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Updated: 17 अक्टूबर, 2017 01:44 PM
सिद्धार्थ हुसैन
सिद्धार्थ हुसैन
  @siddharth.hussain
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अपने बेटों के साथ बहुत से स्टार्स ने काम किया. लेकिन बेटी के साथ काम करनेवाले पिता सिर्फ अनिल कूपर हैं. हालांकि साउथ में कमल हासन अपनी बेटी श्रुति हासन के साथ काम करेंगे. लेकिन उनसे पहले दिखेंगे अनिल कपूर अपनी बेटी सोनम कपूर के साथ फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' में. फिल्म के निर्माता हैं विधु विनोद चोपड़ा और निर्देशक हैं विनोद चोपड़ा की बहन शैली चोपड़ा. फिल्म का टाइटिल अनिल कपूर की मशहूर फिल्म 1942 A Love Story के मशहूर गाने से लिया गया है. उस फिल्म के निर्देशक भी विनोद चोपड़ा ही थे.

अनिल कपूर ने अपनी बेटियों का हौसला हमेशा बढ़ाया है. हालांकि उन्होंने बेटे हर्षवर्धन का भी साथ दिया है. लेकिन ये भी सच है हर्ष का करियर अभी तक ठीक नहीं जा रहा है. वहीं बेटी सोनम कपूर आज एक बड़ी और सफल हीरोइन के तौर पर जानी जाती हैं. एक बात और जो क़ाबिले तारीफ है कि अनिल कपूर ने अपनी बेटी सोनम को खुद लॉन्च नहीं किया था. और सोनम के साथ बतौर एक्टर भी तब काम किया जब वो अपने दम पर सफल हो गईं. ताकि कहने को ये ना हो कि पिता ने पुत्री को सपोर्ट करने के लिये फिल्म किया.

Anil Kapoor, Sonam Kapoorसोनम कपूर की पहचान पिता की वजह से नहीं खुद के टैलेंट की वजह से है

वैसे इस फिल्म इंडस्ट्री में बहुत से स्टार्स ने अपने बेटों को सपोर्ट करने के लिये फिल्में की हैं. जो कोई बुरी बात नहीं है. लेकिन ये भी हक़ीक़त है कि ज्यादातर बेटे, पिता की सहायता के बाद भी वो मुक़ाम हासिल नहीं कर पाये जो पिता को मिला था. और इससे ये भी साबित होता है कि अगर टैलेंट नहीं है तो आपको कोई नहीं बचा सकता.

तो चलिए नज़र डालते हैं कुछ पिता-पुत्र की जोड़ी पर-

अमिताभ बच्चन - अभिषेक बच्चन

Anil Kapoor, Sonam Kapoorपिता ने सहारा बहुत दिया लेकिन अभिषेक कमाल नहीं कर पाए

अमिताभ बच्चन के सुपुत्र अभिषेक बच्चन ने रिफ्यूजी से फिल्मों में डेब्यू किया. हालांकि अमिताभ ने उन्हें लॉन्च नहीं किया था, लेकिन ये भी सच है कि डेब्यू फिल्म रेफ्यूजी बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कारनामा नहीं दिखा पाई थी. पिता पुत्र ने एक साथ 17 फिल्मों में काम किया है. लेकिन जहां दोनों के रोल बराबर के हैं या जो फिल्में चर्चा में रही वो हैं- '2005 में आई थी 'सरकार', 2005 में ही आई 'बंटी और बबली', 2006 में 'कभी अलविदा ना कहना', 2008 में 'सरकार राज'. बाकी सभी फिल्मों में या तो अमिताभ ने मेहमान भूमिका निभाई थी या फिर अभिषेक ने.

मेहमान भूमिका करने की अहम वजह अक्सर ये होती है कि उस सितारे के फैन्स भी फिल्म को देखने के लिये आयें. वैसे अभिषेक की तुलना अमिताभ से करना बेमानी होगा. लेकिन ये भी सच है कि अभिषेक बच्चन ने अब तक जो भी फिल्में की हैं, उसमें सोलो हीरो के तौर पर मणिरत्नम की 'गुरू' ही यादगार फिल्म है. और पिता के सपोर्ट के बावजूद आज की तारीख में अभिषेक बच्चन का करियर कहीं नहीं है.

