New

होम -> सिनेमा

 |  6-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 12 अगस्त, 2020 03:59 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
  • Total Shares

एक ऐसे समय में जब एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के बाद इंडस्ट्री में 'इंसाइडर्स वर्सेज आउटसाइडर्स की लड़ाई अपने निर्णायक मोड़ पर आ गई हो. साथ ही आउटसाइडर्स को उनका हक दिलाने के लिए तमाम तरह के बुद्धिजीवी मैदान में आ गए हों. नेपोटिज्म (Nepotism) का हवाला देकर अलग अलग तरह की बातें हो रहीं हैं. कई एक्टर्स हैं जिन्हें आड़े हाथों लिया जा रहा है. मामले में सबसे दिलचस्प बात ये है कि लोगों को इससे मतलब नहीं है कि जिसकी वो आलोचना कर रहे हैं उसमें टैलेंट है या नहीं उनकी परेशानी स्टार किड से है. किसी का स्टार किड होना ही उसकी सबसे बड़ी दिक्कत है. आलोचना बदस्तूर जारी है और उन लोगों को भी नापा जा रहा है जिन्हें काम आता है. अब एक्टर रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) को ही देख लीजिए. मौजूदा वक्त में स्टार किड होने के कारण रणबीर कपूर इंडस्ट्री में 'आउट साइडर्स' के समर्थकों के निशाने पर हैं. तर्क दिए जा रहे हैं कि रणबीर को काम इसलिए मिला क्योंकि वो राज कपूर (Raj Kapoor) के पोते और ऋषि कपूर- नीतू सिंह (Rishi Kapoor - Neetu Singh) के बेटे हैं. सवाल है कि क्या रणबीर कपूर की कमाई सिर्फ इतनी ही है? क्या एक बेहतरीन एक्टर होने के बावजूद किसी की आलोचना करना सिर्फ इसलिए जायज है क्यों कि वो राज कपूर के खानदान से है?

बात सीधी और साफ है इस नेपोटिज्म और इंसाइडर्स वर्सेज आउटसाइडर्स की लड़ाई से हमें रणबीर कपूर को इसलिए भी दूर रखना चाहिए क्यों कि रणबीर इंडस्ट्री के उन चुनिंदा एक्टर्स में हैं जिन्हें काम आता है और जो इंडस्ट्री में अपने बाप दादा के नाम पर नहीं बल्कि अपनी ख़ुद की काबिलियत के दम पर इंडस्ट्री में सर्वाइव कर रहा है. ध्यान रहे कि नेपोटिज्म के नामपर एक वो वर्ग सामने आया है जो ये सवाल कर रहा है कि आखिर हमें क्यों नहीं, रणबीर की आलोचना तब करनी चाहिए जब उन्होंने हिट से कहीं ज्यादा फ्लॉप फिल्में दीं हों.

हम ये बिल्कुल नहीं कह रहे कि इस निर्णायक वक़्त में गलत सवाल पूछा गया है. सवाल बिल्कुल सही है और इसका जवाब दिया जाना चाहिए मगर इस जवाब को हासिल करने से पहले हमें इस बात को समझना होगा कि क्या एक एक्टर को परखने का पैमाना केवल हिट और फ्लॉप हैं? क्या वही एक अच्छा एक्टर है जो एक के बाद एक हिट देता है? क्या टैलेंट की कोई वैल्यू नहीं है?

Ranbir Kapoor, Bollywood, Cinema, Criticism, Sushant Singh Rajputआलोचकों को समझना होगा कि जो कुछ भी रणबीर कपूर ने हासिल किया सिर्फ और सिर्फ अपने काम की बदौलत किया

बात रणबीर की चली है और चूंकि लड़ाई आर पार की है इसलिए हमारे लिए भी ये बताना बहुत ज़रूरी हो जाता है कि भले ही रणबीर की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर पिट चुकीं हों, उन्होंने बड़ा बिजनेस न किया हो मगर उसके लिए केवल रणबीर नहीं जिम्मेदार थे. हमें इस बात को समझना होगा कि जिस वक्त एक फ़िल्म बनती है उसमें सिर्फ एक एक्टर नहीं होता.

