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Updated: 08 अगस्त, 2022 03:49 PM
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छोटे पर्दे यानी टेलीविजन की घर-घर तक पहुंच उसे बड़े पर्दे से बहुत बड़ा बनाती है. यही वजह है कि लंबे समय तक इसकी लोकप्रियता को दरकिनार करने वाले फिल्मी सितारे अब सहर्ष यहां दिखना चाहते हैं. फिल्मी दुनिया के कई बड़े सितारे छोटे पर्दे पर आने के बाद पहले से ज्यादा लोकप्रिय हुए. अमिताभ बच्चन इसके सबसे बड़े उदाहरण माने जा सकते हैं. जब उनका करियर ढ़लान पर था.

जब पाई-पाई के मोहताज थे, तब छोटे पर्दे ने ही उनको सहारा दिया था. उसके बाद सितारों की लाइन लग गई. क्या शाहरुख खान क्या सलमान खान, हर सितारा टीवी पर आने के लिए आतुर हो गया. टीवी पर टीआरपी की रेस जगजाहिर है. यहां दिखने वाले हर शो या सीरियल को इस रेस में शामिल होना पड़ता है. इस वक्त स्टार प्लस का सीरियल 'अनुपमा' लंबे समय से टीआरपी के चार्ट में नंबर एक पर बना हुआ है.

टीवी सीरियल 'अनुपमा' की कहानी एक गृहणी अनुपमा शाह की जिंदगी के इर्द-गिर्द घूमती है. वो अपने कार्य और व्यवहार की वजह से घर के हर सदस्य को खुश रखने की कोशिश करती है. परंपरागत भारतीय नारी की तरह हर किरदार में खुद को सफल साबित करने में लगी रहती है. एक अच्छी पत्नी, मां, बहू और भाभी की भूमिका में खुद को हमेशा साबित करती रहती है. लेकिन परिवार अपनी चाल चलता है. पति का एक्सट्रा मैरिटल अफेयर है. बच्चे अपनी जिंदगी में मशरूफ हैं.

एक संयुक्त परिवार की उलझी हुई कहानी में अनुपमा को हर जगह आसानी से खोजा जा सकता है. ये कहानी एक मिडिल क्लास फैमिली में रहने वाले ज्यादातर लोगों को अपनी सी लगती है. खासकर उन महिलाओं को ज्यादा, जो अपनी निजी खुशी और सपनों को त्याग करके अपने परिवार और पति के सपनों को पूरा करने में लगी हुई हैं. स्टार प्लस पर इस शो को अमूमन हर घर में देखा जाता है. सोशल मीडिया पर इसके आने वाले एपिसोड की चर्चा की जाती है, जो इसकी लोकप्रियता की कहानी कहती है.

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आइए जानते हैं कि ये टीवी सीरियल इतना ज्यादा लोकप्रिय क्यों हैं...

1. यथार्थवादी कहानी

राजन शाही पिछले साल जुलाई में 'अनुपमा' को टेलीविजन स्क्रीन पर लाए थे. यह लोकप्रिय बंगाली टीवी शो 'श्रीमोई' का हिंदी रीमेक है. राजन शाही ने इससे पहले 'आई कुथे के' नामक एक मराठी शो का निर्माण किया था. वह चाहते थे कि हिंदी दर्शक भी इस कहानी को देखें. इसी वजह से 'अनुपमा' अस्तित्व में आईं. रूपाली गांगुली, सुधांशु पांडे और मदालसा शर्मा स्टारर 'अनुपमा' टीवी सीरियल इसके बाद से ही दर्शकों के दिलों पर राज कर रहा है और टीआरपी लिस्ट में नंबर एक पर बना हुआ है. अनुपमा एक गृहिणी की कहानी कहती हैं, जो कि अपने पति और परिवार से बहुत प्यार करती है. उनके लिए हमेशा समर्पित रहती है. लेकिन जब उसको अपने पति वनराज शाह की बेवफाई के बारे में पता चलता है, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है. इस सच को जानने के बाद अनुपमा वनराज से आगे बढ़ने का फैसला करती है. अनुपमा एक साधारण महिला की असाधारण कहानी है.

2. अपने से लगने वाले किरदार

'अनुपमा' की कहानी हर मिडिल क्लास फैमिली की कहानी से मिलती-जुलती है. यही वजह है कि इसका हर किरदार हमें अपना सा लगता है. ऐसा लगता है कि हमारे ही परिवार का कोई सदस्य है. इसके हर किरदार की अपनी एक अलग कहानी है. उसका विस्तार ही इस सीरियल का संसार है, जो लोगों के मन को मोह लेता है. बात चाहे अनुपमा की हो या फिर वनराज की, या फिर बाबूजी, बा, काव्या, पाखी, समर, परितोष, किंजल और डॉली की, हर किरदार अपने स्तर पर दर्शको को आकर्षित करने का काम करता है. हर किरदार की खुशी अपनी खुशी और उसका दर्द अपना लगता है. यही वजह है कि लोग इस सीरियल से बहुत जल्दी बंध जाते हैं. इसके किरदार और उनकी कहानी कौतूहल पैदा करती है.

3. बेहतरीन स्टारकास्ट

किसी फिल्म, सीरीज या सीरियल की सफलता की अहम शर्त ये होती है कि उसके स्टारकास्ट का चुनाव कितना सटीक किया गया है. यदि फिल्म या सीरियल मेकर ने स्टारकास्ट का चुनाव अपनी कहानी के हिसाब से कर लिया, तो समझिए कि वो आधी जंग जीत चुका है. इस मामले में 'अनुपमा' के मेकर्स लकी हैं. उन्होंने इतनी शानदार स्टारकास्ट का चुनाव किया है, जो कि सीरियल पर चार चांद लगाने का काम करती है. इस सीरियल में रूपाली गांगुली, सुधांशु पांडे और मदालसा शर्मा के साथ आशीष मेहरोत्रा, निधि शाह, पारस कलनावत, मुस्कान बामने, अनघा भोसले, अल्पना बुच, अरविंद वैद्य, तस्नीम शेख, जसवीर कौर और शेखर शुक्ला जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. हर कलाकार ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है. उनको देखकर ऐसा लगता है कि उनका जन्म ही इस किरदार के लिए हुआ है. किरदार के हिसाब से कलाकारों का चयन सीरियल की सफलता अहम वजह है.

4. आधुनिकता और परंपरा का मिश्रण

'अनुपमा' आधुनिकता और परंपरा का एक आदर्श मिश्रण कहा जा सकता है. सीरियल के मेकर्स ने अनुपमा का किरदार बहुत करीने से गढ़ा है. उसे बहुत प्रभावी बनाया है. वो एक ऐसी महिला है जो अपने बच्चों के फैसलों में उनका साथ देती है. वो रिश्तों के प्रति आधुनिक दृष्टिकोण रखती हैं. वो पुरानी रूढ़ियों को रिश्तों को बर्बाद नहीं होने देती हैं. इस जमाने में आधुनिकता और परंपरा के बीच जो संघर्ष चलता रहता है, उसे इस सीरियल में बखूबी दिखाया गया है. यदि आप भी इसे समझना चाहते हैं, तो इस शो को जरूर देखें.

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