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Updated: 24 अप्रिल, 2022 10:37 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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शिवसेना भवन मातोश्री पर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान करने वाली सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. मुंबई पुलिस ने उनके लिए पुलिस हिरासत की मांग की थी, लेकिन बांद्रा कोर्ट ने उसे खारिज करते हुए राणा दंपति को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. इतना ही उनके खिलाफ राजद्रोह का केस भी दर्ज किया गया है. इस तरह से देखा जाए तो एक साधारण बयानबाजी का मामला बहुत बड़े बवाल में बदल चुका है, क्योंकि इस मामले में बीजेपी के शामिल होने के बाद कई जगह शिवसैनिकों ने हमले भी किए हैं. इसमें वरिष्ठ बीजेपी नेता किरीट सोमैया और मोहित कंबोज पर हमला हुआ है, जिसमें सोमैया को गंभीर चोट भी लगी है.

इस मामले की वजह से महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा रातों-रात सुर्खियों में आ गई हैं. इससे पहले बतौर राजनेता उनकी पहचान बहुत सीमित थी. लेकिन इस मामले की वजह से हर कोई उनके बारे में जानने के लिए उत्सुक है. ऐसे लोगों को जानकर हैरानी होगी कि नवनीत राणा पहले नवनीत कौर हुआ करती थीं. वो सियासत में आने से पहले सिनेमा में बहुत ज्यादा सक्रिय रही हैं. लेकिन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बजाए साउथ सिनेमा में उन्होंने बहुत लंबे समय तक काम किया है. तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम के साथ पंजाबी फिल्मों में ज्यादातर नजर आई हैं. मुंबई के एक पंजाबी परिवार में पैदा हुई नवनीत कौर ने 12वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी. इसके बाद वो मॉडलिंग में अपना करियर आजमाने लगीं. इसी दौरान उनको तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री से कुछ फिल्मों में एक्टिंग करने के ऑफिर मिलने लगे थे.

rana-650_042422085917.jpgमहाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जेल भेज दिया गया है.

नवनीत कौर ने कन्नड़ फिल्म 'दर्शन' के जरिए अपना फिल्मी डेब्यू किया, जो कि साल 2004 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में नवनीत के अपोजिट कन्नड सुपरस्टार दर्शन थुगुदीप थे. इस के बाद इसी साल रिलीज हुई फिल्म 'सीनू वसंती' के जरिए तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में भी डेब्यू किया था. इसके बाद साल 2005 में रिलीज हुई फिल्म 'चेतना: द एक्साइटमेंट' के जरिए हिंदी फिल्मों में भी डेब्यू किया, लेकिन ये उनकी पहली और आखिरी हिंदी फिल्म बनकर रह गई. इस बोल्ड मूवी में नवनीत के साथ अभिनेत्री पायल रोहतगी, जतिन ग्रेवाल और किरण कुमार भी थे. यह अपने बोल्ड कॉन्सेप्ट और सीन की वजह से बहुत ज्यादा चर्चा में रही थी. साल 2010 तक नवनीत कौर ने साउथ सिनेमा की करीब दो दर्जन से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, जिनमें ज्यादातर तेलुगू फिल्में हैं. तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री में उनकी साख बहुत ज्यादा है.

नवनीत कौर की फिल्मोग्राफी में 'जगपति' (2005), 'गुड बॉय' (2005), 'भूमा' (2008), 'जाबिलम्मा' (2008), 'टेरर' (2008), 'लव इन सिंगापुर' (2008), 'निर्णयम' (2010), 'कालचक्रम' (2010) जैसी तेलुगू फिल्मों का नाम प्रमुख है. इसमें फिल्म 'जाबिलम्मा' साल 2006 में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्म 'चमेली' का तेलुगू रीमेक है. फिल्म 'चमेली' में अभिनेत्री करीना कपूर लीड रोल में हैं. नवनीत ने इसके अलावा गुरप्रीत घुग्गी की पंजाबी फिल्म 'लड़ गया पेचा' और ईश अमीतोज कौर की फिल्म 'छेवन दरिया' में भी काम किया है. इतना ही नहीं 'हम्मा हम्मा' नामक जेमिनी टीवी रियलिटी शो में भी हिस्सा ले चुकी हैं. फिल्मों में काम करने के दौरान और आज भी वो फिटनेस के लिए योग किया करती है. इसी दौरान उनकी मुलाकात योगगुरु रामदेव से हुई. उनसे मिलने के बाद वो बहुत ज्यादा प्रभावित हुईं और उनके योग शिविर में आने-जाने लगीं.

स्वामी रामदेव के योग शिविर में किसान नेता रवि राणा भी आया करते थे. रवि किसान आंदोलन के जरिए उनकी भलाई का काम किया करते थे. यही वजह है कि महाराष्ट्र विधानसभा का निर्दल चुनाव लड़ने के बावजूद वो जीत जाया करते हैं. महाराष्ट्र के अमरावती जिले में उनको व्यापक जनसमर्थन प्राप्त है. लोग दलीय सीमा से परे जाकर राणा का समर्थन करते हैं. रामदेव के योग शिविर में ही नवनीत और रवि की पहली मुलाकात हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच दोस्ती हुई, जो धीरे-धीरे में प्रेम में बदल गई. इसके बाद कपल ने शादी करने का फैसला कर लिया. रवि चाहते थे कि शादी बहुत ही सादे समारोह में हो, जिसके लिए नवनीत भी तैयार हो गईं. 3 फरवरी 2011 को अमरावती में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 4000 से अधिक जोड़ों के बीच दोनों ने शादी रचा ली. हालांकि, इस कार्यक्रम में स्वामी रामदेव, महराष्ट्र के तत्कालीन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, सुब्रत रॉय और विवेक ओबेरॉय भी मौजूद थे. शादी के बाद नवनीत कौर राणा भी अपने पति के साथ समाज सेवा के साथ सियासत करने लगीं.

साल 2014 में हुए लोकसभा की चुनाव में अमरावती की सुरक्षित लोकसभा सीट से नवनीत कौर राणा ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उन्होंने निर्दल पर्चा दाखिल किया, लेकिन एनसीपी और कांग्रेस ने अपना समर्थन दे दिया. इस चुनाव में उनको हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने समाज सेवा का काम जारी रखा. लोगों की मदद के लिए अपने पति के साथ दिन-रात लगी रहीं. इसके बाद साल 2019 के चुनाव में शिवसेना के सांसद आनंदराव अडसूल को हराकर जीत हासिल कर लिया. लोकसभा का ये चुनाव भी उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से निर्दली ही जीता है. इस वक्त वो अमरावती लोकसभा सीट से सांसद हैं, जबकि उनके पति रवि राणा अमरावती की बडनेरा विधानसभा सीट से तीसरी बार विधायक हैं. दोनों पति-पत्नी अपने बागी तेवर के लिए जाने जाते हैं. उनकी क्षेत्र की जनता उनके काम से बहुत प्रभावित रहती है.

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लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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