लेकिन कुछ ऐसे स्टार सन ऐसे भी हैं जिनका करियर तो अभिषेक बच्चन जैसा भी ना हो सका.

फ़िरोज़ खान - फ़रदीन खान

Anil Kapoor, Sonam Kapoorस्टार पिता की मेहनत भी फरदीन को बॉलीवुड में स्थापित नहीं कर पाई

फ़रदीन खान ने 1998 में 'प्रेम अगन' से डेब्यू किया. फिल्म के निर्माता-निर्देशक दोनों ही फरदीन के पिता फ़िरोज़ खान ही थे. बाद में फ़रदीन ने 'जंगल' 'प्यार तूने क्या किया' 'फ़िदा' जैसी फिल्में भी की. लेकिन फ़िरोज़ खान चाह कर भी अपने जानशीन का करियर नहीं बचा सके.

विनोद खन्ना - पुत्र राहुल खन्ना और अक्षय खन्ना

विनोद खन्ना के बड़े पुत्र राहुल का करियर तो हिंदी फिल्मों में कभी चला ही नहीं. लेकिन छोटे बेटे अक्षय को उन्होंने फिल्म 'हिमालय पुत्र' से बतौर हीरो लॉन्च किया था. फिल्म फ्लॉप थी. लेकिन जेपी दत्ता की मल्टिस्टारर फिल्म 'बॉर्डर' में अक्षय के अभिनय की बहुत तारीफ हुई थी. आज भी अक्षय खन्ना को बतौर एक्टर तो लोग पसंद करते हैं लेकिन हीरो के तौर पर उनका मार्केट खत्म हो चुका है.

जितेंद्र - तुषार कपूर

Anil Kapoor, Sonam Kapoorबेटी ने तो झंडे गाड़ दिए लेकिन बेटा फेल हो गया

अपने वक्त के सुपर स्टार जितेंद्र की बेटी एकता कपूर ने जो नाम कमाया, उस लिहाज़ से पुत्र तुषार कपूर कुछ भी ना कर पाये. हालांकि 'गोलमाल' सीरीज़ में उनकी कॉमेडी की तारीफ हुई और अपनी पहली फिल्म 'मुझे कुछ कहना है' भी हिट रही. लेकिन आज की तारीख में तुषार कपूर मल्टिस्टारर फिल्म में ही कास्ट किये जाते हैं. सोलो मार्केट दूर दूर तक नहीं है.

राज बब्बर - आर्या बब्बर और प्रतीक बब्बर

राज बब्बर के दोनों पुत्र फिल्में में कुछ खास नहीं कर पाये. पिता का रसूख और पैसा, पुत्रों की मदद नहीं कर पाया.

मिथुन चक्रवर्ती - मिम्मो

डांसिंग स्टार मिथुन चक्रवर्ती ना सिर्फ 80 के दशक में बहुत बड़े स्टार थे, बल्कि 3 बार नेश्नल अवॉर्ड भी जीत चुके हैं. वहीं पुत्र मिम्मो की पहली फिल्म फ्लॉप रही. लेकिन उनकी एक्टिंग की भी कभी तारीफ नहीं हुई. मिथुन दा चाह कर भी कुछ ना कर सके.

शेखर सुमन के पुत्र अध्यन सुमन. मनोज कुमार के पुत्र कुणाल गोस्वामी. देव आनन्द के पुत्र सुनील आनंद. राजेंद्र कुमार के पुत्र कुमार गौरव. धर्मेंद्र के छोटे पुत्र बॉबी देओल. लिस्ट बड़ी लंबी है. सफल स्टार सन के मुक़ाबले फ्लॉप बेटों की लिस्ट ज्यादा बड़ी है. यही वजह है कि अनिल कपूर ने अपनी बेटी के साथ तब काम करने की सोची जब वो खुद अपने बल पर जानी जाती हैं.

तो ये सिर्फ उनके लिये ही नहीं, बल्कि हर उस पिता के लिये गर्व की बात है, जिसने बेटी और बेटे में कोई भेदभाव नहीं रखा. उम्मीद है पिता-पुत्री की जोड़ी परदे पर जब आये तो छा जाये

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लेखक

सिद्धार्थ हुसैन सिद्धार्थ हुसैन @siddharth.hussain

लेखक आजतक में इंटरटेनमेंट एडिटर हैं

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