फ़िल्म में एक एक्टर के अलावा तमाम लोग जैसे डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, डीओपी, म्यूसिक डायरेक्टर, एडिटर, एक्शन डिरेक्टर, स्क्रिप्ट राइटर इत्यादि लोग होते हैं. कोई भी फ़िल्म अगर बॉक्स आफिस पर हिट होती है या फिर क्रिटिक उसे फ्लॉप करार देते हैं तो इस नाकामी का ठीकरा हम किसी एक व्यक्ति नहीं फोड़ सकते. यदि चीज खराब हुई है तो इसके पीछे हर आदमी की जिम्मेदारी है जिसे उसे लेना चाहिए.

कुछ और बताने से पहले हम ये बात स्पष्ट करना चाहेंगे कि हमें न तो रणबीर कपूर से कोई लगाव है और न ही हम उनका पक्ष ले रहे हैं. मुद्दा यहां एक जायज बात का समर्थन है. ये समर्थन तब और प्रभावी हो जाता है जब हम हिट से लेकर फ्लॉप फिल्मों तक में रणबीर कपूर की एक्टिंग देखते हैं.

चाहे रणबीर की फ़िल्म बर्फी उठा ली जाए या फिर ये जवानी है दीवानी और राजनीति भले ही रणबीर का चेहरा एक एक्सप्रेशन लेस और एकदम फ्लैट चेहरा रहा हो मगर इन खामियों के बावजूद जो एक्टिंग रणबीर ने की वो कमाल है. लाजवाब है. बेमिसाल है. इन सभी फिल्मों में इंटरवल के पहले और बाद में हमें दो अलग अलग रणबीर दिखे.

यानी इनमें शुरुआती सींस में रणबीर अलग थे फिर जैसे जैसे फ़िल्म आगे बढ़ी उन्होंने अपने को बदला और कुछ इस तरह बदला जिसमें वो बिल्कुल अलग नजर आए. दरअसल ये अलग नजर आना ही एक्टिंग है. अतः वो दावे अपने आप ही खारिज हो जाते हैं जो ये कहते हैं कि एक स्टार किड को अगर एक्टिंग ना भी आए तो वो केवल अपने बाप के, दादा के नाम पर इंडस्ट्री में सर्वाइव कर लेगा.

ये तो हो गयी एक्टिंग की बात अब अगर हम लुक्स या फिर डांस पर आएं तो भी उनका कोई तोड़ हमें इंडस्ट्री में दिखाई नहीं देता. रणबीर अपने लुक्स और डांस दोनों से इंडस्ट्री के कई पुरोधाओं को मात देते हुए नजर आते हैं. इन चीजों के अलावा एक अन्य बात जो रणबीर को दूसरों से अलग करती है वो है उनकी सहजता.

ज्ञात हो कि रणबीर जिस खानदान से आते हैं वो खानदान कई दशकों से इंडस्ट्री की सेवा कर रहा है. बावजूद इसके रणबीर को इसका कोई घमंड नहीं है. बात अगर रणबीर के सहकर्मियों की हो तो चाहे वो एक्टर्स हों या फिर एक्ट्रेस सभी ने ये बात कबूली है कि रणबीर सेट पर बहुत सहज रहते हैं.

अब इतनी बातें जानने के बावजूद अगर हम 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर रणबीर का नाम उठाएं और अपनी छाती कूटें तो ये हमारी कमी है और इसके लिए रणबीर कपूर कहीं से भी जिम्मेदार नहीं हैं. और हां अगर किसी की आलोचना होनी चाहिए तो हमारी ख़ुद की होनी चाहिए क्यों कि हम खुद ही हर चीज में राजनीति खोजते हैं.

चलते चलते हमारे लिए ये बताना भी बहुत ज़रूरी है कि अगर सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला इतना उलझा है तो जाहिर तौर पर इसकी एक बड़ी वजह राजनीति है. बाकी जैसे हालात चल रहे हैं और जिस तरह का गतिरोध है इसका सीधा असर सिनेमा पर है जिसके चलते सिनेमा अपने दर्शक लगातार खो रहा है.

ये भी पढ़ें -

Bigg Boss 14: 'सुशांत' के चलते इस बार सलमान और बिग बॉस दोनों ही पिटने वाले हैं!

Mirzapur 2 release date के इंतजार की वजह है कहानी का दिलचस्प ट्विस्ट

Sushant Singh Rajput को सबकुछ देकर क्या मुंबई ने उसकी ज़िंदगी खरीद ली थी?

#रणबीर कपूर, #बॉलीवुड, #सिनेमा, Ranbir Kapoor, Sushant Singh Rajput, Nepotism

लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय