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Updated: 06 फरवरी, 2018 03:19 PM
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संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को रिलीज हुए अभी ज्यादा समय नहीं हुआ है. फिल्म अभी तक राजस्थान में रिलीज भी नहीं हो पाई है. सिर्फ एक फिल्म रिलीज न हो इसलिए करोड़ों की पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया गया. भंसाली को थप्पड़ भी पड़े. खैर, पद्मावत को अब भूली बिसरी याद समझते हैं और आगे आने वाली नई फिल्म की चर्चा करते हैं. ये फिल्म है झांसी की रानी पर आधारित मणिकर्णिका..

कंगना रनौट की ये फिल्म भी कुछ-कुछ पद्मावत की राह पर चल पड़ी है. एक तरफ जहां फिल्म में कंगना झांसी की रानी का किरदार निभा रही हैं और जोरों से शूटिंग चल रही है वहीं दूसरी ओर ये फिल्म शुरुआत से ही विवादों के घेरे में आ गई है. कभी कंगना इस फिल्म में चोटिल हो जाती हैं तो कभी फिल्म की शूटिंग के खिलाफ प्रदर्शन होने लगता है. पर अब ये फिल्म पूरी तरह से पद्मावत की राह चल पड़ी है.

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फिल्म में एक गाने पर बवाल...

ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि फिल्म में मणिकर्णिका का एक अंग्रेजी अफसर से लव अफेयर यानि प्रेम संबंध दिखाया गया है. ऐसा मानना है सर्व ब्राह्मण महासभा का. जिसके अनुसार फिल्म में झांसी की रानी मणिकर्णिका जो एक ब्राह्मण थी उन्हें गलत तरह से दिखाया जा रहा है.

एक किताब के आधार पर हो रहा है ये सब...

सर्व ब्राह्मण महासभा के संस्थापक सुरेश मिश्रा का कहना है कि इस फिल्म में रानी के जीवन का कुछ हिस्सा एक किताब 'RANI' से लिया गया हैय ये किताब लंदन स्थित लेखक जयश्री मिश्रा ने लिखी थी. ये किताब उत्तर प्रदेश में बैन हो गई थी. इस किताब में रानी का एक अंग्रेजी अफसर रॉबर्ट एलीस (Robert Ellis) से प्रेम संबंध था ऐसी घटना का जिक्र है.

सुरेश मिश्रा का कहना है कि अगर कोई किताब पहले से ही बैन है तो उसका हिस्सा आखिर क्यों फिल्म में लिया जा रहा है.

करणी सेना की राह पर ब्राह्मण महासभा...

करणी सेना की राह पर अब ब्राह्मण महासभा ने भी ये कहा है कि वो इस फिल्म की शूटिंग राजस्थान में नहीं होने देंगे और साथ ही साथ शूटिंग को रोकने के लिए कुछ भी करेंगे.

मिश्रा का कहना है कि उन्होंने प्रोड्यूसर को एक खत लिखा था 9 जनवरी को, लेकिन लगभग एक महीने बाद भी इसका कोई जवाब नहीं आया है.

"झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई एक ब्राह्मण थीं और इसलिए संस्था और ब्राह्मण समाज के कुछ सवाल हैं इस फिल्म को लेकर. ये ब्राह्मण समुदाय की भावनाओं की रक्षा के लिए है." ये उस खत में लिखा गया था जिसे फिल्म के प्रोड्यूसर कमल जैन को भेजा गया है.

विरोध प्रदर्शन की शुरुआत....

सर्व ब्राह्मण महासभा का कहना है कि वो राजस्थान के होम मिनिस्टर गुलाब चंद कटारिया से मिलेंगे और ये बात करेंगे कि फिल्म के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर एक एफिडेविट दें जिसमें वो ये मानें कि फिल्म में कुछ भी विरोध करने लायक नहीं है और साथ ही उसकी कहानी भी शेयर करें. वर्ना उसका वही हाल होगा जो पद्मावत का हुआ था.

करणी सेना भी साथ?

पद्मावत के समय सर्व ब्राह्मण महासभा ने राजपूतों का समर्थन किया था और इसीलिए अब राजपूत भी ब्राह्मण महासभा का समर्थन करेंगे. करणी सेना के प्रेसिडेंट महिपाल मखराना ने कहा कि अगर मिश्रा जी इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं तो हम उनका समर्थन करेंगे. रानी लक्ष्मीबाई उनकी इज्जत थीं और हमारी भी हैं.

रानी लक्ष्मीबाई के बारे में एक सबसे अच्छी बात ये है कि वो इतिहास हैं और उनके बारे में जो कुछ भी है वो तथ्य है. रही किताब की बात तो कम से कम पद्मावत का हाल देखने के बाद फिल्मी दुनिया को ये समझ जाना चाहिए कि ऐसा कुछ भी दिखाना जिससे विरोध हो सके वो किसी के लिए भी सही नहीं है.

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