New

होम -> सिनेमा

 |  4-मिनट में पढ़ें  |  
Updated: 23 नवम्बर, 2020 07:49 PM
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर'
  @siddhartarora2812
  • Total Shares

नशा करने की शुरुआत उत्सुकता में होती है. छोटे बच्चे अख़बार के कागज़ का रोल बनाकर उसे जलाकर खींचने लगते हैं. फिर 6 में से 4 वहीं खांसकर किनारे हो जाते हैं, बचे दो अपने बाप की बची सिगरेट के टुर्रे खींचने लगते हैं. ऐशट्रे से माल गायब होने लगता है. इन दो में कोई एक पकड़ा जाए तो चप्पल से पिटता है और आइन्दा के लिए तौबा कर लेता है. जो बचा है, वो धीरे-धीरे कहीं दूर से ख़ुद की सिगरेट ख़रीदने लगता है. फिर कॉलेज आ जाए तो कुछ भले दोस्त 'अबे बियर पी ले, बियर शराब नहीं होती' कहकर ड्रिंक की आदत डाल देते हैं. फिर समझ आने लगता है कि सिगरेट पीने पर जहां 10% लाइट फील होता है वहीं शराब पियो तो 40% रिलेक्स हो जाते हैं. ज़्यादा पी लो तो 50-55% तक खोपड़ी गर्दन से अलग उतर जाती है.

अब इस उम्र तक ये भ्रांति स्थापित हो जाती है कि नशा करने से मूड लाइट हो जाता है, स्ट्रेस ख़त्म हो जाता है. हकीकतन स्ट्रेस न ख़त्म होता है न कम होता है, ये बस टल जाता है. अब इसको टालते रहने की आदत लग जाती है. मगर, रंगमंच से जुड़े लोग, फिल्मी कलाकार क्यों नशा करते हैं? इनके पास तो बहुत पैसा है? इन्हें किस बात की टेंशन?

Drugs, Bollywood, Film Industry, Intoxication, Kapil Sharmaअभी बीते दिन ही भारती सिंह और उनके पति हर्ष के घर से ड्रग्स बरामद की गई है

फ़र्ज़ करिए आपका मूड किसी बात से उखड़ा हुआ है पर आप एक एक्टर हैं, आप सेट पर पहुंचते हैं और आपको बताते हैं कि आज आपको कॉमेडी सीन शूट करना है. अब आप यूं तो एक्टिंग करते ही, लेकिन अब अपने वास्तविक भावों से विपरीत जाकर आपको कला दिखानी होगी. ये सिलसिला जब सालों चलने लगता है तो इमोशन्स की ऐसी लस्सी बन जाती है कि आपका वाकई क्या मन है, कैसा मूड है ये आपको ख़ुद भी नहीं पता चलता. आप ऑफ कैमरा भी सामने वाले की हैसियत को देखकर एक्टिंग ही करते रहते हो.

तिसपर इसमें बहता बेहिसाब पैसा है. जब आपके पास 10 रुपये हों और जीवनयापन के ख़र्चे 12 रुपये हों तो आप या तो नशा छोड़ देंगे या निम्नता पर ले जायेंगे पर यहां ख़र्च 100 रुपये के हैं और आमदनी 10 हज़ार है. कोई पूछे कि फिल्मस्टार्स इतना ड्रग्स क्यों लेते हैं जो जवाब है क्योंकि वो ख़रीद सकते हैं. अफॉर्ड कर सकते हैं. फिर गांजा तो आम छोटे से स्टूडियो में बैठी डायरेक्टर राइटर की जोड़ी भी रात में प्रोड्यूसर को गालियां बकते हुए खींच लेती है.

ये लोग तो लाखों में कमा रहे हैं. रात रात शूटिंग हो रही है, दिन में इंटव्यू कर रहे हैं, नींद आये कैसे? कब आये नींद? कपिल शर्मा ख़ुद गर्व से कहते हैं कि मैं सुबह पांच बजे सोता हूं. इसमें प्राउड वाली क्या बात है समझ नहीं आता.

देर से सोना या सोना ही नहीं, अत्यधिक पैसे का होना, आपके सराउंडिंग एक जाल का बिछा होना जो जानता है कि आप ही चरस, स्मैक, कोकीन वगैरह अब अफॉर्ड कर सकते हो; आपको कोई धक्का देता है तो दूसरा खींचता है कि आओ, मज़ा इधर है, सेट की सारी थकान यहां निकाल दो, इतना पैसा है क्या करोगे? यहां ख़र्च करो.

अक्ल पर पर्दा डाले कलाकार ये समझ ही नहीं पाते कि पैसा नहीं ख़र्च हो रहा, ख़ुद ख़र्च हो रहे हैं. मुकेश खन्ना ने एक बार बताया था कि उन्होंने सिर्फ इसलिए एक फिल्म छोड़ दी क्योंकि उसका प्रोड्यूसर चाहता था कि वो रात में उसके साथ बैठकर शराब पियें.

ये मॉरल्स तब भी कुछ ही कलाकारों के हुआ करते थे, आज भी कुछ के ही हैं, बाकी कोम्प्रोमाईज़ करते हैं या ख़ुद को बहाना देते हैं कि हमारा तो मन नहीं था लेकिन क्या करें, इंडस्ट्री ही ऐसी है.

सुशांत कैसे गए, क्या कारण हुए इसपर से तो शायद ही कभी पर्दा उठ पाए, लेकिन इंडस्ट्री की सेंटर टेबल पर पड़ी चादर अब ज़रूर उठ रही है और इस टेबल ड्रग्स के सिवा कुछ भी फैला नहीं दिख रहा.

ख़ैर, ड्रग्स की बात दूर, आप ईमानदारी से बताओ कि आप कौन-कौन से नशे रेगुलर करते हो? जिन्हें कभी सोनू के टीटू की शादी में राजू ने पिला दी, उनसे सवाल ही नहीं है.

ये भी पढ़ें -

टीना डाबी-अतहर खान की शादी से नाखुश लोग तलाक की खबर जमकर प्रसारित कर रहे हैं

पूजा दीदी के विज्ञापन में छुपा है विश्वगुरु बनने का नुस्खा...

अनवर का अजब किस्सा फिल्म: नवाजुद्दीन और पंकज त्रिपाठी देर आए, दुरुस्त आए

लेखक

सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर' सिद्धार्थ अरोड़ा 'सहर' @siddhartarora2812

लेखक पुस्तकों और फिल्मों की समीक्षा करते हैं और इन्हें समसामयिक विषयों पर लिखना भी पसंद है.

iChowk का खास कंटेंट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक करें.

आपकी राय