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Updated: 29 जनवरी, 2022 04:09 PM
ज्योति गुप्ता
ज्योति गुप्ता
  @jyoti.gupta.01
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पुष्पा द राइज (Pushpa) फिल्म का डायलॉग 'झुकूंगा नहीं मैं' इन दिनों हिंदी भाषी की जुबान पर चढ़ा हुआ है. इस फिल्म के अलावा किसी और की चर्चा है भी नहीं. पुष्पा में गरीब, मजदूरी, आम आदमी, गुंडागर्दी, मारकाट, एक्शन, रोमैंस, ड्रामा, दुश्मनी, स्मगलिंग, अभिनय और इमोशन के आलावा एक और बात जो अहम है वह है सामन्था रूथ प्रभु (amantha ruth prabhu) का आइटम नबंर सान्ग (item number song) जो झक्कास गाना होकर भी बहुत अलग कहानी कह रहा है.

महिलाओं को उपभोग की वस्तु समझने वाले, फिल्म पुष्पा का गाना 'मर्द बिन पेंदी लोटा' कटाक्ष है...आयटम नंबर्स में हीरोइनों को किसी सेक्स ऑबजेक्ट की तरह पेश किया जाता है

अभी तक तो हम जो आइटम सांग सुनते थे उसमें औरतों को सामान की तरह सजा-धजाकर पेश किया जाता था. जैसे चोली, लाल होठ, जिगर में बड़ी आग, तू चीज बड़ी है मस्त, लैला मैं लैला...अरे ऐसे तो हजारों गाने भरे पड़े हैं.

ऐसे में यह गाना एक बदलाव की तरह है, जो समाज के कुछ लोगों की सोच की सच्चाई को बयां कर रहा है. अल्लू अर्जुन की दमदार एक्टिंग के साथ-साथ अगर इस फिल्म में किसी और चीज़ की बात हो रही है तो वो है फिल्म के आयटम सॉन्ग ‘ऊ अंटावा’ की.

अल्लू अर्जुन (allu arjun) की जबरदस्त अभिनय, दमदार कहानी...कहने का मतलब यह है कि अब इस फिल्म में इतना कुछ है कि पता नहीं आपका ध्यान इस गाने पर गया या नहीं...इस गाने में आखिर क्या ऐसी बात है कि पुरुष इस गाने को देखकर थोड़े नाराज लग रहे हैं, कई पुरुषों को तो इस गाने से चिढ़ आ रही है तो कुछ को इसके लिरिक्स सुनकर हंसी आ रही है. असल में यह गाना उन पुरुषों पर एक पैना कटाक्ष है जो महिलाओं को उपभोग की वस्तु समझते हैं.

अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना (rashmika mandana) स्टारर पुष्पा फिल्म के इस गाने का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. वजह यह नहीं है कि सामन्था रूथ प्रभु मदहोशी से इस गाने पर बेहतरीन डांस कर रही हैं बल्कि वजह है इस गाने के बोल जिसमें तेलुगू से हिंदी में जब करते समय भले थोड़े परिवर्तन हुए हों लेकिन मतलब एकदम साफ है.

पहली बार किसी ने इस तरह का गाना सुना होगा जो आइटम नंबर भी है और कुछ पुरुषों पर तंज भी. इस गाने का म्यूजिक बहुत अलग है, डांस का स्टेप भी इतना आकर्षक है कि ज्यादा लोगों ने गाने के बोल पर पहले ध्यान ही नहीं दिया और अगर दिया भी होगा तो शायद शर्म से इगनोर कर दिया होगा.

वैसे तो इस फिल्म का एक-एक सीन ऐसा है कि आपकी नजरें नहीं हटेंगी लेकिन इसके गाने भी जमकर छाए हैं. फिल्म में बोर होने का तो सवाल ही नहीं उठता. यह फिल्म तेलुगू में बनी है जिसकी हिंदी सहति कई अन्य भाषाओं में डबिंग की गई है.

