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Updated: 15 जून, 2016 05:41 PM
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प्रियंका चोपड़ा की ऐक्टिंग की शोहरत बॉलीवुड से आगे निकलकर सात समंदर पार तक पहुंच चुकी है. हॉलीवुड के क्वॉटिंको और बेवाच जैसे चर्चित सीरियल्स से उनकी ऐक्टिंग की चर्चा विदेशी मीडिया तक में हो रही है. अब प्रियंका प्रॉड्यूसर भी बन गई हैं. प्रियंका चोपड़ा के प्रॉडक्शन में बनी उनकी पहली फिल्म एक भोजपुरी फिल्म है. इस भोजपुरी फिल्म का नाम है 'बम बम बोल रहा है काशी' और ये हाल ही में रिलीज हुई है.

लेकिन अब प्रियंका इस फिल्म पर विवाद खड़ा हो गया है और भोजपुरी फिल्मों के कुछ नामी फिल्मकारों ने इस फिल्म पर कड़ी आपत्ति जताई है. ऐक्टिंग के क्षेत्र में झंडे गाड़ चुकी प्रियंका का प्रॉड्यूसर बनने का पहला दांव ही उल्टा क्यों पड़ गया और क्यों हो रहा है इस फिल्म का विरोध, आइए जानें.

प्रियंका की पहली भोजपुरी फिल्म का विरोध क्यों?

प्रियंका चोपड़ा ने प्रॉड्यूसर के तौर पर अपनी पहली फिल्म हिंदी नहीं बल्कि भोजपुरी भाषा में बनाई. 10 जून को रिलीज हुई 'बम बम बोल रहा है काशी' नामक इस भोजपुरी फिल्म की प्रॉड्यूसर प्रियंका चोपड़ा खुद और उनकी मां मुध चोपड़ा हैं. फिल्म के राइटर और डायरेक्टर हैं संतोष मिश्रा. इस फिल्म के लीड रोल में हैं भोजपुरी फिल्मों के स्टार दिनेशलाल निरहुआ और आम्रपाली दूबे.

लेकिन अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस फिल्म का विरोध क्यों हो रहा है? दरअसल भोजपुरी सिनेमा के कई जाने-माने फिल्मकारों ने इस फिल्म में अश्लीलता की भरमार होने और इस फिल्म के जरिए भोजपुरी सिनेमा की पहले से ही खराब छवि को और खराब करने का आरोप लगाया गया है. इन फिल्मकारों का कहना है कि आखिर क्यों प्रियंका चोपड़ा जैसी बड़ी स्टार ने भी भोजपुरी भाषा में एक अच्छी फिल्म बनाने के बजाय घटिया कहानी, डबल मीनिंग डॉयलॉग्स, फूहड़ गानों से भरी एक चालू मसाला फिल्म ही बनाई.

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इस साल अपनी मैथिली फिल्म मिथिला माखन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाले डायरेक्टर नितिन एन चंद्रा ने फिल्म को बेहद ही अश्लील कहते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है. बॉलीवुड ऐक्ट्रेस नीतू चंद्रा के भाई नितिन ने कहा, ऐसे समय में जबकि मेरी मातृभाषा अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, प्रियंका ने न सिर्फ खुद की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचाया है बल्कि अपने पद्म श्री अवॉर्ड की प्रतिष्ठा को भी धूमिल किया है.

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प्रियंका चोपड़ा द्वारा प्रॉड्यूस की गई पहली भोजपुरी फिल्म 'बम बम बोल रहा है काशी' पर विवाद उठ खड़ा हुआ है

इस फिल्म में दिखाए गए अश्लील दृश्यों से बिहार के वे युवा फिल्मकारों भी आहत हुए हैं जो भोजपुरी सिनेमा के अश्लील कंटेंट्स के खिलाफ वर्षों से अभियान चला रहे हैं. बढ़िया भोजपुरी फिल्में बनाने के लिए पहचाने जाने वाले नितिन जैसे फिल्मकारों को उम्मीद थी कि प्रियंका के जुड़ने से भोजपुरी सिनेमा का भला होगा लेकिन उन्हें ये देखकर झटका लगा कि प्रियंका ने भी कमाई के लिए भोजपुरी फिल्मों के फ्लॉप ट्रेंड यानी कि अश्लीलता का ही सहारा लिया. जिससे नाराज ये फिल्मकार अब प्रियंका की फिल्म के विरोध में उतर आए हैं.

आखिर क्यों अश्लील होती हैं भोजपुरी फिल्में?

