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Updated: 23 अगस्त, 2018 07:53 PM
पारुल चंद्रा
पारुल चंद्रा
  @parulchandraa
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तवायफों या वेश्याओं का फिल्मों में होना नया नहीं है. बल्कि कोठे और मुजरे तो हमारी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं. उसके बाद वेश्याओं की जिंदगी पर फिल्में आईं, जिससे दर्शकों ने उनकी दुनिया को करीब से जाना. अब ये विषय उतना दिलचस्प नहीं रहा, लेकिन हम आज भी हिल जाते हैं जब क्राइम पेट्रोल जैसे सीरियल में किसी मासूम को वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसता देखते हैं.

14 सितंबर 2018 को एक फिल्म रिलीज हो रही है- 'Love Sonia'. लड़कियों की तस्करी पर आधारित. और इसके निर्देशक हैं तबरेज नूरानी और निर्माता डेविड वूमार्क जिन्होंने 'Life Of Pie' भी बनाई थी. 2 मिनट 42 सेकंड के इस ट्रेलर को देखने के बाद आप शायद निशब्द हो जाएंगे. दिल की धड़कनें बढ़ेंगी, साथ ही एक सच से भी सामना होगा कि मानव तस्करी हमारे देश की कितनी बड़ी समस्या है. वो दलदल है जिससे निकलना शायद ही किसी के लिए संभव हो.

फिल्म आंखें खोल देने वाली है, क्योंकि...

ये फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है. दिलचस्पी और बढ़ जाती है जब हम इस फिल्म के किरदारों को देखते हैं. एक एक किरदार ऐसा है जिसके अभिनय ने आपके दिल को कभी न कभी छुआ जरूर होगा. राजकुमार राव के अभिनय को देखना तो दर्शकों के लिए किसी ट्रीट के कम नहीं होता. वहीं मंझे हुए कलाकार हैं अनुपम खेर और मनोज वाजपेयी. ऋचा चड्ढा भी हमेशा की तरह बिंदास दिखाई दे रही हैं. और आदिल हुसैन भी बेहद प्रभावशाली काम करते हैं.

love soniaदमदार किरदार

इतना ही नहीं इस बॉलीवुड फिल्म में हॉलीवुड का भी तड़का लगाया गया है. फ्रीडा पिंटो, मार्क डूप्लास के साथ-साथ डेमी मूर भी दिखाई दे रही हैं. और मेन ली़ड में मृणाल ठाकुर हैं जिन्हें आपने अब से पहले टीवी सीरियल्स में देखा था. वही हैं इस फिल्म की सोनिया.

कहानी कुछ यूं है- एक गरीब पिता कुछ पैसों के लिए अपनी बेटी प्रीती को बेच देता है. जो वेश्याओं, दलालों से होते हुए देह व्यापार में धकेल दी जाती है. मृणाल ठाकुर यानी सोनिया अपनी बहन को ढूंढने का फैसला करती है, खुद इस दलदल में उतरती है और दर्शकों के सामने देह व्यापार के इस बड़े बाजार पर पड़े सारे पर्दे हटाती है. देह व्यापार क्या है, कहां तक फैला है, इसमें फंसने वालों काे क्या-क्या झेलना पड़ता है.

love sonia'लव सोनिया' एक प्रबावशाली फिल्म

देखिए ट्रेलर-

लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि इस फिल्‍म में रोमांचक होने के लिए बस इतना ही है, तो रुकिए. ऐसा बहुत कुछ है जिसके लिए आपको ये फिल्म देखनी चाहिए-

सबसे पहले तो इस बात के लिए जो ट्रेलर में बताई गई है कि भारत में 270 लड़कियां और महिलाएं हर रोज लापता हो जाती हैं.

love soniaभारत में 270 लड़कियां और महिलाएं हर रोज लापता हो जाती हैं

वो बातें जो ट्रेलर में नहीं बताई गईं-

ट्रेलर ने ये तो बता दिया कि भारत में 270 लड़कियां और महिलाएं हर रोज लापता हो जाती हैं. लेकिन वो भी जान लीजिए जो ट्रेलर में नहीं बताया गया. उनके बारे में जानना आज हर किसी के लिए जरूरी है. क्योंकि सोनिया और प्रीति तो भारत के हर घर में होती हैं.

* देश की राजधानी दिल्ली में हर रोज 10 महिलाओं का अपहरण किया जाता है. यानी हर दो घंटे में एक महिला.

* इसी साल 15 जून तक दिल्ली से 1802 महिलाओं का अपहरण किया जा चुका है.

* NCRB के आंकड़े बताते हैं कि 2016 में भारत में 66,525 महिलाओं का अपहरण किया गया.

* इनमें करीब आधे मामले यानी 33,855 लड़कियों को शादी के कारण अगवा किया गया. लेकिन बाकी करीब 33 हजार लड़कियों को किस लिए अगवा किया गया, यह रहस्‍य है.

* अपहरण के ये मामले सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश से हैं (15,898), उसके बाद महाराष्ट्र से (9,333) और फिर बिहार (7,324).

* अपहरण के मामलों में ज्यादातर में सफलता नहीं मिलती. वही मामले सफल हो पाते हैं जिनमें फिरौती मांगी जाती है. और फिरौती के लिए अपहरण के केवल 10-12% मामले ही होते हैं. बाकी 88-90% मामलों को मानव तस्करी से जोड़ सकते हैं.

* मानव तस्करी सबसे ज्यादा महिलाओं की की जाती है जो करीब 66% है.

* दुनिया भर में दवाओं और हथियारों के व्यापार के बाद तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है मानव तस्करी.

लोकसभा ने मानव तस्करी रोकने तथा पीड़ितों के पुनर्वास संबंधी मानव तस्करी (निवारण, संरक्षण और पुनर्वास) विधेयक 2018 को पारित कर दिया है. इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद भारत दक्षिण एशिया के उन गिने-चुने देशों में शामिल हो जायेगा जिनमें व्यक्तियों – विशेषकर महिलाओं और बच्चों की तस्करी तथा उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गये हैं. इस विधेयक में तस्करी के शिकार हुए लोगों के लिए राहत तथा पुनर्वास की बात भी की गयी है, फिलहाल इसके लिए 10 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. लेकिन इस बिल को लेकर कई खामियां भी हैं जैसे पीड़ितों के साथ अपराधी की तरह व्यवहार किया जाता है. कई लोग बाहर हैं, जिनके पास पासपोर्ट नहीं हैं, वो वहां अपराधी हैं. उन लोगों पर ये बिल लागू नहीं होता. इस तरह की खामियां अब भी हैं जो इस टीस से जूझ रहे लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं.

बहरहाल ये फिल्म 14 सितंबर को रिलीज़ हो रही है. फिल्म में जहां एक तरफ कलाकार अपने अभिनय से प्रभावित करते नजर आ रहे हैं, वहीं ये अहम मुद्दा लोगों को हिलाने के लिए तैयार है.

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लेखक

पारुल चंद्रा पारुल चंद्रा @parulchandraa

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं

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