YRF OTT platform: वर्ल्डक्लास प्लेटफॉर्म बनाएंगे या कचरे का एक और ढेर?
इंडियन ओटीटी स्पेस में कई सारे देसी प्लेटफॉर्म हैं. अब इसमें यशराज फिल्म्स भी शामिल होने जा रहा है. चर्चा है कि डिजिटल वेंचर के लिए आदित्य चोपड़ा ने 500 करोड़ रुपये निवेश करने का प्लान तैयार किया है.
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भारत में कई दर्जन ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म पहले से हैं. इसमें बहुत सारे देसी प्लेटफॉर्म हैं. संख्या के लिहाज से उनकी गिनती करना भी भारी काम नजर आता है. इस संख्या में एक और नाम भीड़ से कुछ अलग करने के बहाने शामिल होने के लिए तैयार है. यशराज फिल्म्स. यह बॉलीवुड में फिल्म निर्माण का वह बैनर है जिसने कई उल्लेखनीय फ़िल्में बनाई हैं. यशराज, मनोरंजन का डिजिटल प्लेटफॉर्म लाने के लिए पिछले दो साल से काम कर रहा था. OTT के लिए 500 करोड़ रुपये निवेश की योजना बनी है. रिपोर्ट्स की मानें तो डिजिटल आर्म YRF एंटरटेनमेंट के नाम से आएगा. उनकी कोशिश है OTT पर वर्ल्डक्लास, श्रेष्ठ और नया भारतीय कंटेंट लाने की.
यशराज फिल्म्स के पास फिल्मों के निर्माण का 50 साल का अनुभव है. बॉलीवुड की कई भव्य रोमांटिक कहानियां यशराज के बैनर से ही निकली हैं. पिछले कुछ दशकों में आदित्य चोपड़ा के नेतृत्व में यशराज फिल्म्स ने फिल्म निर्माण की दिशा में काफी कुछ किया है और परम्परागत फिल्मों के साथ ही नए कंटेंट पर ध्यान देना शुरू किया. बैनर ने पिछले दो दशकों में छोटे-छोटे बजट की भी कई फ़िल्में बनाई हैं और इनके जरिए नए लोगों को मौके दिए. नायिका प्रधान कहानियों पर काम किया.
यशराज अपने 50 साल के इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक ड्रामा पर भी फिल्म लेकर आ रहा है. अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका से सजी पृथ्वीराज बनकर तैयार है. फिल्म का भव्य टीजर रिलीज हो चुका है. सम्राट पृथ्वीराज की भव्य कहानी अगले साल गणतंत्र दिवस से पहले 21 जनवरी को रिलीज की जाएगी. फिल्मों में विविधता, डिजिटल के रूप में नया वेंचर शुरू करने की कोशिशों से यह तो साफ़ समझा जा सकता है कि यशराज फिल्म्स की योजनाएं विस्तृत और आक्रामक हैं. मगर सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि 500 करोड़ रुपये का निवेश कर ओटीटी स्पेस में YRF क्या तोप मार लेगा?
मानुषी छिल्लर अक्षय कुमार की पृथ्वीराज के जरिए बॉलीवुड डेब्यू करने जा रही हैं. (फोटो: YRF की पृथ्वीराज का स्क्रीनग्रैब.)
वह भी उस स्थिति में जब तमाम बड़े-बड़े देसी प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतर ही नहीं पा रहे हैं. जमे-जमाए की प्लेयर्स से मुकाबला तो छोडिए उनके आसपास भी नजर नहीं आते. कुछ हद तक जी5 को छोड़ दें तो ज्यादातर के पास बढ़िया कंटेट और रणनीति का अभाव साफ़ दिखता है. जी5, आल्ट बालाजी, जियो सिनेमा, एयरटेल एक्सट्रीम, टीवीएफ़ प्ले, सन एनएक्सटी , एम्एक्सप्लेयर से लेकर तमाम देसी OTT प्लेटफॉर्म टीवी और फिल्म उद्योग के कचरे का ढेर ही नजर आते हैं. जबकि ज्यादातर प्लेटफॉर्म या तो फ्री हैं या उनकी सब्सक्रिस्पशन फीस बहुत कम है. बावजूद कंटेंट की गुणवत्ता खराब होने की वजह से देसी प्लेटफॉर्म दर्शकों को प्रभावित करने में नाकाम साबित हो रहे हैं. जबकि रीच की बात करें तो कम से कम जियो और एयरटेल को सबसे आगे रहना था.
अगर ओटीटी दर्शकों से किसी देसी प्लेटफॉर्म्स के श्रेष्ठ कंटेंट के बारे में पूछा जाए तो उनके पास बताने के लिए शायद ही दो-तीन से ज्यादा शोज या फिल्मों के उदाहरण याद आए. यानी एक बात साफ़ है. कंटेंट के मामले में कोई भी देसी प्लेटफॉर्म- नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो या फिर डिजनी प्लस हॉटस्टार से मुकाबला नहीं कर पाया. यह दिखता भी कि ज्यादातर देसी प्लेटफॉर्म ओटीटी के लिहाज से कंटेंट देने की बजाय भड़कीला और सस्ता टीवी कंटेंट ही परोसते नजर आ रहे हैं. एक्सक्लूसिव के नाम पर जी5 ने कुछ फ़िल्में रिलीज की हैं, मगर सलमान खान की राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई से लेकर तापसी पन्नू की रश्मि रॉकेट तक उनका हश्र देख लीजिए. कई शोज की गुणवत्ता साफ़ सबूत है कि प्लेटफॉर्म्स ने सिर्फ क्वान्टिटी बढ़ाने के लिए दर्शकों के सामने कंटेंट परोस दिया. जियो सिनेमा जैसे प्लेटफॉर्म कंटेंट के लिए "पार्टनशिप प्रोग्राम" में दिखते हैं. यह स्थितियां तो यही बताती हैं कि डिजिटल को गंभीरता से लिया ही नहीं या फिर आपके पास सिर्फ प्लेटफॉर्म है. उसके लिए कोई ठोस योजना नहीं.
ऐसे माहौल में स्वाभाविक है कि यशराज की योजनाओं की कामयाबी को लेकर संदेह पैदा हो. आखिर 500 करोड़ में यशराज फिल्म्स डिजिटल के लिए क्या लेकर आएगा? क्या एक और देसी प्लेटफॉर्म पर बॉलीवुड और टीवी के कचरे का डंफ दिखेगा या वाकई ओटीटी स्पेस में कुछ नया कर गुजरने का मास्टरप्लान उनके हाथ में है? वैसे फिल्म निर्माण में उन्होंने कई मानक स्थापित किए हैं. हम तो यही उम्मीद करेंगे कि YRF का प्लेटफॉर्म ओटीटी स्पेस में एकता कपूर के ऑल्ट बालाजी वाले हश्र का शिकार ना हो और एमएक्सप्लेयर की तरह सस्ते कंटेंट का अड्डा ना बन जाए. बल्कि यहां भी एक बेंचमार्क बनाए.
क्योंकि भारतीय ओटीटी बाजार में जिनकी बादशाहत है वो किसी मामले में कमजोर नहीं. उनके आसपास आ जाना भी उन्हें हरा देना होगा.

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