ऐसा नहीं है कि प्रियंका चोपड़ा ने ही भोजपुरी भाषा की पहली अश्लील फिल्म बना दी है. हकीकत तो ये है कि आज के दौर में भोजपुरी सिनेमा की पहचान ही अश्लील और फूहड़ फिल्म इंडस्ट्री के तौर पर है. आखिर क्या वजह है भोजपुरी सिनेमा की इस अश्लीलता की, क्या से उनकी जररूत है या मजबूरी?

देखेंः भोजपुरी फिल्म बम बम बोल रहा है काशी का ट्रेलर

ऐसा नहीं है कि भोजपुरी में अच्छी फिल्में नहीं बनी हैं. याद कीजिए राजश्री प्रॉडक्शन के बैनर तले बनी फिल्म ‘नदिया के पार’ को. यह फिल्म  न सिर्फ सुपरहिट रही बल्कि सलमान खान के लीड रोल में बनी राजश्री की ही फिल्म ‘हम आपके हैं कौन’ से इसकी रीमेक भी बनी. लेकिन  बॉलीवुड के मजबूत होते चले जाने से स्थानीय भाषा के सिनेमा के लिए खुद का अस्तित्व बचाए रखना मुश्किल होता चला गया.

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ये मुश्किल भोजपुरी सिनेमा के सामने भी आई, अच्छे लेखकों, निर्माताओं और डिस्ट्रीब्यूटर्स की कमी की वजह से दिनोंदिन भोजपुरी सिनेमा का स्तर गिरता चला गया. धीरे-धीरे भोजपुरी सिनेमा अपने ही लोगों से दूर होता चला गया. भोजपुरी फिल्मों के निर्माताओं ने अच्छी कहानियों के अभाव में अश्लीलता और सेक्स को तुरंत फायदा देने वाले हथियार के तौर पर चुना और देखते ही देखते भोजपुरी सिनेमा में अश्लील फिल्मों की भरमार हो गई. भोजपुरी फिल्म के निर्माताओँ के मन में ये बात बैठ गई है कि उनकी फिल्मों को बिना अश्लीला और डबल मीनिंग डायलॉग्स के कोई नहीं देखेगा.

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भोजपुरी फिल्म 'बम बम बोल रहा है काशी' इसमें दिखाई गई अश्लीलता की वजह से आलोचकों के निशाने पर है

पटना की रहने वाली चर्चित टीवी ऐक्ट्रेस छवि पाण्डेय कहती हैं कि मैंने इसीलिए कभी भोजपुरी फिल्मों का रुख नहीं किया क्योंकि उसकी छवि बहुत खराब है. वह कहती हैं कि भोजपुरी फिल्ममेकर्स तुरंत पैसे कमाना चाहते हैं और इसके लिए उन्हें अश्लीलता से बेहतर कुछ नजर नहीं आता है.

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फेमस टीवी ऐक्ट्रेस और भोजुपरी फिल्मों में काम कर चुकी श्वेता तिवारी कहती हैं कि भोजपुरी फिल्मों के ज्यादातर फिल्मकार महिलाओं को किसी शोपीस की तरह देखते हैं. वे ऐक्ट्रेस के लिए अच्छी कहानियां लेकर नहीं आते हैं बल्कि उनका जोर अश्लील डायलॉग्स और फूहड़ आइटम सॉन्ग्स पर होता है.

लेकिन हैरानी की बात ये है कि इन विवादों से प्रियंका चोपड़ा को कोई फर्क पड़ता नहीं दिखता है. अपनी भोजपुरी फिल्म में अश्लीलता के सवाल पर वह कहती हैं 'मैं खुद भी फिल्मों में ऐसे लटके-झटके की शौकीन हूं.’

उन्होंने कहा, 'मैं चाहती हूं कि स्थानीय सिनेमा को एक बेहतर प्लेटफॉर्म मिले.' वह भोजपुरी से अपने कनेक्शन बताना भी नहीं भूलीं और कहा कि उनकी मां मधु चोपड़ा की मातृभाषा भी भोजपुरी है. उन्होंने कहा, ''मैं जमेशदपुर में पैदा हुई थी...और राज्य में शुरुआती शिक्षा ली. मेरा इस राज्य से एक भावनात्मक जुड़ाव है.'

प्रियंका इस फिल्म को लेकर अपनी सफाई में चाहें जो भी कहें लेकिन इतना तो तय है कि भोजपुरी फिल्मों के निर्माताओं की तरह फटाफटा मुनाफा कमाने के चक्कर में उन्होंने भी भोजपुरी सिनेमा का नुकसान ही किया है!

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