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Updated: 12 अगस्त, 2021 10:19 PM
अनुज शुक्ला
अनुज शुक्ला
  @anuj4media
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1) भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया को देखने की सबसे बड़ी वजह तो यही हो सकती है कि फिल्म स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आ रही है. फिल्म देशभक्ति की भावना से लबरेज है ही इसमें मनोरंजन के दूसरे एलिमेंट भी भरपूर हैं. भुज का ट्रेलर काफी भव्य दिखा है. इसके कुछ गानों ने तो धूम मचा दी है. खासकर अरिजीत सिंह की आवाज में देश मेरे भावनाओं का ज्वार उठा देने वाला गाना है. नोरा फतेही पर फिल्माया गया कोका कोला आइटम नंबर भी ट्रेंड में है. युद्ध आधारित अब तक जितनी फ़िल्में आई हैं उसमें भुज की कहानी कई लिहाज से यूनिक और आकर्षक नजर आ रही है. भुज स्वतंत्रता दिवस सप्ताह में देखने लायक फैमिली फिल्म साबित हो सकती है.

2) 1962, 1965, 1971 और 1999 की जंग को लेकर बॉलीवुड ने कई फ़िल्में बनाई हैं जिसमें तीनों सेनाओं की बहादुरी के अनजाने मगर सच्चे किस्से सामने आए हैं. लेकिन ज्यादातर फिल्मों की कहानियां राजस्थान, पंजाब या देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी सीमाओं पर लड़े गए युद्धों पर आधारित हैं. भुज की कहानी इसलिए यूनिक है कि इसमें भारतीय सेनाओं की बहादुरी और शहादत के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों खासकर जंग के दौरान ग्रामीण महिलाओं की भूमिका को भी फ़िल्मी पर्दे पर प्रमुखता से दिखाया जा रहा है. यह इतिहास प्रसिद्ध है कि भुज का एयरबेस 71 की जंग के दौरान पाकिस्तानी हमले में तबाह हो गया था. जिसे महिलाओं की मदद से वायुसेना ने ऑपरेट करने लायक बना दिया था.

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3) भुज बॉलीवुड की संभवत: पहली फिल्म है जिसमें पागियों की भूमिका को महत्वपूर्ण तरीके से दिखाया जा रहा है. चीन के साथ हुई जंग के दौरान धर्मेंद्र की फिल्म हकीकत में स्थानीय नागरिकों का बलिदान उभरकर सामने आया था, मगर अब तक भुज पहली फिल्म है जिसमें पागियों के अदम्य साहस और योगदान को दिखाया जा रहा है. संजय दत्त पागी की भूमिका में हैं. पागी रेगिस्तानी इलाके के वो जानकार होते हैं जो रेत पर बने निशानों के जरिए सटीक जानकारियां देने में सक्षम होते हैं. पागी इतने सक्षम होते हैं कि निशानों के आधार पर बता सकते हैं कि फला जानवर या इंसान के निशान किधर से आ रहे हैं, कितने पुराने हैं और वो कहां तक पहुंचे होंगे. भुज का इलाका कच्छ के रेगिस्तान का इलाका है. 71 की जंग में पागियों ने रेत पर बने निशानों के आधार पर सेना को कई अहम जानकारियां दी थीं जो निर्णायक साबित हुई थीं.

भुज से पहले बॉर्डर में भी पागियों का कौशल दिखाया गया है. जिन्होंने जेपी दत्ता की फिल्म देखी है उन्हें पता होगा कि सुनील शेट्टी ऊंट के निशान और घास के आधार पर यह पता कर लेते हैं कि संदिग्ध सीमा पार से आए हैं. हालांकि सुनील शेट्टी की भूमिका सेना के अफसर की थी जो इत्तेफाक से स्थानीय थे और उन्हें रेत के अनुभव थे. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि बॉर्डर में जंग के दौरान पागियों की भूमिका को स्पष्ट रूप से दिखाया गया है.

4) जंग के दौरान युद्ध आधारित जो फ़िल्में बनीं उनमें ज्यादातर थल सेना के जवानों की कहानियां ही निकलकर सामने आई हैं. इंडियन नेवी के अफसरों की बहादुरी को दिखाने वाली एकमात्र फिल्म द गाजी अटैक भी आई. लेकिन दर्शकों ने जमीन से लेकर हवा तक बहादुरी का परचम लहराने वाले वायुसेना के जवानों की कहानियों को मिस किया है. भुज उस कमी की भरपाई कर सकती है. अजय देवगन ने जंग के दौरान भुज एयरबेस के प्रभारी वायुसेना अफसर विजय कार्णिक की भूमिका निभाई है. संभवत: भुज बॉलीवुड की युद्ध आधारित पहली फिल्म है जिसमें जंग के दौरान वायुसेना के जवानों की भूमिका को मुख्य कहानी के केंद्र में रखा गया है. इससे पहले वायुसेना के जांबाजों की बहादुरी पर कोई फिल्म नजर नहीं आती. हाल में जाह्नवी कपूर स्टारर गुंजन सक्सेना की बायोपिक को अपवाद माना जा सकता है जो जंग के दौरान एक फीमेल एयर पायलट की महत्वपूर्ण भूमिका को दिखाती है. इससे पहले बॉर्डर में भी वायुसेना के लड़ाकू पायलट की संक्षिप्त बहादुरी को दिखाया गया था. जैकी श्राफ ने लड़ाकू पायलट की भूमिका निभाई थी. फिलहाल भुज को जंग में लड़ाकू पायलटों पर बनी फिल्म मान सकते है.  

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5) चूंकि फिल्म वायुसेना की बहादुरी पर है, उम्मीद की जाती है इसमें दर्शकों को तमाम नई चीजों को जानने समझने का मौका मिलेगा. जंग के दौरान वायुसेना की क्या भूमिका होती है, उसे कंट्रोल कैसे किया जाता है, आपात स्थितियों में वायुसेना कैसे काम करती है और इंडियन आर्म्ड फोर्सेस के अलग-अलग अंगों के बीच कैसे तालमेल होता है आदि चीजें देखने को मिल सकती हैं. जाहिर सी बात है कि युद्ध आधारित फिल्म के संवाद पंच के साथ होंगे. वैसे ट्रेलर में अजय देवगन, संजय दत्त के हिस्से से कुछ जबरदस्त संवाद निकलकर सामने आए हैं. दर्शक अच्छे संवादों के लिए भी भुज को देख सकते हैं.

6) भुज में दमदार सपोर्टिंग कास्ट है. मुख्य भूमिका में भले ही अजय देवगन, संजय दत्त और सोनाक्षी सिन्हा नजर आ रहे हैं, लेकिन सपोर्टिंग स्टारकास्ट काफी मजबूत है. नोरा फतेही, शरद केलकर, एमी विर्क, प्रणिता सुभाष, इहाना ढिल्लन और महेश शेट्टी जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं.

भुज: द प्राइड ऑफ़ इंडिया डिजनी प्लस स्टार पर 13 अगस्त से स्ट्रीम हो रही है. फिल्म का निर्देशन अभिषेक दुधैया ने किया है.

लेखक

अनुज शुक्ला अनुज शुक्ला @anuj4media

ना कनिष्ठ ना वरिष्ठ. अवस्थाएं ज्ञान का भ्रम हैं और पत्रकार ज्ञानी नहीं होता. केवल पत्रकार हूं और कहानियां लिखता हूं. ट्विटर हैंडल ये रहा- @AnujKIdunia

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