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Updated: 08 सितम्बर, 2022 07:19 PM
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उज्जैन में रणबीर-आलिया के साथ जो हुआ, यकीन मानिए बायकॉट की हवा निकल गई है. क्योंकि, पब्लिक परसेप्शन बदल गया है. क्योंकि, लॉ ऑफ मैथेमेटिक्स जो अप्लाई हो गया है. माइनस माइनस प्लस होता है और ब्रह्मास्त्र के लिए भी वही होने जा रहा है. दरअसल, बायकॉट की अति हो गई महाकाल की नगरी में. और, संत कबीर कब गलत हुए हैं. भले ही पंद्रहवीं सदी में वे कह गए थे - अति का भला न बोलना अति की भली न चूप, अति का भला न बरसना अति की भली न धूप.

दिलचस्प है कि फिल्ममेकर अयान मुखर्जी भी उज्जैन पहुंचे थे. और, जैसा महाकाल मंदिर के पुजारी ने बताया. उन्होंने बाकायदा दर्शन किये. सो कतिपय यानी चंद उग्रवादी हिंदू संगठनों का कथित विरोध रणबीर कपूर के प्रति है. और, अब आलिया भट्ट पत्नी हैं. तो, उससे भी है. नाराजगी तो करण जौहर से भी है. लेकिन, महाकाल शिव का ही स्वरूप है. और, शिव तो वो भगवान हैं, जो कोई भेदभाव नहीं करते. राक्षस को भी वरदान दे देते थे. दोनों को दर्शन नहीं करने दिया गया और शायद इसीलिए भोलेनाथ ने जरूर रणबीर आलिया की सुन ली होगी. जोड़े पर कृपा बरसा दी होगी कि जाओ फिल्म हिट या सुपरहिट ही नहीं ब्लॉकबस्टर होगी. साथ ही दर्शन में बाधा पहुंचाने वालों पर वक्र दृष्टि भी डाल दी होगी.

Brahmastra Blockbuster Film Mahakalबहुत समय बाद नामचीन सितारों से सजी 400-450 करोड़ लागत की हॉलीवुड सरीखी फिल्म 3डी में स्क्रीन होने जा रही है.

फिल्म का सक्सेस होना सत्ता के लिए भी जरूरी है. वरना कतिपय उग्रवादी हिंदू संगठनों मसलन बजरंग दल, वीएचपी , करणी सेना वगैरह का साथ देने का आरोप सिद्ध हो ही जाएगा. बहुत हुआ बायकॉट का तमाशा. लोगों को लगने लगा है कि इन संगठनों को सरकार ने सर पर चढ़ा रखा है; कहीं बायकॉट मिस फायर ना कर जाए और निकट भविष्य में होने वाले चुनावों में पब्लिक उनका ही बायकॉट कर दे. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने रणबीर कपूर की 'बीफ' खाने और आलिया भट्ट की 'ब्रह्मास्त्र' फिल्म देखने के बारे में कथित टिप्पणियों के चलते ऐसा किया. रणवीर ने बीफ खाने की बात 2011 में कही थी. जिसे हालिया बता दिया जा रहा है. आलिया ने एक मीडिया आउटलेट को इंटरव्यू के दौरान कहा था कि जो लोग उनकी फिल्म ब्रह्मास्त्र देखना चाहते हैं, उन्हें देखना चाहिए और नहीं देखना चाहते हैं, वे न देखें.

कथित उग्र हिंदू कार्यकर्ताओं को आलिया भट्ट के ये कहने पर क्या आपत्तिजनक लगा, कोई नहीं बता रहा है. स्पष्ट है कि रणबीर की वाइफ होने की वजह ही है, 'वे' ना भी बताएं तो. अब कौन समझाए इन नासमझों को कि शिव तो भोले भगवान है. बीते कल की बात वे दिल से नहीं लगाते, तो रणबीर कपूर के 11 साल पहले के बीफ खाने के कथन से क्या खाक नाराज रहेंगे. दरअसल, बीते कुछ समय से इन उग्र हिंदू संगठनों को जाने-अनजाने शह मिल रही है. और, उन्होंने हिंदी फिल्मों के बहिष्कार का एक पैटर्न सा खींच लिया है. अब देखिए कुछ हुड़दंगियों ने उज्जैन में जो किया सो किया. मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कह बैठे कि रणबीर कपूर को बोलते समय शब्दों का सही चयन करना चाहिए था.

जब ब्रह्मास्त्र का ट्रेलर रिलीज़ हुआ था, तब किसी को रणबीर कपूर का किरदार मंदिर में जूते पहने नजर आ गया. और, रणबीर हिंदू विरोधी करार दिए जाने लगे. क्योंकि, मंदिर का अपमान जो कर दिया उन्होंने. पता नहीं क्या सीन है. हो सकता है कि किरदार जूते पहने मंदिर के उस बाहरी हिस्से तक में ही रहा हो, जहां तक जूते पहनकर जाना प्रतिबंधित ना हो. बहुत समय बाद नामचीन सितारों से सजी 400-450 करोड़ लागत की हॉलीवुड सरीखी फिल्म 3डी में स्क्रीन होने जा रही है. हम तो चाहेंगे कि 'ब्रह्मास्त्र' इंडियन माइथोलॉजी से प्रेरित फिल्म के रूप में सौ फीसदी खरी उतरे. वैसे, अब तक का हाइप तो यही बता रहा है कि ओपनिंग दमदार रहेगी. कथानक भी दमदार हो और ओपनिंग का जलवा लंबा खिंचे. ऐसा होना ही समूची फिल्म बिरादरी के हित में होगा. देश की भाजपा सरकार के लिए भी फिल्म का खूब चलना ही हितकर होगा. वरना दक्षिणपंथियों ने कहां कोई कसर छोड़ी है पार्टी की छवि धूमिल करने में.

लेखक

prakash kumar jain prakash kumar jain @prakash.jain.5688

Once a work alcoholic starting career from a cost accountant turned marketeer finally turned novice writer. Gradually, I gained expertise and now ever ready to express myself about daily happenings be it politics or social or legal or even films/web series for which I do imbibe various  conversations and ideas surfing online or viewing all sorts of contents including live sessions as well .

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