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Updated: 04 जून, 2020 09:39 PM
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अनुराग कश्यप (Anurag kashyap)... एक ऐसा नाम, जिसने मेन्टॉर, दोस्त, एक्टर, राइटर, प्रड्यूसर और डायरेक्टर के रूप में क्रिएटिव लोगों की एक पूरी फौज खड़ी की है, जिसके नुमाइंदे आज न केवल हिंदी समेत अन्य भाषाओं की सिनेमा में कुछ अलग और अच्छा कर रहे हैं, बल्कि दर्शकों का तरह-तरह से मनोरंजन भी कर रहे हैं. अनुराग कश्यप एक बार फिर नेटफ्लिक्स (Netflix) पर सिनेमाई जादू का एक और नमूना लेकर आ रहे हैं, जिसका नाम है ‘चॉक्ड: पैसा बोलता है’ (Choked: paisa bolta hai). हाल ही में अनुराग कश्यप द्वारा स्थापित प्रोडक्शन हाउस गुड बैड फिल्म्स के बैनर तले बनी चॉक्ड में सैयमी खेर और मलयालम एक्टर रोशन मैथ्यू लीड भूमिका में हैं. आपने सैयमी को इससे पहले राकेश ओम प्रकाश मेहरा की फिल्म मिर्जया और हाल ही में हॉटस्टार (Hotstar) पर रिलीज वेब सीरीज स्पेशल ऑप्स में देख चुके हैं. वहीं रोशन मैथ्यू हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के लिए नया नाम है. अनुराग कश्यप की फिल्म ‘चॉक्ड: पैसा बोलता है’ 5 जून यानी शुक्रवार को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही है और इस फिल्म को लेकर अनुराग काफी उत्साहित हैं.

Choked, Anurag Kashyap, Netflix, Demonetisation अनुराग कश्यप हमेशा ही अपनी फिल्मों में नए प्रयोग के लिए जाने जाते हैं और ऐसे ही कुछ प्रयोग उन्होंने अपनी नई फिल्म चोक्ड में भी किये हैं

फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद कहानी के बारे में इतना तो पता चल जा रहा है कि एक मिडिल क्लास फैमिली है, आर्थिक तंगी को लेकर पति-पत्नी के बीच नोक-झोंक हो रही है, किसी तरह घर चल पा रहा है, पड़ोसी से मनमुटाव भी और फिर एक दिन अचानक इस मिडिल क्लास बैंक कैशियर सरिता की किस्मत बदल जाती है, जब उसके किचन में बेसिन की पाइप से पैसे निकलने लगते हैं.

इस फिल्म में साल 2016 के नरेंद्र मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले नोटबंदी का भी जिक्र है. और बहुत सी बातें हैं, जो आप अनुराग कश्यप से उम्मीद करते हैं और ये आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा, बाकी फिल्म के बारे में ज्यादा बातें नहीं करते हैं. यहां बात होगी अनुराग कश्यप की, जिनकी चर्चा भारत में ओटीटी यानी डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर सबसे ज्यादा होती है.

कारण है कि भारत में नेटफ्लिक्स पर सबसे पहले और सबसे फेमस वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स को उन्होंने अपने दोस्त विक्रमादित्य मोटवाने के साथ डायरेक्ट किया था. बाद में उसका दूसरा सीजन भी आया. इसके बाद उन्होंने नेटफ्लिक्स ऑरिजिनल फिल्म लस्ट स्टोरीज और घोस्ट स्टोरीज के एक खास हिस्से के निर्देशन का बागडोर संभाला. अब आलम ये है कि ओटीटी प्लैटफॉर्म्स को अनुराग अपने लिए काफी मुफीद और सटीक मानते हैं.

हाल ही में अपने प्रोडक्शन हाउस गुड बैड फिल्म्स को दुनिया से रूबरू कराते हुए उन्होंने कहा कि मुझे ओटीटी यानी एंटरटेनमेंट के डिजिटल मीडियम पर काम करना भा गया है, क्योंकि यहां मुझे कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है. अब यहां जब बात हो रही है रोकने-टोकने की, तो आपको बताते चलें कि भारतीय सिनेमा जब बदलाव के काल से गुजर रही थी और यह बात 15 साल पहले की है.

बदलाव चाहे फिल्मों की कहानी के स्तर को लेकर हो, नए-नए थिएटर एक्टर्स की फिल्मों में एंट्री को लेकर हो या रियलिस्टिक फिल्में, जो कि अति काल्पनिकता से इतर वास्तविकता दिखाती थी, अनुराग कश्यप इस बदलाव की बहुत मजबूत कड़ी माने जाते हैं. करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन और आदित्य चोपड़ा के यशराज प्रोडक्शन तले बनने वाली फिल्मों से अलग अनुराग कश्यप ने साल 2007 में ब्लैक फ्राइडे और नो स्मोकिंग, साल 2009 में देव डी और गुलाल को निर्देशित करने के साथ ही लेखक, निर्माता और सलाहकार के रूप में अपनी भूमिका से भारतीय सिनेमा का चरित्र ही बदलने की कोशिश की और कुछ हद तक सफल भी हुए.

इन सबके बीच उन्हें फिल्म को प्रमाणित करने वाली सबसे बड़ी संस्था सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड से भी लोहा लेना पड़ा, लेकिन अनुराग ने हार नहीं मानी और हर बाजी जीतते गए. साल 2009 में गुनीत मोंगा के साथ ‘अनुराग कश्यप फिल्म्स’ नामक प्रोडक्शन हाउस खोलकर कई प्रोजेक्ट्स पर सफलतापूर्वक काम करने और ढेरों अवॉर्ड्स बटोरने के बाद अनुराग कश्यप ने साल 2011 में मधू मंटेना, विक्रमादित्य मोटवाने और विकास बहल के साथ फैंटम फिल्म्स नामक प्रोडक्शन हाउस खोला.

साल 2011 से लेकर 2018 तक आलम ये रहा कि हर चौथी-पांचवीं फिल्म में फैंटम फिल्म्स किसी न किसी रूप में शामिल रही. साल 2018 में विकास बहल पर #METOO का आरोप लगने के बाद फैंट्स फिल्म्स के सितारे गर्दिश में चले गए और यह प्रोडक्शन हाउस खत्म हो गया. अनुराग कश्यप ने हमेशा वही किया, जो वो करना चाहते थे, इस वजह से वह काफी विवादित भी रहे हैं.

1993 के मुंबई बम धमाके की पृष्टभूमि पर आधारित अनुराग की फिल्म ब्लैक फ्राइडे को सेंसर बोर्ड ने 2 साल तक रिलीज नहीं होने दिया, जिसके कारण अनुराग और सेंसर बोर्ड में लंबा विवाद चला. उड़ता पंजाब और रमन राघव 2.0 के समय भी अनुराग कश्यप का सेंसर बोर्ड के अधिकारियों से विवाद रहा. लेकिन अनुराग कश्यप ने क्रिएटिव फ्रीडम से कभी समझौता नहीं किया.

ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर अनुराग कश्यप के पास स्वतंत्रता ही स्वतंत्रता है और वह इसका फायदा भी उठा रहे हैं, क्योंकि यहां सेंसरशिप की व्यवस्था तो है नहीं. इसलिए अनुराग खुद को ओटीटी प्लैटफॉर्म्स के लिए ही बना हुआ मानने लगे हैं और एक के बाद रचनात्मक कोशिशों से दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं, जिसका ताजा उदाहरण है- चॉक्ड: पैसा बोलता है.

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