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Updated: 05 जुलाई, 2017 09:02 PM
नरेंद्र सैनी
नरेंद्र सैनी
  @narender.saini
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नवाजुद्दीन सिद्दीकी ऐसे कलाकार हैं, जब भी वे किसी फिल्म में आए हैं, उनके सामने वाला पानी कम ही रहा है. फिर चाहे वह 'किक' में सलमान खान को कॉम्प्लेक्स देने का मामला हो या फिर 'रईस' में बहुत ही मामूली रोल के साथ अपनी छाप छोड़ देना. ये तो रही बात सीनियर ऐक्टर्स की लेकिन नवाज युवा सितारों के साथ भी खूब काम कर रहे हैं, और जिसकी मिसाल 'बदलापुर' में वरुण धवन के साथ उनकी फिल्म थी. फिल्म हिट रही और इसका पूरा क्रेडिट रहा नवाज के नाम. उनकी ऐक्टिंग कमाल की थी, और पूरी फिल्म में वे छाए रहे.

nawazuddin siddiqui

इसके बाद विकी कौशल के साथ 'रमन राघव' में आए. फिल्म में अगर कोई था तो वह नवाज ही थे. विकी कौशल की वजह से फिल्म को झटका लगा, और नवाज को देखने गई जनता का मजा विकी को देखकर मजा किरकिरा हो गया. इन दोनों ही मामलों में वे स्टार किड के साथ थे. वरुण धवन के पिता डेविड धवन डायरेक्टर हैं तो विकी कौशल के पिता श्याम कौशल एक्शन डारेक्टर हैं.

अब वे एक और स्टार बच्चे के साथ आ रहे हैं, और ये टाइगर श्रॉफ हैं. शब्बीर खान की फिल्म मुन्ना माइकल में दोनों कलाकार नजर आएंगे. अभी तक नवाज का यह रिकॉर्ड रहा है कि वे जिसके साथ भी आए हैं, जनता ने उसको कम ही याद रखा है, जबकि पूरी महफिल नवाज ने ही लूटी है.

आइए जरा देखते हैं टाइगर श्रॉफ को नवाज की किन पाच चीजों से रहना चाहिए होशियार-

टैलेंट बनाम एक्सप्रेशनलेस स्टार

नवाज एकदम नेचुरल एक्टर हैं, और वह जिस रोल को करते हैं उसे बहुत ही शिद्दत के साथ उसमें उतरकर करते हैं. वह कैरेक्टर को जिंदा करने में यकीन करते हैं, जबकि हमारे स्टार कुमार को अभी ऐक्टिंग सीखना बाकी है. उनके चेहरे पर एक्सप्रेशंस का जबरदस्त अभाव रहता है.

tiger shroff, nawazuddin siddiqui

जबरदस्त डायलॉग डिलीवरी बनाम सपाट डायलॉगबाजी

नवाज की खासियत उनकी डायलॉग डिलीवरी है. डायलॉगबाजी उनकी ऐसी पसंदीदा पिच है, जिस पर वे अच्छे-अच्छों को पसीना निकाल देते हैं. फिर वे दशरथ मांझी हो या किक में सिर्फ मुंह से कॉक की आवाज निकालना. लेकिन स्टार कुमार टाइगर श्रॉफ की डायलॉगबाजी एकदम ठंडी किस्म की है. वे बिल्कुल सपाट लगती है, मजा तो कतई नहीं आता. मेहनत की सख्त दरकार है.

डांसर बनाम अनाड़ी डांसर

बेशक इस मोर्चे पर टाइगर श्रॉफ का पलड़ा भारी है लेकिन गैंग्स ऑफ वासेपुर का काला रे, नहीं भूला जाना चाहिए, जिसमें नवाज का स्वैग कमाल का था. मुन्ना माइकल में वे भाई बने हैं जिसे डांस सीखना है. प्रोमो इस बात को दिखा चुके हैं कि भाई का अनाड़ी डांस स्क्रीन पर गजब ढाने वाला है जबकि टाइगर श्रॉफ वही अपना चिर-परिचित हृतिक रोशननुमा एक्शन भरा डांस दिखा रहे हैं. लेकिन नजरें तो अनाड़ी पर ही टिकी हैं.

एक्टर बनाम स्टार

नवाज खालिस कलाकार हैं. स्टारडम उनको कहीं छूकर भी नहीं गया है. वे जितने सहज स्क्रीन पर नजर आते हैं, उतने ही सहज अपनी जिदंगी में भी हैं जबकि टाइगर श्रॉफ पूरी तरह से स्टार हैं, क्योंकि वे स्टार किड जो ठहरे. फिल्म प्रमोशन हो या किसी से मुलाकात उनकी पीआर टीम को इंतजार करवाने में मजा आता है, और इससे उनकी स्टार वैल्यू बनाने का मौका मिलता है. लेकिन कितने समय तक?  

tiger shroff

ट्रेलर में नवाज बनाम टाइगर

अगर हम दो मिनट के ट्रेलर के आधार पर दोनों की बात करें तो अभी तक बाजी नवाज ही ले गए हैं. हो सकता है नवाज से खतरा भांपकर मुन्ना माइकल के डायरेक्टर (शब्बीर खान जो टाइगर को लेकर हीरोपंती और बागी बना चुके हैं) ने टाइगर के लिए राह आसान बनाने को उनका रोल कुतर दिया हो लेकिन इतना तय है कि फिल्म का टाइटल कुछ भी हो, मजा महिंदर फौजी को देखकर ही आया.

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लेखक

नरेंद्र सैनी नरेंद्र सैनी @narender.saini

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सहायक संपादक हैं.

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