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Updated: 27 फरवरी, 2023 06:09 PM
मुकेश कुमार गजेंद्र
मुकेश कुमार गजेंद्र
  @mukesh.k.gajendra
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बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह अपनी बेहतरीन अदाकारी के साथ बेबाक और विवादित बयानों के लिए भी जाने जाते हैं. वो इन दिनों अपनी वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' का प्रमोशन करने में जुटे हैं, जो कि 3 मार्च से ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम की जाएगी. इस वेब सीरीज की कहानी मुगल शासन काल में स्थापित है. इसमें मुगल शासक अकबर के शासनकाल का उल्लेख किया गया है, जिसकी भूमिका नसीरुद्दीन शाह ने निभाई है. यही वजह है कि वो मुगलों के शासन की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि मुगलों बदनाम करने की भी जरूरत नहीं है. भले ही उनका महिमामंडन न किया जाए, लेकिन कम से कम उनकी बुराई भी मत की जाए. क्योंकि मुगल तैमूर और नादिर शाह की तरह आक्रमणकारी नहीं थे. वे भारत को अपना घर बनाने आए थे. यदि मुगल इतने ही गलत हैं तो उनके बनाए ताजमहल, लाल किला और कुतुब मीनार को क्यों नहीं गिरा दिया गया.

नसीरुद्दीन शाह ने मुगलों को आक्रमणकारी बताए जाने पर हैरानी जताते हुए इसे गलत बताया है. उनका मानना है कि मुगल भारत में लूटपाट करने नहीं आए थे. उनकी वजह से कई मामलों में तरक्की हुई. उन्होंने भारत को अपना घर बनाया. उनको योगदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए. नसीर कहते हैं, ''मुझे यह हैरान करता है, क्योंकि यह बहुत ही हास्यास्पद है. मेरा मतलब है, लोग अकबर और नादिर शाह या बाबर के परदादा तैमूर जैसे आक्रमणकारी के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं. ये वो लोग थे जो यहां लूट करने आए थे, लेकिन मुगल यहां लूट करने नहीं आए थे. वे इसे अपना घर बनाने के लिए यहां आए थे और उन्होंने यही किया. उनके योगदान को कौन नकार सकता है? लोग जो कह रहे हैं वह कुछ हद तक सही है, कि मुगलों को हमारी अपनी स्वदेशी परंपराओं की कीमत पर महिमामंडित किया गया है. शायद यह सच है, लेकिन उन्हें खलनायक बनाने की भी जरूरत नहीं है.''

650x400_022623111219.jpgवेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' 3 मार्च से ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर स्ट्रीम की जाएगी.

नसीरुद्दीन शाह आगे कहते हैं, ''यदि मुगलों ने कुछ भी गलत किया है तो ताजमहल को गिरा दो, लाल किले को गिरा दो, कुतुब मीनार को गिरा दो. लाल किले को हम पवित्र क्यों मानते हैं, इसे एक मुगल ने बनवाया था. हमें उनका महिमामंडन करने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन्हें बदनाम करने की भी जरूरत नहीं है.'' यहां मुगलों के प्रति नसीर की हमदर्दी और सहानुभूति की वजह भले ही कुछ भी हो, लेकिन इतिहास गवाह है कि मुगल साम्राज्य की स्थापना करने वाला बाबर काबूल से धर्म का काम करने हिंदुस्तान नहीं आया था. वो लूटने के मकसद से ही पांच बार के प्रयास के बाद भारत में दाखिल हुआ था. 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम वंश (लोदी वंश) के सुल्तान इब्राहीम लोदी की पराजय के साथ ही भारत में मुग़ल वंश की स्थापना हो गई. पानीपत के युद्ध में लूटे गए धन को बाबर ने अपने सैनिकों, नौकरों और सगे संबंधियों में बांट दिया था.

