कोरोना की सुनामी में बॉलीवुड के लिए क्यों क्रांतिकारी है सलमान खान का ये बिजनेस प्लान?
कोरोना की वजह से कई फ़िल्में लटकी हैं. राधे के मॉडल पर अटकी फिल्मों को आराम से रिलीज किया जा सकता है. मेकर्स के लिए कारोबारी लिहाज से ये फायदे का सौदा ही साबित होगा. दर्शकों को भी बजट में नई फिल्म देखने की सहूलियत मिलेगी.
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कोरोना महामारी में सलमान खान के प्रशंसकों को लंबा इंतज़ार करना पड़ा. पिछले साल (ईद पर भी) कोई फिल्म ही रिलीज नहीं हुई. 2021 में ईद पर 'राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई' को लाने की तैयारी थी. मगर दूसरी लहर की सुनामी के हालात और मेकर्स के संकेतों से लगने लगा था कि शायद इस साल भी थियेट्रिकल जिद पर अड़े दबंग खान की फिल्म ना आए. मगर फिल्म ईद पर ही आ रही है और महामारी में एक ऐसे बिजनेस प्लान के साथ आ रही है, जो बॉलीवुड के तमाम बंद रास्तों और चुनौतियों का चुटकी में समाधान करने वाली है. रिलीज का आइडिया और फिल्म का जबरदस्त प्रमोशन बताता है कि क्यों सलमान बॉलीवुड के दबंग खान माने जाते हैं.
दरअसल, फिल्म को थियेटर, ओटीटी और टीवी तीनों जगहों पर रिलीज किया जा रहा है. देश और विदेश के जिन हिस्सों में लॉकडाउन नहीं है वहां थियेटर में भी रिलीज होगी. ओटीटी प्लेटफॉर्म के तहत जी प्लेक्स पर दिखाई जाएगी. ओटीटी के लिए कंपनी की ओर से आक्रामक प्लान भी पेश किया गया है.
जबकि मेकर्स ने फिल्म को टीवी पर एक्सक्लूसिव दिखाने के लिए डीटीएच कम्पनियों से करार किया है. इसमें प्रमुख रूप से टाटा स्काई, एयरटेल और डिश टीवी शामिल हैं जिनकी पहुंच भारत की एक बड़ी आबादी तक है. करीब 50 देशों में दर्शक तीन विकल्पों में राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई को देख सकते हैं.
सलमान और जी बिजनेस पार्टनर हैं. राधे को लेकर प्रॉफिट शेयरिंग का बिजनेस मॉडल क्या है इस बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं है मगर, कोई दर्शक थियेटर की तरह ही दूसरे प्लेटफॉर्म पर भी खरीदकर घर में फिल्म को देखने की सुविधा पा सकता है. राधे के मेकर्स ने इसके लिए "पे पर व्यू" का मॉडल अपनाया है. यानी एक बार फिल्म देखने के लिए एक बार पैसों का भुगतान करना होगा.
दर्शकों को इसके लिए 299 रुपये चुकाने पड़ेंगे. जी प्लेक्स की दर भी यही है. जी ने "जी 5" पर सब्सक्राईबर बेस बढाने के लिए आकर्षक प्लान तक लॉन्च किए हैं. दर्शकों के पास राधे को देखने के लिए बजट और सुविधा- दोनों का विकल्प है.
ये दूसरी बात है कि हिंदी फ़िल्में मुंबई, पुणे, दिल्ली एनसीआर और बेंगलुरु के थियेटरों से सर्वाधिक कमाई करती हैं. इन शहरों में इस वक्त जैसा माहौल है उसमें थियेटर रिलीज की उम्मीद भी नहीं की जा सकती. लेकिन दर्शकों को दूसरे किफायती विकल्प मिल रहे हैं और मेकर्स उससे भी पैसे बना सकते हैं. लॉकडाउन की वजह से भले ही सलमान देर से आए, लेकिन दुरुस्त आते दिख रहे हैं. सलमान का ये बिजनेस मॉडल ना सिर्फ कोरोना महामारी बल्कि उसके आगे भी बॉलीवुड के बहुत काम आ सकता है.
कोरोना की वजह से कई बॉलीवुड फ़िल्में लटकी हैं. इसमें बड़े सितारों की बड़े बजट वाली फ़िल्में शामिल हैं. फिल्मों की संख्या इतनी है कि महामारी के बाद थियेटर रिलिज के वक्त उनमें निश्चित टकराव होंगे. तब मेकर्स को कारोबारी नुकसान भी उठाने पड़ सकते हैं. जबकि राधे के मॉडल पर अटकी फिल्मों को आराम से रिलीज किया जा सकता है. मेकर्स के लिए कारोबारी लिहाज से ये फायदे का सौदा ही साबित होगा और दर्शकों को भी सुविधा के अनुसार बजट में परिवार संग नई फिल्म देखने की सहूलियत मिल जाएगी.
सलमान जिस हिसाब से फिल्म का प्रमोशन कर रहे हैं, उनके फैन का मजबूत बेस फिल्म को कामयाब बना सकता है. संभवत: राधे की कामयाबी से बॉलीवुड फिल्मों की रिलीज का सिलसिला चल पड़े. राधे में सलमान के साथ दिशा पाटनी, रणदीप हुड्डा और जैकी श्रॉफ अहम भूमिकाओं में हैं. निर्देशन प्रभु देवा ने किया है.
1988 में बीवी हो तो ऐसी के जरिए सलमान ने फ़िल्मी करियर शुरू की थी. शुरुआत के बाद साल 2020 ही ऐसा है जब उनकी कोई फिल्म नहीं आई. जबकि औसतन एक साल में उनकी दो से तीन फ़िल्में आई ही हैं. सिर्फ एक बार 2016 में सुल्तान भर रिलीज हुई थी. मगर अनुष्का शर्मा के साथ आई सुल्तान ने बेशुमार पैसे कमाए और लोगों का जमकर मनोरंजन किया.
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