Saurav Shekhar
1647332455636811
रेणु के अंचल से, पत्रकार.
सियासत | 5-मिनट में पढ़ें

बिहार की राजनीति नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द ही क्यों घूमती दिखती है?
माना जाता है कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में नीतीश के बिना बिहार में किसी सरकार का बनना लगभग नामुमकिन सा है. ऐसी स्थिति में भाजपा तमाम मजबूरियों और प्रतिद्वंदिता के बावजूद नीतीश कुमार को अपने साथ एक बार फिर वापस लाना चाहेगी, तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए.सियासत | 4-मिनट में पढ़ें

राजद-जेडीयू के साथ आने से बदल गए जातीय समीकरण! भाजपा के लिए बिहार बड़ी चुनौती...
बिहार में ओबीसी वोटर निर्णायक संख्या में हैं. नीतीश कुमार और राजद दोनों ही पिछड़ों को लुभाने की राजनीति के लिए जाने जाते हैं. इन दोनों के साथ आने से पिछड़ा वर्ग के वोटरों में बिखराव की संभावना कम है. यह भाजपा के लिए अवसर और चुनौती दोनों है.सियासत | 3-मिनट में पढ़ें