उसने अपने सबसे बड़े बेटे हुमायूं को वो कोहिनूर हीरा दिया था, जिसे ग्वालियर नरेश राजा विक्रमजीत से छीना गया था. इस हीरे की क़ीमत के बारे में यह माना जाता है कि इसके मूल्य द्वारा पूरे संसार का आधे दिन का ख़र्च पूरा किया जा सकता था. इतना ही नहीं उसे भारत इतना धन लूटा था कि उससे पूरा काबुल मालामाल हो गया था. इसके बाद उसने हिंदुस्तान में मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी, जिसकी राजधानी आगरा में बनाई गई थी. उसके पौत्र औरंगजेब ने भारत पर 1658 से 1707 तक राज किया था. उसके शासन में भारत में 1000 हिंदू मंदिरों को तोड़ा गया था. कई मंदिर ऐसे थे, जिन्हें तोड़कर वहां मस्जिद बनवाई गई थी. साल 1669 में औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया. मंदिर को ध्वस्त कर यहां ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई. मंदिर के अवशेष आज भी नींव, खंभों और मस्जिद के पीछे वाले हिस्से में देखे जा सकते हैं.

ऐसे आक्रांताओं को नसीर महान बता रहे हैं, जिनके शासन काल में जबरन धर्म परिवर्तन कराए गए. हिंदूओं को मुस्लिम बनाया गया. उनकी बहू-बेटियों के साथ गलत काम किया गया. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर लोग नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ लिख रहे हैं. ट्विटर पर एक यूजर हरनाथ सिंह यादव ने लिखा है, ''प्रिय नसीरुद्दीन शाह जी, ताजमहल और लालकिला भारत की माटी से बने हैं. भारतीयों के खून पसीने से बने हैं. उनके निर्माण में भारतीयों की तकनीक और कौशल है. मुगलों के बाप का उनमें कुछ भी नहीं है. मुगल आपके लिए महान हो सकते हैं. भारत के लिये वह आक्रांता थे, आक्रांता हैं और आक्रांता ही रहेंगे.'' विष्णू सिंह लिखते हैं, ''नसीरुद्दीन शाह मुगलों के लिए आपका प्रेम क्यों हैं, क्या आप भी उनमें से एक हैं? ऐसा लगता है कि आप हर चीज को धर्म के चश्मे से देखते हैं. आप लुटेरों का समर्थन केवल इसलिए कर रहे हैं क्योंकि मुस्लिम भाईचारा है.''

बताते चलें कि वेब सीरीज 'ताज डिवाइडेड बाय ब्लड' में नसीरुद्दीन शाह के अलावा धर्मेंद्र, अदिति राव हैदरी, आशिमा गुलाटी, ताहा शाह, संध्या मृदुल और शुभम कुमार मेहरा भी अहम भूमिका निभाते नजर आएंगे. इस वेब सीरीज के जरिए दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र अपना ओटीटी डेब्यू करने जा रहे हैं. उनको शेख सलीम चिश्ती के किरदार में देखा जा सकता है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपने किरदार की एक झलक साझा की थी. उन्होंने अपना लुक शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था, ''दोस्तों, मैं शेख सलीम चिश्ती का किरदार निभा रहा हूं, जो कि एक सूफी संत थे. सीरीज में मेरा रोल बेहद छोटा है, लेकिन वो इंपॉर्टेंट है. इस किरदार के लिए मुझे आप सभी की शुभकामनाएं चाहिए.'' 14 फरवरी को मुंबई में हुए एक बड़े इवेंट में इस वेब सीरीज का ऐलान किया था. जहां सीरीज के सभी कलाकार मौजूद थे. इसका ट्रेलर भी रिलीज किया जा चुका है, जो कि काफी दिलचस्प है.

लेखक

मुकेश कुमार गजेंद्र मुकेश कुमार गजेंद्र @mukesh.k.gajendra

लेखक इंडिया टुडे ग्रुप में सीनियर असिस्टेंट एडिटर हैं.

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