियों को तोड़ने के लिए अंग्रेज अमानवीयता की हद तक टॉर्चर करते थे. माइकल ओ डायर को मारने के बाद सरदार उधम को गिरफ्तार कर लिया जाता है. इसके बाद इंटरोगेशन की प्रक्रिया में शुरू होता है एक अंतहीन टॉर्चर का दौर. यहां अभिनय इतना सच्चा और सीन यथार्थ के करीब लगते हैं. कई सीन इतने ज्यादा प्रभावी हैं कि दर्शक भी उस टॉर्चर की पीड़ा को अनुभव करने लगते हैं और आंखे खुद ब खुद रह रहकर बंद हो जाती हैं.

#4. कोर्ट रूम ट्रायल: कोर्ट रूम ट्रायल के दौरान विक्की कौशल का एक नया ही अवतार नजर आता है. जो अब तक ना तो सरदार उधम में दिखा था और ना ही उनकी किसी दूसरी फिम में. यहां तक कि मसान में ही. सरदार उधम के रूप में विक्की कौशल कोर्ट में अपराधी बताए जाने का विरोध करते हैं. और वो अंग्रेजों के क़ानून और मानवाधिकारों के तर्क की धज्जियां उड़ा देते हैं. यहां विक्की कौशल ने एक मंझे हुए हॉलीवुड अभिनेता की तरह तेज-तेज लेकिन बीच में हल्का पॉज लेकर संवाद बोले हैं. संवाद अदायगी का अंदाज और संवादों में आया तर्क लाजवाब कर देता है.sardar-udham-movie-p_101721053043.jpg

#5. जलियावाला बाग़ नरसंहार: जलियावाला बाग़ का सीन फिल्म के सबसे ज्यादा कर देने वाले सीन्स में से एक है. हालांकि सरदार उधम में यह सीन्स थोड़ा सा लंबा जरूर बन गया है मगर कहानी के लिए यह आवश्यक भी था. किशोर उधम के रूप में विक्की कौशल का ट्रांसफार्मेशन और अभिनय दोनों ही उम्दा हैं. लंबे चौड़े सीन में विक्की ने कुछ ही जगह संवाद बोले हैं, मगर उनके अभिनय और जलियावाला के दृश्य हिलाकर रख देते हैं. जलियावाला बाग़ नरसंहार ही वो घटना थी जिसने अंग्रेजों के भारत से बाहर जाने की पटकथा लिख दी थी. इस एक घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नया मोड दिया था. देशभर में ना जाने कितने युवा स्वतंत्रता सेनानी निरंकुश अंग्रेजी शासन के खिलाफ सीना तानकर खड़े हो गए थे. उनमें से एक सरदार उधम भी थे. विक्की कौशल ने बहुत खूबसूरती से कर दिखाया कि कैसे सरदार उधम ने करीब 20 साल तक जलियावाला के दर्द को सीने में दबाकर जिंदगी गुजारी.(सभी तस्वीरें अमेजन प्राइम वीडियो से साभार)

लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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