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विजय मनोहर तिवारी
vijay.m.tiwari
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लेखक मध्यप्रदेश के स्टेट इन्फॉर्मेशन कमिश्नर हैं. और 'भारत की खोज में मेरे पांच साल' सहित छह किताबें लिख चुक हैं.
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लेखक मध्यप्रदेश के स्टेट इन्फॉर्मेशन कमिश्नर हैं. और 'भारत की खोज में मेरे पांच साल' सहित छह किताबें लिख चुक हैं.
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समाज
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9-मिनट में पढ़ें
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विजय मनोहर तिवारी
@vijay.m.tiwari
बागेश्वर धाम सरकार की प्रजा को पहचानिये, ये कोई धार्मिक मनोरंजन नहीं है
बागेश्वर बाबा के दरबारों में गए बिना अंधश्रद्धा निर्मूलन नाम की समिति के कुछ कर्ताधर्ताओं को अंधविश्वास के दर्शन हुए हैं. जड़बुद्धि मूढ़ों की इस जमात को पुट्टपर्थी के सत्यसाईं में तो अंधविश्वास दिखाई देता था, किसी बंगाली बाबा के वशीकरण के विज्ञापनों से कोई तकलीफ नहीं रहा. न किसी दरगाह में मन्नत और पादरियों का पाखंड उजागर करने ये कहीं गए. पड़े-पड़े महाराष्ट्र में कहीं धूल खा रहे थे कि बागेश्वर बाबा से प्राण मिल गए.
समाज
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विजय मनोहर तिवारी
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अंधे माहौल में सबके अपने आफताब हैं
कुछ सरकारों ने कानून बनाकर कदम उठाए हैं, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं. वे तो मामला पूरा पक जाने के बाद के कदम हैं. शुरुआत परिवारों से ही होनी चाहिए. ऐसा करने से ही कोई श्रद्धा या कोई शालू कॉलेज या कोचिंग जाने के पहले ही यह समझ चुकी होगी कि अब वह जिस दुनिया में कदम रख रही है, उधर शिकारी कुत्तों से उसे कैसे बचना है?
संस्कृति
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विजय मनोहर तिवारी
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हजार साल पहले उज्जैन का विध्वंस 'मजहब की तरक्की' के रूप में दर्ज रहा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उज्जैन में महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) के नजदीक भव्य कॉरिडोर (Mahakal Corridor) को लोकार्पित किया. लेकिन, इसी उज्जैन ने हजार साल पहले मजहब (Islam) के नाम पर जिस जुनूनी विध्वंस को झेला है, उसे नजरअंदाज नहीं जा सकता...
सियासत
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विजय मनोहर तिवारी
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भारत की शिंडलर्स लिस्ट: 13 साल हिटलर-राज बनाम 1300 साल का क्रूर इस्लामिक-राज
'कश्मीर फाइल्स' जैसी हजारों फाइलों के पन्ने इतिहास (History) में फड़फड़ा रहे हैं, जिन पर सेक्युलरिज्म (Secularism) का भारीभरकम पेपरबेट रख दिया गया था. भारत की करुण कथा के खलनायक अकेले अंग्रेज नहीं हैं, जिनसे किसी मिलेजुले संघर्ष से आजादी पा ली गई. तिरंगा (Tricolor) केवल दिखावे का प्रसंग नहीं है.
सियासत
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विजय मनोहर तिवारी
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आखिर क्या है 800 साल की 'हुकूमत' का वहम...
800 साल की 'इस्लामिक हुकूमत' एक ऐसा ही झूठ है, जो बीज से वटवृक्ष बनकर बंजर दिमागों में ही तैर रहा है. हकीकत में कहीं है नहीं. किसी दावे या तर्क की जरूरत नहीं, असल इतिहास पढ़ो और खुद जान जाओ. बिंदुवार कुछ बातें-
सियासत
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विजय मनोहर तिवारी
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The Kashmir Files को सिर्फ कश्मीर की कहानी मत समझिए...