असल में हम फिल्म पुष्पा के आयटम सॉन्ग ‘ऊ अंटावा’ गाने की बात कर रहे हैं. जिसमें अल्लू अर्जुन के साथ साउथ सुपरस्टार समांथा रूथ प्रभू बेहद हॉट अंजाद में नजर आ रही हैं. इस गाने के लिए समांथा ने मोटी रकम वसूली है. इस गाने को मशहूर बॉलीवुड कोरियोग्राफर गणेश आचार्य ने कोरियोग्राफ किया है. यह गाना रिलीज होने के कुछ दिन बाद ही यूट्यूब की टॉप 100 म्यूजितक वीडियोज में शामिल हो गया.

क्यों अलग है यह गाना?

कई बार ऐसा होता है कि फिल्म फ्लॉप हो जाती है और आयटम नंबर्स हिट हो जाते हैं. साऊथ फिल्मों में भी इस तरह के गानों का ट्रेंड रहा है. अब तक आयटम नंबर्स में हमने यही देखा है कि एक्ट्रेस छोटे कपड़े पहनकर, सेक्सी अंदाज में मर्दों को रिझाने की कोशिश करती है. हीरो और विलेन भी उसे ऐसे ताड़ते हैं जैसे मौका मिलते ही उसे खा जाएंगे.

आयटम नंबर्स में हीरोइनों को किसी सेक्स ऑबजेक्ट के रूप में पेश किया जाता है, किसी सीरियस फिल्म का आयटम सान्ग भी बेहद ओछी लीरिक्स वाला होता है. ऐसे में यह गाना बेहद उल्टा है जो मर्दों की आदत को बताता है. मर्दों की गलत सोच और उनकी गलत सोच को उजागिर करता है. इस गाने में एक लाइन है मर्द बिन पेंदी लोटा...जिसे सुनकर वाकई कुछ पुरुष परेशान हो सकते हैं. कईयों को मिर्ची लग सकती है.

चलिए हम गाने का हिंदी वजर्न का कुछ लाइनें यहां लिख रहे हैं, जिसे देखकर आप खुद ही समझ जाएंगे कि समस्या कहां है? मैंने जब फिल्म देखी और यह गाना सुना तो सबसे पहले यही सोचा कि अरे इस गाने से तो उन पुरुषों को दिक्कत हो सकती है जो इस तरह का नेचर रखते हैं, सभी को नहीं क्योंकि सभी पुरुष ऐसे नहीं होते.

साड़ी साड़ी पहन के साड़ी आये तो उसको घूरे

छोटे छोटे स्कर्ट भी जो

पहन के आये तो घूरे...

छोड़ साड़ी छोड़ स्कर्ट

इन कपड़ों से क्या होता

नज़ारे गन्दी सोच गन्दी

मर्द है बिन पेंदी लोटा...

पूरा गाना यहां देखें- 

मतलब यह है कि औरत काली हो, गोरी हो, पतली हो, मोटी हो, लंबी हो, नाटी हो, लड़की साड़ी पहनी हो या छोटी स्कर्ट इन सभी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता...ये सब इनकी आंखों में है, क्योंकि आदमियों की सोच ही उल्टी है...

वैसे इस गाने को लेकर भी बहस छिड़ी हुई है. कई पुरुषों का कहना है कि सभी मर्द एक जैसे नहीं होते. कई लोगों को इस बात से दिक्कत है कि समांथा रूथ प्रभू को इस गाने में डांस नहीं करना था क्योंकि ऐसा करके उन्होंने अपनी छवि खराब कर ली है. जो भी हो, इस गाने ने फिल्म के आयटम सॉन्ग के ट्रेंड को तो बदल ही दिया है.

लेखक

ज्योति गुप्ता ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01

लेखक इंडिया टुडे डि़जिटल में पत्रकार हैं. जिन्हें महिला और सामाजिक मुद्दों पर लिखने का शौक है.

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