कंगना रनौत: क्या करूं मैं इतनी टैलेंटेड हूं तो...!
क्या कंगना रनौत (Kangna ranaut) के पास तारीफ करने वालों की कमी हो गई है? जो खुद की तारीफ खुद ही किए जा रही हैं. माना कि Valentine Week चल रहा है लेकिन हाजमें की एक गोली तो बनती है.
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क्या कंगना रनौत (Kangna Ranaut) के पास तारीफ करने वालों की कमी हो गई है? जो खुद की तारीफ खुद ही किए जा रही हैं. मतलब इतना खुद से कोई कैसे प्यार कर सकता है कि इंसान अंधा हो जाए. माना कि वैलेंटाइन वीक (Velentine Week) चल रहा है लेकिन कोई अपनी इतनी तारीफ वो भी सोशल मीडिया पर...अब जब बात हाजमें से बाहर निकल ही गई है तो हाजमोला की एक गोली तो बनती है.
आपको जब वी मेट की 'गीत' तो याद ही होगी. इस फिल्म में गीत ने एक फेमस लाइन बोली थी, मैं मेरी फेवरेट हूं. चलो जी ठीक है हो सकता है, इसमें कोई भसड़ वाली गल नहीं है, लेकिन जिस तरह कंगना खुद को दुनिया की सबसे बेहतर एक्ट्रेस बता रही हैं यह बात तो सर से उपर चली गई. खुद को बेहतर बताना हम मान भी लें, लेकिन दूसरों के साथ तुलना और उनको नीचा दिखना की क्या जरूरत पड़ी.
कंगना ने अपनी तारीफ में कहा टॉम क्रूज से अच्छा एक्शन करती हूं
आपको खुद पर यह विश्वास होना चाहिए कि आप बेहतर है. इसके लिए किसी को टारगेट करके पूरी दुनिया के सामने ढिढोरा पीटने की जरूरत क्या है. आप एक्टिंग करो और तारीफ की जिम्मेदारी आपकी फिल्म देखने वाले दर्शकों पर छोड़ दो. वे खुद ही बता देंगे कि उनको सबसे ज्यादा अच्छी एक्टिंग किसकी लगती है.
एक दोस्त ने तो बोल ही दिया ये कंगना चाहती क्या है? बस कुछ भी करके सुर्खियों में बने रहना? कभी-कभी तो लगता है कि जब राजनीति में इतनी रूचि है तो फिल्म छोड़कर नेता ही बन जाना चाहिए. मसला जो भी हो कंगना चर्चा में बने रहने का मौका नहीं छोड़तीं. एक जानने वाली ने कहा कभी मैं भी कंगना की फैन हुआ करती थी लेकिन अब ये एक्ट्रेस छोड़कर बाकी सब हैं.
एक होता है उत्साह और एक होता है अतिउत्साह. एक होता है सेल्फ लव और एक होता सेल्फ ऑबसेस्ड. एक होता है कॉफिडेंस और एक होता है ओवर कॉफिडेंस. इन बातों के मतलब में बहुत बारीक अंतर होता है. जो इस अंतर को समझ जाता है वह अपनी लाइफ में आगे बढ़ता जाता है. बस कंगना यहीं आकर मात खा गईं.
खुद से प्यार करना अच्छी बात है. सेल्फ लव और सेल्फ केयर हर किसी को करना चाहिए, लेकिन ऐसा भी ना हो कि खुद के सामने आपको कोई नजर ही न आए. घंमड करने में और गर्व महसूस करने मेें वहीं अंतर होता है जो सफलता और असफलता में होता है. दरअसल, कंगना ने खुद को ऑस्कर विजेता मेरिल स्ट्रीप से कंप्येर किया था. वहीं एक्ट्रेस ने एक दूसरे ट्वीट में कहा कि एक्शन के मामले में वे टॉम क्रूज से भी आगे निकल गईं हैं.
मेरिल स्ट्रीप के बाद अब कंगना की नजर एक्टर टॉम क्रूज पर जा टिकी. एक्ट्रेस को लगने लगा है कि एक्शन के मामले में वे टॉम क्रूज से भी आगे निकल गई हैं. इसके बाद लोगों ने कंगना की खिंचाई शुरू कर दी. दरअसल, कंगना ने अपने एक ट्वीट में लिखा कि ‘बहुत परेशान हैं ये लिब्रस, ये देखो इतने बड़े डायरेक्टर कह रहे हैं कि मैं टॉम क्रूज से भी अच्छा एक्शन करती हूं. कितने बेचारे हैं ये लिब्रस. बस फिर क्या कंगना का ये ट्वीट तेजी से वायरल हो गया.
वहीं इससे पहले कंगना ने मेरिल स्ट्रीप को सीधा चैलेंज देते हुए कहा था कि, ऑस्कर विजेता मेरिल स्ट्रीप उनके किरदारों को नहीं निभा सकतीं. कंगना के ट्वीट पर भले ही मेरिल और टॉम क्रूज ने रिएक्ट नहीं किया, लेकिन लोग इसे नहीं पचा सके. लोगों ने कंगना से कहा कि भगवान से डरो और सोशल मीडिया से कुछ समय के लिए ब्रेक ले लो.
वहीं एक्ट्रेस का कहना है कि अपने आत्मसम्मान और खुद की वैल्यू जानने का यह सही समय है. हमने कब कहा कि अपना आत्मसम्मान नहीं करना चाहिए या फिर अपनी वैल्यू नहीं करनी चाहिए. लेकिन क्या लोगों को इस बात के लिए मजबूर किया जा सकता है कि वे हमें सबसे बेस्ट समझें. क्या इस बात के लिए किसी पर दबाव बनाया जा सकता है कि वह हमें सबसे ज्यादा वैल्यू दे.
इतना समझ तो हमारी गांव में रहने वाली बबलू की दुलहिन को भी पता है कि, तारीफ दूसरों के मुंह से ही अच्छी लागत है. अपने मुंह मिट्ठू बनने से का फायदा. जब सब कहत हैं कि बबलू की दुल्हन सुंदर है तो हमें भी अच्छा लागत है. अब हम अपने मुंह से कहें कि हम बड़ी सुंदर हैं तो का सुनत में ही अच्छा लागत, ना ही ना? जे बात कंगना को कौन बताए कि बिटिया सब ठीक है लेकिन जो खुद ही आपन नाम के गाना गाए का का जरूरत है?
अब यह बात कंगना को भी समझ जाना चाहिए कि खुद को उंचा दिखाने के लिए दूसरों को नीचा दिखाने की जरूरत नहीं होती. यह ना तो कोई मुद्दा है और ना ही नारीवाद. प्यार का सप्ताह है तो प्यार से मनाइए. या फिर ऐसा करने के पीछे आपका मकसद कुछ है?

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