समकालीन 60 से ज्यादा इतिहासकारों ने फाइलों में ये सच्चाइयां लिख छोड़ी हैं. लेकिन, ये सच इतिहास की किताबों से गायब रखे गए. ठीक वैसे ही जैसे कश्मीरियों के नरसंहार पर एक अखंड मौन व्रत धारण करके रखा गया. स्वतंत्र भारत के सत्ताधीशों को इन पापों के लिए इतिहास कभी माफ नहीं करेगा.
संस्कृति
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विजय मनोहर तिवारी
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आदि शंकराचार्य: अज्ञान और आतंक से भरी अभागी-अंधेरी दुनिया के लाइट हाऊस
आदिगुरू शंकराचार्य. महान् ऋषि परंपरा की एक ऐसी कड़ी, जिन्होंने भारत को भारतीयता के अर्थ से लबालब भरा. केवल 32 साल की आयु में वे आध्यात्मिक विरासत पर जम चुकी समय की धूल को साफ करके देश को सनातन संस्कृति के एक मजबूत धागे में बांधकर केदारनाथ से चुपचाप चले गए. जहां प्रधानमंत्री मोदी 5 नवंबर को उनकी प्रतिमा का अनावरण किया.
सियासत
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विजय मनोहर तिवारी
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9/11 Attack: आग के गोले में उभरी शैतान की शक्ल पहचानिए...
9/11 attack 20th anniversary: वह न्यूयार्क था, जहां वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारतों को पलक झपकते ही ढहा दिया गया. अगर कहानी पहले की तरह आक्रमण और कब्जे तक दोहराई गई होती तो न्यूयार्क का ऐसा कोई नया नाम होता-नूरगंज, नूराबाद. वाशिंगटन वजीराबाद बन गया होता. लॉस एंजेलिस लियाकतगंज. इन लड़ाकों ने यही किया है, यह किससे छुपा रह गया है.
समाज
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विजय मनोहर तिवारी
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Taliban Returns: बुद्ध के हत्यारों का भारत में स्वागत!
काबुल और कंधार में उत्पात मचाने वाले और लखनऊ या दिल्ली में बैठकर उनके लिए दुआएं करने वालों या देश और दुनिया के बाकी में हिस्सों में खामोश मुसलमानों में कोई फर्क नहीं है. उनके भीतर एक ही सॉफ्टवेयर धंसा हुआ है.
सियासत
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विजय मनोहर तिवारी
@vijay.m.tiwari
क्या भारत में अल्पसंख्यक अलग-थलग हैं?
AMU की वर्षगांठ के अवसर परPM के भाषण को सुनकर शेखर गुप्ता को मुस्लिमों के बारे में ‘भाजपा से अलग’ मोदी का रवैया दिखाई दिया है. मुसलमानों के संदर्भ में गहरी चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने ‘नाराज, हताश और उपेक्षित’ शब्दों के प्रयोग किए हैं. यह बेहद गंभीर है कि भारत में कोई समुदाय अपने आपको किसी भी राज्य में अलग-थलग, नाराज, हताश और उपेक्षित महसूस करे.
समाज
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विजय मनोहर तिवारी
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Tablighi Jamaat को लेकर निगेटिव मत बनिए, पॉजिटिव रहिए
तब्लीग़ी जमात (Tablighi Jamaat) के निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Masrkaz) को लेकर लगातार ख़बरें आ रही हैं. कहा जा रहा है कि तब्लीगी ऐसा बहुत कुछ कर रहे हैं जो इंसानियत को शर्मसार कर रहा है. सवाल ये है कि क्या अब जमातियों को उनके हाल पर छोड़ देना चाहिए?
ह्यूमर
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विजय मनोहर तिवारी
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Coronavirus: संसार के मालिक अल्लाह से एक काफिर की गुहार
कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown in India) के बीच निजामुद्दीन मरकज़ (Nizamuddin Markaz) से निकले तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) के हजारों सदस्य देश में महामारी फैलाने पर आमादा हैं. ताजा हालात की जानकारी उस अल्लाह तक पहुंचना जरूरी है, जिसकी बनाई दुनिया में ये सब चल रहा है.